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    'आपकी चमड़ी मोटी हो गई, किसी दिन थाने में बैठे मिलोगे', अफसरों से DM बोले- मेरा संयम जवाब दे गया

    Updated: Thu, 21 Aug 2025 03:09 PM (IST)

    हापुड़ में किसान दिवस पर डीएम अभिषेक पांडेय अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट पेश करने पर भड़क गए। उन्होंने बीडीओ और कृषि विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और जल निगम की लापरवाही पर नाराजगी जताई। डीएम ने कहा कि अधिकारियों की वजह से उन्हें शर्मिंदगी हो रही है और वे उनके संयम की परीक्षा न लें। उन्होंने किसान नेता को भी फटकार लगाई।

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    किसानों की समस्या सुनते जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय व सीडीओ हिमांशु गौतम। - जागरण

    जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में किसान दिवस में बुधवार को डीएम का संयम जवाब दे गया। अधिकारियों द्वारा लगातार भ्रमित करने वाली रिपोर्ट प्रस्तुत करने से वह आहत हो गए।

    उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपके कारण मुझको शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। मेरे संयम की परीक्षा ना लें। मैं अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहा हूं। आपकी चमड़ी मोटी हो गई है। आप मुझसे भी सच नहीं बोल सकते तो किसानों से क्या बोलोगे। यही हाल रहा तो आप जैसे अधिकारी थानों में बैठे मिलेंगे।

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    उन्होंने बीडीओ हापुड़ और डीडी एग्रीकल्चर की नकारा कार्यशैली पर नाराजगी जताई। वहीं लगातार मोबाइल देखते रहने पर बीडीओ गढ़ को सभागार से बाहर निकाल दिया।

    बुधवार को तहसील दिवस का आयोजन कलक्ट्रेट सभागार में हाे गया था। डीएम अभिषेक पांडेय किसानों की समस्याओं को सुन रहे थे। वह पिछले तहसील दिवस में दिए गए आदेशों-निर्देशों की अनुपालन आख्या देख रहे थे। उन्होंने पाया कि कई अधिकारी आदेशों पर सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं। वह लच्छेदार शब्दावली से अपनी बात इस तरह से रख रहे हैं, जिससे लगे कि किसानों की समस्याओं का समाधान कर दिया गया है।

    वहीं, कई अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट इस चालाकी के साथ प्रस्तुत की, जिससे लगे कि अब काम होने ही वाला है। ऐसे उत्तर जब डीएम को कई विभागों से मिले उन्होंने संदेह की नजरों से देखा। इसी दौरान किसानाें ने अधिकारियों के लच्छेदार जवाब की हकीकत बतानी आरंभ कर दी।

    डीएम को गुमराह करने की शुरूआत बीडीओ हापुड़ द्वारा की गई। बीडीओ श्रुति सिंह ने डीएम को बताया कि नान गांव में खेल मैदान का प्रस्ताव जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दिया गया है। डीएम ने स्टेनो राहुल को प्रस्ताव लेकर आने को कहा। काफी तलाश के बाद भी प्रस्ताव नहीं मिला। तब बीडीओ बोलीं कि हमने प्रस्ताव डीपीआरओ को भेजा था। इसी प्रकार सिंचाई विभाग व पावर कारपोरेशन की सूचनाएं भी गड़बड़ी मिलीं।

    वहीं, कई विभागों ने अपनी आख्या में लिखा था कि कार्य चार दिन में आरंभ कर दिया जाएगा। दिलचस्प यह है कि आख्या किसान दिवस से दो दिन पहले लगाई गईं। किसानों ने कहा कि इस तरह अधिकारी इस बार तहसील दिवस में जवाब देने से बच गए हैं। अब उनसे अगले तहसील दिवस में पूछा जाएगा। सबसे ज्यादा गुमराह जलनिगम की ओर से किया गया।

    बताया गया कि एक महीने पहले जल निगम को गांवों में तोड़ दी गई सड़कों को ठीक कराने काे कहा गया था। इनमें सिंभावली क्षेत्र का गांव हाजीपुर खासतौर से शामिल था। जल निगम के जेई ने बताया कि सड़क ठीक करा दी गई है। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो वह बोला कि हमने गांव में एक ट्रांली कंक्रीट कल रात में उतार दी है। जल्द काम शुरू हो जाएगा।

    इसके चलते किसान नेता दयाशंकर ने आदेशों का पालन नहीं होने और अधिनस्थों के गुमराह करने पर डीएम पर निशाना साधकर व्यंग कर दिया। इस पर सभी हंस पड़े। इसके साथ ही डीएम शांत होकर दो मिनट तक बैठे रहे। इस दौरान उनका चेहरा तमतमा उठा। बोले कि आपके नकारापन के चलते मुझे शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। मेरे संयम की परीक्षा ना लें। मैं अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहा हूं। आपकी चमड़ी मोटी हो गई है। मुझसे भी सच नहीं बोल सकते तो किसानों से क्या बोलोगे। यही हाल रहा तो आप जैसे अधिकारी थानों में बैठे मिलेंगे।

    डीएम ने कहा अपने काम से भी न्याय नहीं कर सकते हो। झूठ बोलने में महारथ हासिल है। काम नहीं हो सकता तो सीधे कहो कि बजट नहीं है। जनता को जवाब मुझको देना है। अब मैं ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने बीडीओ हापुड़ और डीडी एग्रीकल्चर की कार्यशैली पर नाराजगी जताई।

    इस दौरान मोबाइल देख रहे बीडीओ गढ़ राकेश मिश्रा को बैठक से बाहर कर दिया। तीन दिन में हाजीपुर गांव की सड़क नहीं बनने पर जल निगम के जेई काे संस्पेंड करने की चेतावनी दी। उसके बाद नान गांव का सत्यापन खुद करने की बात कही।

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    नाराज डीएम ने इस दौरान कमेंट करने वाले किसान नेता दयाशंकर को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि मुझको कमजोर करने से आपका ही नुकसान होगा। मैं सबकी सच्चाई जानता हूं। यहां से बाहर निकलने लगे तो मैं ही कपड़ो में नजर आऊंगा। डीएम का गुस्सा देखकर अधिकारी हतप्रभ रह गए।