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    UP के इस जिले में चल रहा रिश्वतखोरी का बड़ा खेल, PWD समेत इन विभागों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 03:33 PM (IST)

    हापुड़ जिले में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का जाल बढ़ता जा रहा है। एंटी करप्शन टीम ने कई विभागों में रिश्वत लेते हुए अधिकारियों को पकड़ा है फिर भी यह समस्या कम नहीं हो रही है। पीडब्ल्यूडी शिक्षा विभाग चकबंदी विभाग और नगर पालिका में रिश्वतखोरी के मामले सामने आए हैं। जिला स्तर पर कार्रवाई न होने से पीड़ितों को परेशानी हो रही है।

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    हापुड़ जिले के डीएम अभिषेक पांडेय। जागरण

    केशव त्यागी, हापुड़। हापुड़ जिले में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का खेल दिन-प्रतिदन बढ़ता जा रहा है। जिम्मेदारों की अनदेखी व कार्रवाई की कमी के कारण यह समस्या गंभीर रूप ले चुकी है।

    मेरठ की एंटी करप्शन टीम ने हाल के महीनों में कई बड़ी कार्रवाई की, जिसमें चकबंदी लेखपाल से लेकर लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका के जेई तक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। बावजूद इसके रिश्वतखोरी पर लगाम नहीं लग पा रहा है। ऐसे में प्रतीत हो रहा है जैसे यह व्यवस्था की कमजोरी है या फिर सांठगांठ का खेल।

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    12 अगस्त 2025 को बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के सिमरौली स्थित पीडब्ल्यूडी कार्यालय में जूनियर इंजीनियर अशोक कुमार को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। ठेकेदार संदीप कुमार ने शिकायत की थी कि उनके 4.50 लाख रुपये के टेंडर कार्य के भुगतान के लिए जेई ने रिश्वत मांगी थी। इस कार्रवाई के बाद अशोक कुमार के निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

    शिक्षा विभाग में रिश्वतखोरी

    29 अप्रैल 2025 को के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जूनियर असिस्टेंट दीपेंद्र शर्मा और संविदा कर्मी निखिल शर्मा को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया। यह रिश्वत पिलखुवा के भविष्य पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल सुकुमार पहाड़ी से स्कूल की मान्यता नवीनीकरण के लिए मांगी गई थी। रिश्वत न देने पर स्कूल बंद करने की धमकी दी गई थी।

    चकबंदी लेखपाल की रिश्वतखोरी

    30 मार्च 2025 को चकबंदी विभाग के लेखपाल नरेंद्र कुमार गौड़ को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया। शिकायतकर्ता वंश चौधरी ने बताया कि उनके परिवार की जमीन के बंटवारे के लिए लेखपाल ने 15 हजार रुपये की मांग की थी, जो बाद में दस रुपये पर तय हुई। एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर लेखपाल को गिरफ्तार किया।

    नगर पालिका में रिश्वत का खेल

    आठ सितंबर 2024 को, नगर पालिका के जूनियर इंजीनियर कुंवरपाल को 2.30 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। ठेकेदार धूम सिंह चौधरी ने शिकायत की थी कि उनके नलकूप संचालन के बिलों के भुगतान के लिए जेई ने रिश्वत मांगी और ठेका रद्द करने की धमकी दी।

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    धौलाना तहसील में भ्रष्टाचार

    11 जनवरी 2025 को, धौलाना तहसील में एसआइटी जांच में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार, और अन्य राजस्व कर्मियों को सरकारी जमीन बेचने और धारा-80 का दुरुपयोग करने का दोषी पाया गया। शासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

    जिम्मेदारों की चुप्पी

    कई शिकायतों के बावजूद, जिला स्तर पर कार्रवाई न होने पर पीड़ितों को मेरठ की एंटी करप्शन टीम से संपर्क करना पड़ रहा है। कई मामलों में निलंबन के बाद सांठगांठ के जरिए मामले दबा दिए जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचारियों का हौसला बढ़ता है। रिश्वतखोरी के मामले में हुई गिरफ्तारी के मामलों में या तो पीड़ित पर दबाव बनाकर समझौता कर लिया गया है या इसका प्रयास जारी है। डर के कारण पीड़ित इसकी शिकायत भी नहीं करते।

    चुनौतियां और समाधान

    • पारदर्शिता बढ़ाना : सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता व डिजिटल सिस्टम को और मजबूत करना होगा।
    • स्थानीय स्तर पर कार्रवाई: शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़ितों को बाहरी एजेंसियों पर निर्भर न रहना पड़े।
    • सख्त सजा : निलंबन के बजाय दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचारियों में डर पैदा हो।
    • जागरूकता अभियान :आम जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

    रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। किसी भी हाल में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व में भी ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की गई है। - अभिषेक पांडेय, डीएम