बिजलीघरों में एसएसओ का अभाव, पिलखुवा डिवीजन में टीजी-टू की गलत तैनाती से विद्युत व्यवस्था ध्वस्त
हापुड़ के पिलखुवा डिवीजन में बिजलीघरों में एसएसओ की कमी और टीजी-टू की गलत तैनाती के कारण विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। इससे बिजली आपूर्ति बाधित हुई और लो ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, पिलखुवा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के पिलखुवा डिवीजन में टेक्नीशियन ग्रेड-2 (टीजी-टू) का कार्यालयों में बना हुआ कब्जा निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खडा कर रहा है। एक नवंबर को सभी टीजी-टू को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि उन्हें तत्काल बिजली घरों पर एसएसओ के रूप में तैनात किया जाए। तीन नवंबर तक सभी को मूल तैनाती पर भेजकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए गए थे, पर अब तक किसी भी डिवीजन से तैनाती की रिपोर्ट नहीं भेजी गई।
अधिकारियों तथा टीजी-टू के बीच साठगांठ के कारण निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। कई टीजी-टू कार्यालयों में लिपिकों का काम कर रहे हैं और अपने पद के विपरीत कार्यभार संभाले हुए हैं। चार नवंबर को भी अधिकारियों से दोबारा रिपोर्ट मांगी गई, पर स्थिति यथावत है।
पिलखुवा डिवीजन में दो कर्मचारी कार्यालय की महत्वपूर्ण सीटों पर जमे हुए हैं। श्रीओम सिंह तोमर पर कैश से जुडा कार्यभार होने की शिकायतें सामने आई हैं, जबकि राजकुमार सिंह की भूमिका प्रकरणों के अनुमान पत्र तैयार करने तथा पास कराने तक बताई जाती है।
इस कारण कई उपभोक्ताओं को आवश्यक कार्यों में विलंब का सामना करना पड रहा है। उपभोक्ताओं और कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कार्यालय व्यवस्थाओं में टीजी-टू के हावी रहने से न केवल अनुशासन प्रभावित हो रहा है, बल्कि बिजलीघरों पर एसएसओ के अभाव में तकनीकी व्यवस्था भी असंतुलित हो रही है।
निगम के निर्देशों की अवहेलना होने के बाद भी उच्च अधिकारी अब तक कोई कठोर कदम नहीं उठा सके हैं। उपभोक्ता मांग कर रहे हैं कि सभी टीजी-टू को जल्द मूल तैनाती पर भेजा जाए ताकि बिजली घरों की कार्यप्रणाली सुचारू हो सके। अधिशासी अभियंता मनीष कुमार यादव का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश का पालन किया जाएगा।

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