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    बाढ़ के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा, गांवों में पानी घुसने से मची अफरा-तफरी

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 05:04 PM (IST)

    पहाड़ों पर बारिश और मैदानी इलाकों में वर्षा के कारण गंगा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है जिससे कई गांवों में बाढ़ आ गई है और लोगों में दहशत का माहौल है। गंगा किनारे बसे गांवों में पानी भरने से लोगों को परेशानी हो रही है।

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    गंगा का पानी बढ़ने से कई गांवों में घुसा पानी, लोग परेशान।

    संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर/ ब्रजघाट। पहाड़ों पर बादल फटने और मैदानी इलाकों में हो रही वर्षा के कारण गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले 48 घंटे में गंगा के रौद्र रूप ने लोगों के जीवन को खतरा पैदा कर दिया है। गंगा बाढ़ के जलस्तर को पार करके गांवों एवं घरों तक पहुंच गई है।

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    इसके कारण गंगा खादर की तलहटी में बसे लोगों में दहशत पनप गई है। पिछले चार दिनों से बाढ़ के कारण लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है तथा वह जलभराव के बीच जीने को मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों की मदद ठीक से नहीं होने के कारण प्रशासन के खिलाफ लोगों में आक्रोश पनप रहा है।

    गढ़मुक्तेश्वर गंगा खादर क्षेत्र की तलहटी में बसे नयागांव इनायतपुर, गड़ावली, आलमपुर भगवंतपुर, बागड़पुर, कुदैनी की मंढैया, रामपुर न्यामतपुर, शाकरपुर, लठीरा गढ़ खादर, गंगा नगर टापू, नया गांव इनायतपुर, अब्दुल्लापुर, चक लठीरा, नया बांस आदि गांवो के साथ ही तीर्थ नगरी ब्रजघाट के पास गंगा टापू पर बसे गंगानगर में बाढ़ का कहर बढ़ गया है।

    गंगानगर को जाने संपर्क मार्ग पर चारों तरफ जलभराव होने के कारण वहां जाने का संपर्क मार्ग पूर्ण रूप से कट गया है। यहां आने जाने के लिए लोगों को सिर्फ नाव का सहारा रह गया है। जलभराव के गांवों में दिन तो लोग किसी तरह काट रहे है, लेकिन रात उनके लिए मुसीबत का सबब बन गई है।

    शनिवार को गंगा का जलस्तर बाढ़ के निशान 199.33 सेंटीमीटर को पार करके 199.44 चला गया था। जिसके बाद एक दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया था।

    इसके बाद शनिवार को इसमें और अधिक तेजी देखी गई, जिसके बाद गंगा का जलस्तर 199. 57 सेंटीमीटर तक पहुंच गया। इस तरह पिछले 48 घंटों में बाढ़ का पानी खतरनाक स्तर से 24 सेंटीमीटर ऊपर चल रहा है।

    मदद नहीं मिलने से नाराज ग्रामीण

    पिछले चार दिनों से गंगा तलहटी के गांवों में बाढ़ का पानी कहर बरपा रहा है। जंगल एवं घरों में जलभराव के बीच लोग दिन रात डर के साएं में जी रहे है। घरों में जलभराव के कारण अनेक लोगों को छत पर रात गुजारने को मजबूर हो रहे हैं।

    इस बीच शनिवार को वर्षा के कारण लोगों के सामने और मुसीबत खड़ी हो गई। लोगों को वर्षा एवं जलभराव के बीच दोहरी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।

    पिछले चार दिनों से बाढ़ में जीवन यापन कर रहे लोगों को प्रशासन द्वारा शनिवार की दोपहर तक भी कोई मदद नहीं मिली तो इंटरनेट मीडिया पर प्रशासन के खिलाफ लोगों ने भडास निकालनी शुरू कर दी।

    इसके बाद एसडीएम श्रीराम यादव, तहसीलदार राहुल कुमार ने टीम के साथ आनन फानन में दोपहर बाद गांवों में लोगाें के लिए राशन किट एवं पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था शुरू कर दी।

    इससे पूर्व गढ़ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने गंगानगर में राशन वितरण किया। इस दौरान वहां की महिलाओं ने पुलिस कर्मियों के रांखी बांध कर रक्षा बंधन का त्योहार मनाया।

    बाढ़ के पानी में घुसे डीएम

    बाढ़ के पानी को देखते हुए शनिवार की दोपहर डीएम अभिषेक पांडेय गंगा खादर के गांवों में पहुंच गए। यहां उन्होंने बाढ़ के पानी के बीच से निकलकर ग्रामीणों से वार्ता की तथा लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

    इस दौरान उन्होंने अधिनस्थों को जरूरी दिशा निर्देश देते हुए बाढ़ चौकियों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए तथा यदि कोई कर्मचारी अथवा अधिकारी लापरवाही करता पाया जाए तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

    बाढ़ प्रवाभित गांवों में लगातार निरीक्षण किया जा रहा है तथा लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। कर्मचारियों के द्वारा गांवों में पशुओं को चारे एवं ग्रामीणों को खाद सामग्री भेजी जा रही है।

    - श्रीराम यादव, एसडीएम

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