गढ़ गंगा मेले में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ जुटने का अनुमान, जानिए क्या है खास वजह
गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले गढ़ गंगा मेले में इस बार रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ने की संभावना है, क्योंकि किसान वर्ग फिलहाल खाली है। चीनी मिलें अभी शुरू नहीं हुई हैं और गेहूं की बुआई में भी समय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेले की तैयारियों का जायजा लिया, जिससे लोगों में उत्सुकता और बढ़ गई है। अधिकारी श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रख रहे हैं।
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अशरफ चौधरी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले महाभारत कालीन पौराणिक गढ़ गंगा मेले में इस बार रिकार्डतोड़ भीड़ जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिसके पीछे असल वजह किसान वर्ग का फिलहाल पूरी तरह फुरसत में होना माना जा रहा है। चीनी मिल अभी चालू नहीं हो पाई हैं और गेहूं की बुआई प्रारंभ होने में भी करीब दो सप्ताह का समय लगना है।
गढ़ गंगा किनारे आयोजित हो रहे कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का अतीत महाभारत काल से जुड़ा माना जाता है। युद्ध में मारे गए वीर योद्धा और सगे संबंधियों को लेकर जब पांडवों का मन व्याकुल रहने लगा था तो भगवान श्रीकृष्ण इस पीड़ा को भांप गए थे। जो पांडवों को साथ लेकर कार्तिक माह में गढ़ गंगा किनारे ले आए थे, जहां कई दिनों तक पड़ाव डालकर उनसे दीपदान समेत विभिन्न अनुष्ठान संपन्न कराए थे। तब जाकर पांडवों का व्याकुल मन शांत होने पर उनमें राजपाठ संभालने को लेकर नई ऊर्जा का संचार हुआ था।
इसी उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले गढ़ गंगा खादर मेले को किसान और देहाती मेले के रूप में भी माना जाता है, क्योंकि मेले में आने वाले 80 प्रतिशत से भी अधिक श्रद्धालुओं का वास्ता गांव देहात और किसान वर्ग से जुड़ी होती है। जिसमें इस बार रिकार्डतोड़ भीड़ जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिसके पीछे असल वजह किसान वर्ग का फुरसत में होना माना जा रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को गन्ना बेल्ट के रूप में ख्याति हासिल है, क्योंकि अधिकांश किसानों की जीविका से लेकर खुशहाली भी इसी पर निर्भर है। फिलहाल चीनी मिलों का पेराई सत्र प्रारंभ नहीं हो पाया है और गेहूं की बुआई चालू होने में भी अभी दो सप्ताह का समय बाकी माना जा रहा है। जिसके कारण किसान वर्ग फिलहाल पूरी तरह फुरसत में चल रहा है, जिससे गढ़ गंगा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इस बार रिकॉर्डतोड़ होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तो काफी दिनों से चलती आ रही है, परंतु अभी तक चुनावी कार्यक्रम की कोई घोषणा संभव नहीं हो पाई है। जिससे फिलहाल चुनाव से जुड़ीं गतिविधियां ठंडी चलने से देहात अंचल में रहने वाले गैर किसान लोग भी फुरसत में होकर मेले की तरफ रुख कर रहे हैं। गाजियाबाद से आए धर्मवीर ढबास अपने कैंप में हुक्का गुड़ गुड़ा रहे हैं और ताश बाजी खेलकर गंगा रेतीली का आनंद लें रहे है।
सीएम योगी का आगमन होने से मेले में आने की बढ़ गई उत्सुकता
देश के सबसे राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ गंगा खादर मेले में आए थे। जिन्होंने सुरक्षा के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए की जा रहीं तैयारियों की समीक्षा करते हुए मेले को भव्य रूप देने के संबंध में कड़े दिशा निर्देश दिए थे। सीएम योगी का आगमन होने से देहात समेत ग्रामीण अंचल से जुड़े लोगों के बीच मेले में आने की उत्सुकता काफी बढ़ गई है, जिससे इस बार मेले में रिकार्डतोड़ भीड़ जुट सकती है।
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गंगा मेले में राजनीतिक दलों और अधिकारियों का लगातार जमावड़ा लग रहा हैं। डीएम अभिषेक पांडेय और एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह गंगा मेले स्थल पर दिन रात रहकर श्रदालुओं को परेशानी का सामना न करने पड़े इसकी लेकर निगाह बनाए रखें हुए हैं।

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