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    Hapur News: चुनावी रंजिश में गोली मारकर की थी हत्या, अब बाप-बेटे समेत पूर्व प्रधान को मिली उम्रकैद

    Updated: Thu, 06 Mar 2025 07:08 PM (IST)

    Hapur Murder Case हापुड़ के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र में 2016 में चुनावी रंजिश के चलते हुई हत्या के मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने तीनों हत्यारोपितों को दोषी करार दिया है। साथ ही 50-50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। स्टोरी के माध्यम से पढ़िए पूरी खबर।

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    गोली मारकर व्यक्ति की हत्या के दोषी पूर्व प्रधान व उसके दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा। फाइल फोटो

    केशव त्यागी, हापुड़। चुनावी रंजिश को लेकर 24 फरवरी 2016 की सुबह थाना बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव नानई के पास सरकारी नल के निकट तत्कालीन ग्राम प्रधान व उसके दो पुत्रों ने गोली मारकर गांव पूठ के नीरज की हत्या कर दी थी। मामले में दर्ज मुकदमे की सुनवाई के दौरान बृहस्पतिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने तीनों हत्यारोपितों को दोषी करार दिया है।

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    दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विजय चौहान ने बताया कि थाना बहादुरगढ़ का महेंद्र गांव पूठ स्थित अपने फार्म हाउस पर ही रहता थे। उनका छोटा पुत्र धीरज उसके साथ रहता था।

    चुनाव जीतने के बाद से ही दोनों परिवारों में बढ़ी रंजिश 

    जबकि उसका बड़ा पुत्र नीरज व अशोक बहादुरगढ़ में ही स्थित मकान में स्वजन के साथ रहते थे। ग्राम पंचायत चुनाव में महेंद्र, दीन मोहम्मद, आदेश शर्मा व दिनेश शर्मा चुनाव लड़े थे। जिसमें दीन मोहम्मद चुनाव जीत गया था। चुनाव जीतने के बाद से ही दोनों परिवारों में रंजिश बढ़ गई थी।

    वर्ष 2017 में गांव की ओमवती की विधवा पेंशन को लेकर महेन्द्र के तीस वर्षीय पुत्र नीरज व ग्राम प्रधान दीन मोहम्मद के बीच कहासुनी हो गई थी। इसके बाद राशन कार्ड बनाने को लेकर दोनों के बीच फिर से विवाद हो गया था। उस समय तो ग्रामीणों ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कर दिया था।

    नीरज की गोली मारकर की थी हत्या

    राशन कार्ड में धांधली करने की शिकायत नीरज ने खंड विकास कार्यालय में भी की थी। 24 फरवरी 2016 की सुबह को नीरज बाइक पर सवार हो कर गढ़ ब्लॉक में किसी काम के लिए आया था। दोपहर के समय वह ब्लॉक से बाइक पर सवार होकर वापस जा रहा था।

    जैसे ही वह थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नानई के पास सरकारी नल के निकट पहुंचा तो तत्कालीन ग्राम प्रधान दीन मोहम्मद उसके पुत्र शान मोहम्मद व गुलीहसन ने गोली मारकर नीरज की हत्या कर दी थी।

    दिनदहाड़े सरेराह हत्या होने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। घटना के बाद मामला दो समुदायों के बीच होने के कारण पूठ गांव में पीएसी व पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।

    छह हत्यारोपितों के खिलाफ दर्ज हुई थी रिपोर्ट

    मामले में धीरज की तहरीर पर नीरज की हत्या करने वाले दीन मोहम्मद उसके पुत्र शान मोहम्मद गुलीहसन समेत गांव लहडरा के ही पुष्पेंद्र, रोबिन और लाला उर्फ अंकुर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने सभी हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था।

    जांच के दौरान बाद पुलिस ने हत्यारोपितों के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय के न्यायालय में चल रही थी। मुकदमें की सुनवाई के दौरान साक्ष्य के अभाव में पुष्पेंद्र, रोबिन और लाला उर्फ अंकुर को आरोपमुक्त कर दिया गया था।

    बृहस्पतिवार को सुनवाई निर्णायक मोड़ में पहुंची। जिसके बाद न्यायाधीश ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने तीनों हत्यारोपितों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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