UP News: हापुड़ की कंपनी में काम कर रहे थे 30 मजदूर, भरभराकर गिरा टिन शेड; एक की मौत
हापुड़ के पिलखुवा में सालासर कंपनी का जर्जर टिन शेड गिरने से एक कामगार की मौत हो गई। धौलाना मार्ग पर स्थित कंपनी में काम के दौरान यह हादसा हुआ जिसमें लोहे के मलबे में दबने से कामगार गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। घटना के समय लगभग 30 कामगार टिन शेड के नीचे काम कर रहे थे।

जागरण संवाददाता, पिलखुवा (हापुड़)। थाना पिलखुवा क्षेत्र के धौलाना मार्ग स्थित सालासर फैक्ट्री का जर्जर टिन शेड रविवार दोपहर करीब 12:40 बजे पर गिर गया। इस दौरान लोहे के मलबे में दबाकर एक कामगार की मौत हो गई, जबकि चार कामगार गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल कामगारों का अस्पताल में उपचार जारी है।
उधर, फैक्ट्री के कामगारों ने बताया कि जब हादसा हुआ, तब टिन शेड के नीचे करीब 30 कामगार काम कर रहे थे। अन्य कामगारों ने भागकर अपनी जान बचाई। वहीं, थाना पुलिस के अलावा घटना के दो घंटे बाद भी फैक्ट्री मालिक से लेकर कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। मामले में मृतक कामगार के पुत्र की तहरीर पर कंपनी मालिक आलोक अग्रवाल, शलभ, शशांक, मैनेजर महेंद्र सिंह त्यागी, प्रोडक्शन मैनेजर ऋषिदेव सिंह, एचआर मैनेजर मनोज शर्मा, ठेकेदार श्रीकांत कुशवाह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
फैक्ट्री में मोबाइल टावर के लोहे के पाइप आदि बनते हैं
गाजियाबाद जिले के राजनगर के शलभ अग्रवाल, कवि नगर के आलोक अग्रवाल व गौतमबुद्धनगर के शशांक अग्रवाल की थाना पिलखुवा क्षेत्र के धौलाना मार्ग पर सालासर नाम से फैक्ट्री है। इसमें गाजियाबाद के संजय नगर के महेंद्र सिंह मैनेजर हैं। फैक्ट्री में मोबाइल टावर के लोहे के पाइप व अन्य सामान बनाने का काम होता है।
उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों के 500 कामगार फैक्ट्री में काम करते हैं। रविवार की दोपहर 60 कामगार फैक्ट्री के अंदर बने जी-प्लांट में सामान पर नंबर अंकित करने का काम कर रहे थे। करीब साढ़े 12 बजे लंच होने पर 30 कामगार खाना खाने के लिए टिन शेड से बाहर आ गए, जबकि अन्य 30 कामगार अंदर ही मौजूद थे।
छत में लगा लोहे का गर्डर अचानक टूट गया
इस बीच 12.40 बजे जर्जर टिन शेड की छत में लगा लोहे का गर्डर अचानक टूट गया। इसके टूटते ही कामगारों में भगदड़ मच गई। इसी बीच टिन शेड गिर गया। इसमें पांच कामगार मलबे में दब गए। गनीमत रही कि 26 कामगार समय रहते बाहर निकल गए। हादसे पर फैक्ट्री में मौजूद कर्मचारियों व कामगारों में अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद थाना पिलखुवा प्रभारी निरीक्षक पटनीश कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने कामगारों की मदद से मलबे में दबे कामगार पिलखुवा के गांव खेड़ा के 60 वर्षीय रामभूल, डूहरी के मनीष, जिला हरदोई के लालबालपुर के संदीप, संजेश व कुलदीप को बाहर निकाला और नजदीकी अस्पताल भिजवाया। यहां से रामभूल और मनीष की हालत को गंभीर देख चिकित्सकों ने उन्हें गाजियाबाद के एक अस्पताल के लिए रेफर किया गया, जहां रामभूल की मौत हो गई है। फिलहाल मामले में तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शिकायत के बाद भी नहीं की कार्रवाई
रामभूल के पुत्र भानू ने बताया कि वह और उसके पिता फैक्ट्री में काम करते थे। जर्जर टिन शेड को ठीक कराने के लिए बार-बार फैक्ट्री मालिक, मैनेजर व अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई। फिर भी उन्होंने इस संबंध में कोई सुनवाई नहीं की। रविवार को जानबूझकर आरोपितों ने पिता से जर्जर टिन शेड के नीचे काम करने का दबाव बनाया। जिसके चलते पिता की मौत हो गई। जबकि, कई कामगार घायल हो गए।
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