दैनिक जागरण की पड़ताल में खुली पुलिस के दावों की पोल, जमीनी हकीकत जानकर टेंशन में पूरा शहर
त्योहारी सीजन में हापुड़ शहर में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। दैनिक जागरण की पड़ताल में पाया गया कि ज्यादातर चौराहों पर पुलिसकर्मी नदारद थे। व्यस्ततम तहसील चौराहा हो या संवेदनशील बाईपास चौराहा सुरक्षा भगवान भरोसे थी। पन्नापुरी चेकपोस्ट पर ही पुलिसकर्मी मुस्तैद दिखे। अधिकारियों के दावों के विपरीत शहर में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। त्योहारी सीजन में बाजार देर रात तक खुल रहे हैं। लोगों का आवागमन भी आधी रात तक सड़कों पर रहता है। अभी नवरात्र पूरे हुए हैं और बाजारों में दीपावली की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में बर्तन, सराफा व अन्य सामान की दुकानों पर भंडारण किया जा रहा है।
वहीं, शहर में रामलीला का मंचन भी चल रहा है। उसके चलते महिलाओं का अकेले व परिवार के साथ आवागमन रहता है। दुकानदार भी मेले में दुकान लगाकर देर रात वापस लौटते हैं। यह त्योहारी सीजन सुरक्षा की दृष्टि से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
विभिन्न बाजाराें में पुलिस की गश्त लगाई जाती है और चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती रहती है। इसके चलते अधिकारियाें ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की हुई है। पुलिस की मोबाइल गश्त के साथ ही सभी प्रमुख चौराहों पर तैनाती के दावे अधिकारियों द्वारा किए जा रहे हैं। फाइलों में पुलिस की तैनाती भी रहती है। जबकि सच्चाई इसके उलट है।
दैनिक जागरण की टीम ने आधी रात को शहर के छह चौराहों पर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था परखी। इनमें से केवल एक प्वाइंट पर ही पुलिसकर्मी मुस्तैद मिले। बाकी चौराहों पर सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे थी। ऐसे में शहर में कभी भी बड़ी घटना घटित हाे सकती है।
बताया गया कि दिन ढलते ही शहर में एक ओर जहां पुलिस चौक-चौराहों से गायब हो जाती है, वहीं सड़कों पर नशेड़ियों और अपराधिक छवि वालों का जमावड़ा हो जाता है। पेश है दैनिक जागरण द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल-
सीन एक- तहसील चौराहा- रात 12 बजे
यह शहर का सबसे व्यस्ततम चौराहा है। यहां से होकर शहर के सभी प्रमुख बाजारों और आवासीय कालोनियों को आवागमन होता है। वहीं दिल्ली-मेरठ व मुरादाबाद-बुलंदशहर को आवागमन करने वाले भी यहां पर वाहनों के इंतजार में खड़े रहते हैं। यहां पर सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत रहती है। वहीं रामलीला मेले में आने-जाने वालों का प्रमुख मार्ग भी यही है। उसके बावजूद पुलिसकर्मियों का कहीं पर अता-पता नहीं था। यहां पर आपराधिक वारदात को अंजाम देकर कोई आसानी से फरार हो सकता था।
सीन दो - अतरपुरा चौराहा- रात सवा 12 बजे
यह शहर के गोल मार्केट और रेलवे रोड को जोड़ने वाला प्रमुख चौराहा है। यहां पर देर रात तक महिलाओं का भी आवागमन रहता है। लोग परिवार के साथ देर रात तक रेलवे रोड पर खानपान और भ्रमण के लिए रहते हैं। वहीं कारोबारी खरीद करने वाले भी यहां से होकर गुजरते हैं। इसके चलते यहां पर पुलिस पिकेट के साथ ही पुलिस चौकी भी स्थापित है। उसके बावजूद रात में वहां पर कोई पुलिसकर्मी दूर-दूर तक नजर नहीं आया। दिन ढलते ही यहां से पुलिसकर्मी गायब हो जाते हैं। इससे यहां अक्सर आपराधिक वारदात घटित हो जाती हैं।
सीन तीन- पक्का बाग चौराहा - रात साढ़े 12 बजे
चंडी मंदिर रोड के प्रमुख बाजार और स्वर्ग आश्रम रोड को जोड़ने वाला यह प्रमुख चौराहा है। ऐसे में यहां पर दिन रात तीन-तीन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी शिफ्ट में लगाई जाती है। चंडी मंदिर रोड से होकर शहर के प्रमुख बाजारों से आने-जाने वाले दुकानदार और ग्राहक यहां से होकर निकलते हैं। उसके बावजूद पुलिस की लापरवाही यहां पर देखने लायक थी। यहां पर एक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर माैजूद तो जरूर था, लेकिन वह मोबाइल देखने में ही व्यस्त था। उसको यह तक संज्ञान नहीं था कि उसके आसपास से होकर किसका आवागमन हो रहा है।
सीन चार - पन्नापुरी चेकपोस्ट - रात 12:45 बजे
यहां पर शहर की चार प्रमुख कालोनियों को आवागमन होता है। रेलवे ट्रैक के आसपास का सुनसान क्षेत्र भी यहां पर पड़ता हैं। इस क्षेत्र में नशेड़ियों की भरमार रहती है। जिससे यहां की चेकपोस्ट पर दिनरात निगरानी रखी जाती है। रात में भी यहां पर पुलिसकर्मी मुस्तैद मिले। वह आवागमन करने वालों से नाम-पता भी पूछने के साथ ही देर रात में आवागमन का कारण जान रहे थे।
सीन पांच - ततारपुर चौराहा- रात एक बजे
यह शहर का प्रमुख चौराहा है। यहां से होकर बुलंदशहर, मेरठ, गाजियाबाद व मुरादाबाद के साथ ही आसपास के गांवों को भी अवागमन होता है। यहां पर पुलिस चौकी भी है। देर रात में यहां पर मुसाफिर वाहनों के इंतजार में भी खड़े रहते हैं। उसके बावजूद आसपास में कहीं पर पुलिस नहीं थी। दिन ढलते ही यहां से पुलिसकर्मी गायब हो जाते हैं।
सीन छह - बाईपास चौराहा- रात सवा बजे
यह शहर का संवेदनशील चौराहा है। यहां से होकर बुलंदशहर, गाजियाबाद, मेरठ व गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के लिए वाहनों का आवागमन होता है। शहर में वारदात कर भागने वालों को इसी चाैराहे पर आसानी से पकड़ा जा सकता है। ऐसे में यहां पर पुलिस पिकेट लगाई गई है। उसके बावजूद रात होते ही पुलिसकर्मी भी गायब हो जाते हैं। जबकि यहां के आसपास के क्षेत्र में आपराधिक वारदात कई बार हो चुकी है। रात में यहां पर दूर-दूर तक पुलिस का अता-पता नहीं था।
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पक्का बाग पर स्थाई पिकेट है। अतरपुरा पर पुलिस चौकी है। तहसील चौपला और सराफा बाजार में भी पुलिस की तैनाती है। हो सकता है उस समय कहीं पर आसपास में हों। हम चेक करा लेते हैं, ड्यूटी में लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। - वरुण मिश्रा - सीओ सिटी
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