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    कलक्ट्रेट परिसर से किसानों को जबरन हटाया, आलू भुगतान की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे किसान

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 12:14 PM (IST)

    हापुड़ में आलू भुगतान की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे किसानों को पुलिस और प्रशासन ने जबरन हटा दिया। बेंगलुरु की उत्कल कंपनी किसानों से आलू की खेती ...और पढ़ें

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    कलक्ट्रेट परिसर से किसानों को जबरन हटाया। जागरण

    जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में पुलिस और प्रशासन की टीम ने कलक्ट्रेट परिसर से किसानों को जबरन हटा दिया है। आलू भुगतान की मांग को लेकर किसान पांच दिन से भूख हड़ताल पर बैठे थे।

    बेंगलुरु की उत्कल कंपनी ने कांटेक्ट फार्मिंग पर किसानों से आलू की खेती कराई थी। किसानों का चार करोड़ रुपया लेकर कंपनी फरार हो गई है। किसान जिला उद्यान अधिकारी पर कंपनी से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। जबरन हटाए जाने से किसान संगठनों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। दोपहर में विभिन्न किसान संगठन एकजुट होकर कलक्ट्रेट पर धरना-प्रदर्शन करेंगे

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    कांटेक्ट फार्मिंग कंपनियों द्वारा ठगे गए किसानों को कलक्ट्रेट से हटा दिया गया है। मंगलवार से कलक्ट्रेट पर किसान आमरण अनशन कर रहे थे। किसानों ने जिला उद्यान अधिकारी पर बदसलूकी करने और धमकी देने का आरोप लगाया था। जिले के आलू किसान भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

    किसानों को उपलब्ध कराया बीज

    प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किसानों को आलू का बीज महंगे मूल्य पर उपलब्ध कराया था। उसके बदले में उत्पादन को भी महंगे मूल्य पर खरीदने का भरोसा दिया था। कंपनी के प्रतिनिधि लगातार किसानों के संपर्क में रहे। नवंबर 2024 में हुए इस अनुबंध के तहत कंपनी ने हापुड़ के कनिया कल्याणपुर, बाबूगढ़ और आसपास के गांवों के सैकड़ों किसानों और मेरठ के किसानों को बीज उपलब्ध कराया।

    किसानों ने कंपनी के अधिकारियों संजय महंत, परवीर, अमित तोमर और तरुण के साथ लिखित समझौते किए। उसके बाद फरवरी 2025 आलू की उपज कंपनी को सौंप दी गई, लेकिन भुगतान नहीं मिला।

    आलू उत्पादक किसान मोहम्मद नदीम अहमद ने बताया कि किसानों का करीब तीन करोड़ रुपया बकाया है। डीएम के आदेश पर डीएचओ किसानों को लेकर बैंगलुरु में उत्कल कंपनी के डायरेक्टर के पास गए थे। वहां पर डीएचओ ने किसानों से बदसलूकी की। उन्होंने कहा कि बताओ कहां जाना है। मेरा पांच लाख रुपया तुमने खर्च करा दिया है। अब 33-33 हजार रुपये के टिकट ट्रेन के आपके कराए हैं। मैं अपनी बैंक एफडी तोड़कर आपका खर्च नहीं उठाने वाला हूं। आपके लिए क्या मैं ट्रेन खरीदकर खड़ी कर दूं। मेरा आपके आलू भुगतान से कुछ लेना-देना नहीं है। मैं डीएम को लिखित रूप से मना कर रहा हूं। 

    वहीं, परेशान किसानों ने शुक्रवार को डीएचओ के व्यवहार की जानकारी डीएम को देने और चंदा करके उसके खर्च हुए रुपये का भुगतान करने का एलान किया है। वहीं, धरने पर बृहस्पतिवार को किसान समरपाल सिंह, मोहम्मद नदीम, मोहम्मद शहादत की हालत बिगड़ गई। इनके साथ ही पुष्पेंद्र, बबिंदर, संदेश कुमार, मुनीश कुमार व हरपाल सिंह का रक्तचाप कम हो गया। इनको चिकित्सा विभाग की टीम की देखरेख में रखा गया है।

    शुक्रवार को विभिन्न किसान यूनियन से जुड़े सैकड़ों किसान कलेक्ट्रेट पर जुटेंगे और डीएचओ कार्यालय पर तालाबंदी करेंगे। किसानों का आरोप है कि जिला उद्यान अधिकारी भी कंपनी के कर्मचारियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वह किसानों से बदसलूकी कर रहे हैं। भूख हड़ताल पर बैठने वालों में योगेंद्र कुमार, संजीव, रविंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, रविंद्र सिंह, शैकेंद्र कुमार व संजय आदि 16 किसान भूख हड़ताल पर बैठे थे।