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ED ने हापुड़ की सिंभावली चीनी मिल पर की बड़ी कार्रवाई, 109.80 करोड़ की संपत्ति अटैच

ED ने सिंभावली शुगर्स लिमिटेड की ईकाई हापुड़ स्थित सिंभावली चीनी मिल के खिलाफ किसानों को भुगतान के लिए ओबीसी से 148.59 करोड़ का ऋण लेकर धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 09:21 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 09:45 PM (IST)
ED ने हापुड़ की सिंभावली चीनी मिल पर की बड़ी कार्रवाई, 109.80 करोड़ की संपत्ति अटैच

हापुड़, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिंभावली शुगर्स लिमिटेड की ईकाई हापुड़ स्थित सिंभावली चीनी मिल के खिलाफ किसानों को भुगतान के लिए ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) से 148.59 करोड़ का ऋण लेकर धोखाधड़ी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत ङ्क्षसभावली चीनी मिल की डिस्टिलरी इकाई की जमीन, इमारत, संयंत्र और मशीनरी जैसी 109.80 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है।

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ईडी ने मंगलवार को बताया कि उसने बैंक ऋण लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में मनी लॉन्ड्र्रिंग नियम के तहत जांच करने के सिलसिले में सिंभावली चीनी मिल की करीब 110 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। ईडी ने कहा कि डिस्टिलरी इकाई की जमीन, इमारत, संयंत्र और मशीनरी आदि संपत्ति को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के अंतर्गत प्रोविजनल ऑर्डर जारी किया गया था। सिंभावली चीनी मिल पर आरोप है कि उसने गन्ना मूल्य के भुगतान के बहाने किसानों और ओबीसी के साथ धोखाधड़ी की थी। इसके आरोप में सीबीआइ ने सिंभावली चीनी मिल और अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। इसका संज्ञान लेते हुए गत वर्ष ईडी ने सिंभावली चीनी मिल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दायर किया था।

सीबीआइ द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार 5,762 किसानों को भुगतान के लिए ओबीसी ने सिंभावली शुगर्स लिमिटेड की सिंभावली चीनी मिल को 148.59 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, लेकिन कंपनी ने इसका उपयोग बाहरी वाणिज्यिक कर्ज सहित बकाया ऋण चुकाने, कंपनी के परिचालन खर्च और गन्ना के बकाया का भुगतान करने में किया, जो कि कंपनी को अपनी आय से करना चाहिए था। जांच में कहा गया कि कंपनी ने इस प्रकार जरूरतमंद किसानों की सहायता के लिए कर्ज लेकर नियम और शर्तों का उल्लंघन किया है।

सिंभावली शुगर्स लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक करन सिंह ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय से किसी तरह की कार्रवाई किए जाने से संबंधित दस्तावेज या जानकारी नहीं मिली है। कानूनी दस्तावेज मिलने पर ही कुछ कहा जा सकेगा।


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