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    ड्रोन मिलने से मची अफरा-तफरी, हापुड़ पुलिस ने कब्जे में लेकर शुरू की जांच; पूरे गांव में दहशत का माहौल

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 12:06 PM (IST)

    हापुड़ के एक गांव में खेत में ड्रोन मिलने से अफरा-तफरी मच गई और पूरे गांव में दहशत फैल गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और ड्रोन को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

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    जागरण संवाददाता, हापुड़।हापुड़ जनपद में थाना बाबूगढ़ क्षेत्र में स्थित बहरामपुर बाढ़ली गांव के जंगल स्थित ईंख के खेत में करीब दस फिट चौड़ा संदिग्ध ड्रोन के मिलने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पिछले कुछ महीनों से हापुड़ और आसपास के जिलों में रात्रि में ड्रोन की संदिग्ध उड़ानों की घटनाओं ने लोगों को चोरों और जासूसों के खौफ में डाल रखा है।

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    पुलिस ने तत्काल ड्रोन को कब्जे में ले लिया है, जबकि फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। प्रारंभिक जांच में ड्रोन को किसी शरारती तत्व या आपराधिक साजिश से जोड़ा जा रहा है।

    गांव सरावनी के सोफी अजहर ने बताया कि गांव बहरामपुर के जंगल में उसके खेत हैं। सोमवार सुबह वह अपने ईंख के खेत पर पहुंचा। तभी खेत में करीब 10 फुट चौड़ा ड्रोन पड़ा देखा। ड्रोन में पंखुड़ियां और बैटरी भी लगी हुई थी। उन्होंने उसे कोई जासूसी का सामान समझकर उसने शोर मचा दिया। शोर सुनकर आसपास खेतों पर काम कर रहे ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। ड्रोन मिलने की सूचना फैली तो आसपास के क्षेत्र के काफी संख्या ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। जिनमें शामिल महिलाएं और बच्चे ड्रोन को देखकर भागने लगे।

    पुलिस की त्वरित कार्रवाई

    घटना की सूचना मिलते ही थाना बाबूगढ़ की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने ड्रोन को सावधानीपूर्वक कब्जे में लिया और इलाके की घेराबंदी कर दी। थाना बाबूगढ़ प्रभारी निरीक्षक मुनीष प्रताप सिंह ने बताया कि ड्रोन को फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह ड्रोन का प्रोफेशनल मॉडल है। हम ड्रोन के सीरियल नंबर और जीपीएस डेटा से उसके मालिक तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों से अपील है कि अफवाह न फैलाएं, लेकिन कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत सूचना दें।

    फोरेंसिक टीम ने जुटाए साक्ष्य

    जंगल और आसपास के खेतों में फोरेंसिक टीम ने व्यापक छानबीन की। टीम ने ड्रोन के अवशेषों के अलावा मिट्टी के नमूने, अंगुलियों के निशान और आसपास के साक्ष्य जुटाए। इस दौरान पता चला कि ड्रोन में कैमरा लगा था, जो संभवत नाइट विजन वाला था। लैब टेस्ट से पता चलेगा कि यह चोरी की रेकी, जासूसी या फिर कोई अन्य अपराध के उद्देश्य से इस्तेमाल हो रहा था।

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    ड्रोन का आतंक, जुलाई से जारी सिलसिला

    ड्रोन से जुड़ी यह घटना पहली नहीं है। जुलाई 2025 से लेकर अब तक, हापुड़, अमरोहा, मुरादाबाद और बिजनौर जैसे जिलों में रात्रि में चमकती लाइटों वाले ड्रोन उड़ने की दर्जनों शिकायतें दर्ज हुई हैं। ग्रामीण इन्हें चोरों की रेकी या जासूसों का हथियार मानते हैं।