बहादुरगढ़ में निकाल के घंटे भर पहले अंजान कॉलर ने रुकवा दी शादी, दुल्हन के बालिग होने का प्रमाण नहीं दे सका परिवार
बहादुरगढ़ में एक नाबालिग लड़की की शादी को निकाह से ठीक पहले रोक दिया गया। एक अज्ञात व्यक्ति ने अधिकारियों को सूचित किया कि दुल्हन नाबालिग है, जिसके बाद बाल विवाह निषेध विभाग ने कार्रवाई की। परिवार दुल्हन के बालिग होने का प्रमाण नहीं दे पाया, जिसके चलते शादी को स्थगित कर दिया गया।

संवाद सहयोगी, बहादुरगढ़। थाना क्षेत्र के एक गांव में रविवार को होने वाले निकाह से कुछ घंटे पहले दुल्हन के नाबालिग होने की शिकायत अज्ञात युवक द्वारा की गई थी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस एवं सीडब्ल्यूसी की टीम ने स्वजन से उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे। दस्तावेज नहीं दिखाने के बाद टीम ने दुल्हन बनीं किशोरी को मेडिकल परीक्षण के लिए अपने कब्जे में ले लिया तथा सोमवार को उसका परीक्षण कराया गया।
बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने अपनी बेटी का निकाह बुलंदशहर के कुछैला गांव में रहने वाले एक युवक के साथ तय किया था। तय कार्यक्रम के अनुसार बरात 23 नवंबर रविवार को दिन में आनी तय हुई थी। बरात के लिए खाने-पीने का सभी प्रबंध कर लिया गया था तथा टैंट आदि लगाकर बरात के स्वागत की तैयारी की जा रही थी।
इस बीच अचानक किसी ने लड़की को नाबालिग बताते हुए उच्च स्तर पर शिकायत कर दी। लखनऊ से फोन आने के बाद जिलास्तर के अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। सूचना के बाद सीडब्ल्यूसी की टीम बहादुरगढ़ थाने पहुंची तथा वहां से पुलिस फोर्स के साथ विवाह स्थल पर पहुंच गई।
अचानक पुलिस को अपने घर पर देख लड़की के स्वजन में डर गए। टीम ने पूरे प्रकरण की जानकारी देते हुए लड़की की उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे तो स्वजन कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके थे। टीम ने दुल्हन का आधार कार्ड मांगा तो स्वजन ने उसको भी खोने की बात कह दी।
इसके बाद टीम दुल्हन के रूप में सजी लड़की को अपने साथ ले गई थी। इस घटना के बाद बिना दुल्हन के बरात भी बैरंग लौट गई, जिसके बाद दुल्हा एवं दुल्हन पक्ष में सन्नाटा पसरा हुआ है।
"सोमवार को उक्त लड़की की उम्र संबंधी जांच कराने के लिए चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। जिसकी रिपोर्ट दो दिन बाद आएगी। इसके बाद ही दुल्हन के बालिग अथवा नाबालिग हाेने की पुष्टि होगी। परिवार के लोगों को बता दिया गया है। परिवार के पास आयु संबंधी कोई दस्तावेज नहीं हैं। बिना किसी वैध कागजात के किशोरी को स्वजन को नहीं सौंपा जा सकता है। वह जाकर उसका निकाह कर सकते हैं।"
-अभिषेक त्यागी, अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण काउंसिल)
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