बंद बोरे को खोलते ही उड़े पुलिस के होश, गुलशन का चेहरा देख दहल उठा पूरा गांव; गहरे सदमे में चारों बच्चे
हापुड़ के सिंभावली क्षेत्र में एक 40 वर्षीय महिला गुलशन परवीन की हत्या कर दी गई। उसका शव एक कुएं में बोरे में बंद मिला। वह चार दिन पहले लापता हो गई थी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और महिला के पति को हिरासत में ले लिया है। मायके पक्ष ने हत्या का आरोप लगाया है।

केशव त्यागी, हापुड़। हापुड़ में थाना सिंभावली क्षेत्र के गांव वैठ में अज्ञात हत्यारोपियों ने 40 वर्षीय महिला की हत्या कर दी। बोरे में बंद कर महिला के शव को गांव के पास एक कुएं में फेंक दिया। पिछले चार दिनों से महिला घर से लापता थी। परिजन और पुलिस उसकी तलाश कर रहे थे।
वहीं, गुरुवार देर रात पुलिस ने महिला के शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस मामले में मायके पक्ष के लोगों ने हत्या का आरोप लगाकर थाने में तहरीर दी। पुलिस व फोरेंसिक की टीम साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है।
जिला मेरठ के थाना मुंडाली क्षेत्र के गांव अजराड़ा की रहने वाली गुलशन परवीन का निकाह करीब 14 साल पहले सिंभावली थाना क्षेत्र के गांव वैठ आजाद से हुआ था। दंपती अपनी पुत्री निमरा, हिबजा, अर्शी व पुत्र अर्श के साथ रहता था। 15 सितंबर की रात गुलशन परवीन संदिग्ध परिस्थितियों में घर से लापता हो गई थी। संभावित जगहों पर तलाश के बाद महिला का कुछ पता नहीं चला। 17 सितंबर को आजाद ने थाने में गुमशुदगी की दर्ज कराई थी।
इसके बाद से परिजन व पुलिस महिला की तलाश में जुटे थे। गुरुवार देर रात पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से महिला के शव को गांव के बाहर जंगल में ईंख के खेत के बीच बने एक कुएं से बरामद कर लिया है। शव बोरे में बंद था।
शव मिलने की सूचना पर स्वजन व ग्रामीणों का मौके पर तांता लग गया। जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिवाया। उधर, शव मिलने की सूचना पर महिला के मायके पक्ष के लोग भी हापुड़ पहुंचे। उन्होंने महिला की हत्या का आरोप लगाया है।
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एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने महिला के पति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं। जल्द ही वारदात का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
मां की मौत से सदमे में बच्चे
गुलशन परवीन की मौत का सदमा सबसे ज्यादा उसके चारों बच्चों को लगा है। उसके एक पुत्र व तीन पुत्रियों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन, रिश्तेदार व ग्रामीण उन्हें संभालने में जुटे हैं। मगर, तीनों को मौत का गहरा सदमा लगा है। जिससे वह बदहवासी की हालत में हैं।
उधर, गुलशन परवीन के पिता इंतजार, माता शहनाज, भाई अंसार, अंजार, इसरार, आमिर, मुजाहिद, कादिर, तालिब, बहन शाइस्ता, शाइन, खत्तो व हिना भी उसकी मौत से सदमे में है।
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