एक कुत्ता के तीन मालिक... पुलिस का दिमाग घूमा, बुलाया डाक्टर फिर ऐसे हुई असली की पहचान
एक कुत्ते के तीन दावेदारों के सामने आने से पुलिस चक्कर में पड़ गई। मामला सुलझाने के लिए पशु चिकित्सक को बुलाया गया। जाँच के बाद कुत्ते के असली मालिक की पहचान हुई, जिससे मामला शांत हुआ। पुलिस की उलझन और पशु चिकित्सक की मदद से अंततः न्याय हुआ।

संवाद सहयोगी, जागरण . सुमेरपुर (हमीरपुर)। सुमेरपुर में एक कुत्ते के दो मालिक से पुलिस परेशान थी। कौन असली है या कौन नकली। दोनों दावेदार के परिवार वाले थाने में जुटे थे और कुत्ता भी दोनों पर प्यार लुटा रहा था। अब 80 किमी दूर कानपुर से तीसरे मालिक के आने से पुलिस का दिमाग घूम गया। अब तो कुत्ते के मालिक को पहचानने के लिए पुलिस ने ये चाल चली जिससे उसका असली मालिक का पता चला।
लेब्राडोर कुत्ते के दावेदार को लेकर 24 घंटे चली खींचातानी के बाद मंगलवार को पशु डाक्टर की गवाही पर पुलिस ने उसे उसके असली मालिक घनश्याम को सौंप दिया। डाक्टर ने थाने आकर बताया कि करीब एक माह पूर्व श्रीपत कुशवाहा के कुत्ते को रैबीज और खुजली का इंजेक्शन लगाया था, जबकि रैबीज का इंजेक्शन कुत्ते के जन्म के एक माह बाद लगता है। इसके बाद प्रति वर्ष लगाया जाता है। कुत्ते की उम्र 11 माह है और 11 माह के कुत्ते के रैबीज का इंजेक्शन नहीं लगाया जाता है। इससे कुत्ते पर श्रीपत का दावा खारिज कर दिया गया। उधर, लेब्राडोर कुत्ते को लेकर दो दावेदारों में घमासान खत्म ही हुआ था, तभी कानपुर से तीसरा दावेदार आ धमका। वह खुद को कुत्ते का मालिक बताने लगा। कुत्ते की फोटो देखने के बाद कुत्ता उसका न होने की बात कह युवक निराश होकर लौट गया।
सोमवार दोपहर थाना सुमेरपुर में एक कुत्ते के दो मालिक होने की खबर ने पुलिस को भी परेशान कर दिया। पुलिस ने कुत्ते को अपनी हिरासत में ले लिया और गवाहियों का दौर शुरू हो गया। कस्बा सुमेरपुर के वार्ड संख्या 16 निवासी घनश्याम का दावा था कि उसका पालतू लेब्राडोर कुत्ता पखवारे भर पूर्व लापता हो गया था। खोजबीन करने पर पता चला कि वह कुंडौरा के श्रीपत कुशवाहा के घर पर है। वह कुंडौरा पहुंचा और कुत्ते को घर ले गए। इसकी शिकायत श्रीपत ने सुमेरपुर थाना पुलिस से की। सोमवार को पुलिस ने कुत्ते के साथ घनश्याम को थाने बुलाया और दोनों से साक्ष्य पेश करने को कहा था।
श्रीपत ने मंगलवार सुबह कुत्ते का इलाज करने वाले डाक्टर नीरज सचान को थाना सुमेरपुर बुलाया। डाक्टर ने बताया कि उन्होंने करीब एक माह पूर्व श्रीपत कुशवाहा के कुत्ते को रैबीज और खुजली का इंजेक्शन लगाया था। थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया कि कुत्ते को पैदा होने के बाद रैबीज का इंजेक्शन लगता है और फिर उसके बाद हर वर्ष इंजेक्शन लगता है। इस समय कुत्ते की उम्र करीब 11 माह है। 11 माह में कुत्ते के रैबीज का इंजेक्शन नहीं लगता है। इस वजह से कुत्ते को घनश्याम को सौंप दिया गया है। उधर, कुत्ता मिलने के बाद घनश्याम के घर में खुशी छा गई है।
उधर, घनश्याम कुत्ता लेकर घर पहुंचा ही था तभी दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर को पढ़कर कानपुर के रामादेवी से करीब 80 किमी का सफर तय करके सुनील और उनकी पत्नी थाने पहुंची। वह कुत्ते को देखने के लिए परेशान रहे। सुनील ने बताया कि मंगलवार को उन्होंने दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर को पढ़ा तो उनको लगा कि यह उनका टायसन है। जब वह सुमेरपुर थाने पहुंचे तो कुत्ता घनश्याम को दिया जा चुका था। जब उनको जब कुत्ते की फोटो दिखाई गई तो पता चला कि यह उनका टायसन नहीं है।
इससे नहीं पता चल सकता था मालिक का
थाना सुमेरपुर के कुंडौरा निवासी किसान श्रीपत कुशवाहा ने पुलिस से शिकायत की कि उनके पालतू कुत्ते लैब्राडोर रिट्रीवर को कस्बा सुमेरपुर के वार्ड संख्या 16 का निवासी घनश्याम चुपके से खोलकर अपने साथ ले गया। घनश्याम का कहना है कि उसका पालतू कुत्ता 15 दिन पहले लापता हुआ था। पता चला कि वह कुंडौरा गांव में है। श्रीपत के दरवाजे पर कुत्ता बंधा मिलने पर उसे ले आए। मामला इतना उलझ गया कि घनश्याम जब कुत्ते को भूरा कहकर पुकारता है तो वह उसके पास चला जाता है। श्रीपत जब उसे शेरू कहता है तो वह उसके आगे-पीछे घूमने लगता है। श्रीपत का दावा है कि उसने जिस पशुओं के डाक्टर से बचपन से लेकर अब तक कुत्ते का उपचार कराया है, उसे साक्ष्य के तौर पर ला सकता है। मंगलवार को डाक्टर को थाने बुलाया गया था। कुत्ते को पुलिस संरक्षण में थाने पर रखा गया था। उधर, श्रीपत के बच्चों ने खानापानी छोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि नारायणपुर निवासी उनके मित्र ने व्यवहार में कुत्ता दिया था। पुलिस ने उन्हें भी थाने बुलाया है। कुंडौरा के प्रधान अरविंद ने कुत्ता श्रीपत का होने की बात कही थी।
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