जाको राखे साईंया....4 दिन पहले उफनाती यमुना में कूदी महिला, फिर ऐसे बची जान
इटावा की एक 53 वर्षीय महिला शैलेश जो पति की मानसिक बीमारी से परेशान होकर यमुना नदी में कूद गई थी चार दिन बाद कुरारा के भैदन डेरा गांव में नदी किनारे मिली। शौच कर रहे एक युवक ने उसे देखा और सीएचसी पहुंचाया जहाँ उसका इलाज चल रहा है। शैलेश ने 16 सितंबर को आत्महत्या करने का प्रयास किया था और वह खुद को अस्पताल में पाकर अचंभित है।

संवादसूत्र, कुरारा (हमीरपुर)। कहते हैं कि जाको राखे सईंया मार सके ना कोय..। एक ऐसा ही मामला सामने आया है हमीरपुर से। हमीरपुर की महिला चार दिन उफनाती यमुना में डूबी। इटावा में वह सुरक्षित मिली। हर कोई इसे चमत्कार बता रहा है।
पति की बीमारी से परेशान होकर आत्महत्या करने के उद्देश्य से चार दिन पूर्व इटावा में यमुना नदी में कूदी एक महिला शुक्रवार की सुबह कुरारा के भैदन डेरा गांव में नदी किनारे लगी मिलने से सनसनी फैल गई। वहीं शौच को गए एक युवक की नजर जब महिला पर पड़ी तो उसने महिला को उठाकर सीएचसी पहुंचाया। जहां पर भर्ती कर उसका उपचार किया जा रहा है।
बीते 16 सितंबर को इटावा निवासी 53 वर्षीय शैलेश पत्नी दिलीप ने पति के मानसिक बीमारी के चलते परेशान होकर आत्महत्या करने के उद्देश्य से यमुना नदी में कूद गई थी। चार दिन बाद शैलेश हमीरपुर के थाना कुरारा अंतर्गत भैदन डेरा में यमुना नदी किनारे बेसुध हालत में लगी मिली। शुक्रवार की सुबह जब भैदन डेरा गांव निवासी आशा बहू ममता का औरैया निवासी भाई अवधेश कुमार नदी किनारे शौच के लिए गया। जिसकी नजर नदी में पड़ी महिला पर पड़ी। जिस पर उसने महिला को नदी से उठाकर जमीन पर लिटाया और 108 एंबुलेंस को सूचना दी।
सूचना पर पहुंची एंबुलेंस की मदद से बेहोशी हालत में महिला को कुरारा सीएचसी लाया गया। जहां पर उसे भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। महिला ने बताया कि उसका पति दिलीप मानसिक रूप से बीमार रहता है। जिसकी बीमारी से परेशान होकर उसने बीते 16 सितंबर को नदी में छलांग लगा दी थी। खुद को अस्पताल में पाकर महिला अचंभित है।
16 सितंबर को घर से अपने मायके उरई गई थी शैलेश
हमीरपुर में यमुना नदी किनारे बेहोश मिली इटावा के नीलकंठ मंदिर के पास रहने वाली 56 वर्षीय शैलेश 16 सितंबर को घर से अपने मायके उरई गई थी। घर के लोगों को मायके जाने की जानकारी दी। इसके बाद वो गायब हो गई थी। उनके पुत्र आकाश ने बताया कि पापा से किसी बात पर उनका झगड़ा हो गया था। जिसको लेकर वो मानसिक रूप से परेशान थी। इस संबंध में स्वजन उन्हें लगातार खोज भी रहे थे। स्वजन को यह भी जानकारी नहीं मिली कि वे यमुना नदी में कहां से कूदी। सूचना मिलने पर उनका पुत्र आकाश यहां से हमीरपुर के लिए रवाना हो गया
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।