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    हमीरपुर में बंदी की हत्या पर जनआक्रोश, बंदियों के अनशन के बाद वकीलों का फूटा गुस्सा, हड़ताल

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 03:01 PM (IST)

    हमीरपुर जेल में बंदी की हत्या के मामले में आक्रोश बढ़ रहा है। जेलर समेत सात लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद भी गुस्सा शांत नहीं हुआ है। बंदियों ने अनशन शुरू कर दिया है और वकील हड़ताल पर हैं सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। डीआइजी जेल ने सीसीटीवी फुटेज देखे और बंदियों के बयान दर्ज किए हैं।

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    जेलर की गिरफ्तार की मांग करते हुए प्रदर्शन करते वकील। जागरण

    जागरण संवाददाता, हमीरपुर। जेल में बंदी की पीटकर हत्या के मामले में जनआक्रोश बढ़ता जा रहा है। जेलर, डिप्टी जेलर, जेल वार्डर व राइटर समेत सात नामजद व कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। बावजूद गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। जेल के अंदर से लेकर बाहर तक लोगों में आक्रोश है। बंदियों ने अनशन शुरू किया तो वकीलों ने सड़क पर प्रदर्शन करते हुए हड़ताल कर दी। सभी आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे।

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    हमीरपुर जेल के बाहर जेलर की गिरफ्तारी को लेकर अधिवक्ताओं का सड़क पर लेटकर प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं की मांग है कि जब तक जेलर गिरफ्तार नहीं होगा वह शांत नही होंगे। बंदी और उसके परिवार को न्याय देने की मांग को लेकर अधिवक्ता सड़क पर उतरे। कचहरी से पैदल मार्च निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां अतिरिक्त एसडीएम को ज्ञापन दिया। साथ ही जेल के बाद प्रदर्शन शुरू किया। सारे अधिवक्ता हड़ताल पर रहे।

    गुस्साए बंदियों ने नहीं खाया खाना, दो बेहोश

    जेल में बंदियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। किसी ने खाना नहीं खाया, जिसके चलते उनकी हालत बिगड़ने लगी। मंगलवार दोपहर पेशी के लिए कोर्ट जाते समय एक बंदी बेहोश हो गया, वहीं दूसरा जेल के अंदर ही बेहोश हो गया था। दोनों को अस्पताल लाकर इलाज कराया गया। अब उनकी हालत में सुधार है। बंदियों की मांग है कि हत्या में आरोपित सभी अधिकारियों को जेल से हटाया जाए। इस संबंध में जेल अधीक्षक मंजीव विश्वकर्मा ने बताया कि कैदियों व बंदियों को समझाकर भोजन कराया जा रहा है। उन्हें आश्वस्त किया जा रहा है कि उन्हें जेल में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

    डीआइजी जेल ने नौ घंटे में खंगाले 30 कैमरे, बंदियों के दर्ज किए बयान

    डीआइजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव ने सुबह 10 बजे से लेकर शाम करीब सात बजे तक जिला कारागार के अंदर जांच की। करीब नौ घंटे तक चली जांच में जेल में लगे सभी 30 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे और बंदियों के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान फतेहपुर के जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार त्रिपाठी व हमीरपुर जेल अधीक्षक मंजीव विश्वकर्मा भी साथ रहे। डीआइजी जेल ने बताया कि न्यायिक अधिकारियों की निगरानी में पूरे मामले की जांच होगी। जो भी दोषी होगी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जेल की स्थिति सामान्य है।

    सपा ने एक्स पर पोस्ट कर कसा तंज

    समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने एक्स पर पोस्ट किया...लगता है भाजपा सरकार में पंडित जी लोगों के कोई ग्रह खराब चल रहे हैं। चाहे जेल हो या थाना सभी जगह पीटकर मार डाले जा रहे हैं, फिर भी भाजपा की गुलामी कर रहे हैं। भाजपा की गुलामी करने के कारण ही पंडित जी लोग अपनी इस दुर्दशा को प्राप्त हैं और शायद आगे भी भाजपा सरकार उनके साथ यही सलूक करती रहेगी। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था न तो सड़क पर न थाने में न जेल के अंदर, सभी जगह अपराध हो रहा है। यूपी की सत्ता खुद अपराधियों के हाथ में है।

    ये था मामला

    सदर कोतवाली के सूरजपुर निवासी बंदी अनिल कुमार द्विवेदी की रविवार दोपहर करीब ढाई बजे जेल में मौत हो गई थी। सोमवार को जब स्वजन शव देखने के लिए मर्च्युरी पहुंचे तो पुलिस ने शव दिखाने से मना कर दिया था। स्वजन ने जेल के बाहर हंगामा करत जाम लगा दिया था। सदर विधायक डा. मनोज प्रजापति के समझाने के बाद जाम खुला था। स्वजन ने जब मृतक के शरीर पर चोट के निशान देखे तो उन्होंने जेल अधिकारियों पर पीटकर हत्या का आरोप लगा हंगामा किया। सोमवार शाम करीब छह बजे चार डाक्टरों के पैनल से कराए गए पोस्टमार्टम में शरीर पर गंभीर चोटों के निशान मिले थे। स्वजन ने शव लेने से इन्कार कर जेलर, डिप्टी जेलर समेत अन्य लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। मुकदमा दर्ज न होने पर शव लिए बिना स्वजन घर लौट गए थे।

    फिर दर्ज हुआ हत्या का आरोप, निलंबित

    सुबह होते ही सदर विधायक डा. मनोज प्रजापति, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील पाठक, चेयरमैन कुलदीप निषाद, भाजपा नेता चंदन शुक्ला, अपर जिलाधिकारी विजयशंकर तिवारी, एएसपी मनोज कुमार गुप्ता, ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारी सूरजपुर गांव पहुंचे और स्वजन को मदद का भरोसा देकर शव लेने के लिए मनाते रहे। मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी का कहना था कि जेलर समेत सभी दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। उनकी बात एसपी डा. दीक्षा शर्मा से कराई गई। इसके बाद उनकी डीएम घनश्याम मीना व एसपी से मुलाकात कराई गई। शाम करीब चार बजे पूजा की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने जेलर केपी चंदीला, डिप्टी जेलर संगेश कुमार, जेल वार्डर अनिल यादव, नंबरदार दिलीप, शफी मुहम्मद व दीपक, राइटर विनय सिंह और अन्य अज्ञात लोगों पर हत्या, शरीर में गंभीर चोटें पहुंचाना व जबरन वसूली करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्हें निलंबित भी कर दिया गया। इसके बाद स्वजन बंदी के शव को गांव ले गए। वहां से जजी रोड यमुना घाट किनारे स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान गांव व श्मशान घाट पर पुलिस बल तैनात रहा।