हमीरपुर जेल में बंदी की पीट पीटकर मार डाला, जेलर, डिप्टी जेलर व जेल वार्डर निलंबित, हत्या का केस
हमीरपुर जेल में एक बंदी की पीट-पीटकर हत्या के मामले में कोतवाली पुलिस ने जेलर डिप्टी जेलर समेत सात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद परिजन शव लेने को तैयार हो गए हैं। गांव में अंतिम दर्शन के बाद हमीरपुर के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में पुलिस बल तैनात है।

जागरण संवाददाता, हमीरपुर। हमीरपुर जेल में बंद विचाराधीन बंदी की हत्या कर दी गई। उसको बेरहमी से पीटा गया। शरीर पर चोंटें जेल के अंदर दी गई। वह रात भर घायल पड़ा रहा और पानी मांगता रहा। सुबह उसकी मौत हो गई। मामले में जेलर, डिप्टी जेलर और जेल वार्डर को निलंबित कर दिया। कोतवाली पुलिस ने बंदी के शव का पोस्टमार्टम होने के 22 घंटे बाद जेलर व डिप्टी जेलर समेत सात नामजद व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
स्वजन को मनाने के लिए सारा दिन जिले के अधिकारी उनके गांव में डेरा जमाए रहे और मान मनौव्वल करते रहे। वहीं जब पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया उसके बाद स्वजन माने और पोस्टमार्टम के करीब 22 घंटे बाद शव को अपने कब्जे में लिया।
वहीं मंगलवार की सुबह मामले की जांच के लिए डीआइजी जेल राजेश श्रीवास्तव ने भी डेरा डाल लिया है जो जेल में निरुद्ध बंदियों व कैदियों के बयान लेने के साथ साथ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर रहे हैं। स्वजन के द्वारा शव लिए जाने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। शव को गांव में अंतिम दर्शन कराने के बाद हमीरपुर के श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रविवार की दोपहर करीब ढाई बजे जेल में निरुद्ध बंदी 33 वर्षीय अनिल कुमार तिवारी की मौत की खबर ने स्वजन को बेहाल कर दिया था। मृतक बंदी के पिता के दिल्ली में होने के कारण रविवार को कोई शव देखने नही आया था। जिस पर पुलिस ने शव मोर्च्युरी में रखा दिया था। सोमवार को जब स्वजन शव देखने के लिए पहुंचे तो पुलिस ने शव दिखाने से मना कर दिया। जिस पर स्वजन ने जेल के बाहर हंगामा करते हुए जाम लगा दिया था।
मौके पर पहुंचे सदर विधायक डा. मनोज प्रजापति के समझाने के बाद जाम खुला था। स्वजन ने जब मृतक के शरीर पर चोट के निशान देखे तो उन्होंने इसे मौत नही बल्कि जेल अधिकारियों व वहां रहने वाले लोगों के द्वारा पीट पीटकर मार डालने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया था। किसी तरह से चार डाक्टरों के पैनल ने सोमवार की शाम छह बजे शव का पोस्टमार्टम किया।
पोस्टमार्टम के बाद स्वजन ने शव लेने से इंकार कर दिया और जेलर, डिप्टी जेलर समेत अन्य लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करने लगे। मुकदमा दर्ज न होने से नाराज स्वजन देरशाम अपने घर को लौट गए। जिसके बाद प्रशासन हलाकान हो गया और रात से ही पीड़ित परिवार को समझाने में लगा रहा। लेकिन स्वजन नही माने और हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग में अड़े रहे।
सुबह होते ही सदर विधायक डा. मनोज प्रजापति, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील पाठक, चेयरमैन कुलदीप निषाद, भाजपा नेता चंदन शुक्ला, अपर जिलाधिकारी विजयशंकर तिवारी, एएसपी मनोज कुमार गुप्ता, ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारियों समेत तमाम लोग सूरजपुर गांव पहुंचे और स्वजन को हर संभव का मदद का भरोसा देते हुए शव लेने की मान मनौव्वल करने लगे। लेकिन स्वजन नही मानें।
मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी का कहना था कि जेलर समेत सभी दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। जिस पर भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील पाठक ने मृतका की पत्नी की बात एसपी डा. दीक्षा शर्मा से कराई। जिनकी बातों से वह शांत हुई और उसके बाद पीड़िता को डीएम घनश्याम मीना व एसपी से मिलवाया गया। मंगलवार की शाम चार बजे पूजा द्विवेदी की तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने जेलर चंदीला, डिप्टी जेलर संगेश कुमार, जेल वार्डर अनिल यादव, नंबरदार दिलीप, नंबरदार शफी मुहम्मद, दीपक, राइटर विनय सिंह व अन्य अज्ञात लोगों पर हत्या, शरीर में गंभीर चोटें पहुंचाना व जबरन वसूली करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमा दर्ज होते ही स्वजन बंदी के शव को लेकर उसे गांव ले गए। जहां हमीरपुर स्थित श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान गांव समेत श्मशान घाट में पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा।
- बंदी की मौत के मामले में जेलर समेत सात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही मामले की न्यायिक जांच करने के लिए भी टीम का गठन कर दिया गया है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- घनश्याम मीना, डीएम, हमीरपुर।
मृतक बंदी पूजा द्विवेदी की तहरीर पर जेलर, डिप्टी जेलर, जेल वार्डर, राइटर, तीन नंबरदार समेत कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
- डा. दीक्षा शर्मा, पुलिस अधीक्षक, हमीरपुर।
इधर, जेल के बंदियों ने मुख्यमंत्री व जेलमंत्री को पत्र में लिखकर भेजी क्रूरता की कहानी
जेल के बंदियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत जेलमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली, डीजीपी लखनऊ, राज्य मानव अधिकारी आयोग लखनऊ, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक हमीरपुर को रजिस्ट्री के माध्यम से भेजे गए शिकायती पत्र में जेल में हुई क्रूरता की कहानी हो लिखकर भेजा है और आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जेल से आए बंदियों ने भेजे गए पत्र में लिखा है कि वह लोग जेल में पीसीओ पर बात करने गए थे। तभी पीसीओ के पीछे से शोरगुल व मारपीट की आवाज आ रही थी। चिल्लाने की आवाज सुनकर देखा तो लंबरदार दीपक, दिलीप, राइटर विनय व पुलिस कर्मी अनिल यादव व डिप्टी जेलर संगेश बंदी अनिल कुमार तिवारी को डंडों से पीट रहे थे। वहीं जेलर चंदीला खड़े थे जो दीपक लंबरदार से कह रहे थे कि इतना मारो कि बचने न पाए। बंदियों का आरोप है कि उक्त सभी लोग अनिल को तब तक पीटते रहे जब तक वह बेहोश होकर नही गिर गया और इसी मारपीट से उसकी मौत हो गई। बंदियों ने उक्त मामले की जांचकर मारपीट करने वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
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