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    गोरखपुर कैंट रेलवे क्रासिंग पर अब 'वाई' आकार में बनेगा ओवरब्रिज, रेलवे ने तैयार की नई डिजाइन

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 09:48 AM (IST)

    गोरखपुर कैंट रेलवे क्रॉसिंग पर वाई आकार का ओवरब्रिज बनेगा जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों का आवागमन सुगम होगा। रेलवे प्रशासन ने नई डिजाइन तैयार कर ली है जिससे दुर्घटना की आशंका कम होगी। 69 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल से नंदानगर जैसे कई मोहल्लों के लोगों को फायदा होगा। कैंट स्टेशन पर सेकेंड इंट्री बनने से एम्स तक का सफर भी आसान हो जाएगा।

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    गोरखपुर कैंट रेलवे क्रासिंग पर बनने वाले ओवरब्रिज की नई डिजाइन।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर कैंट रेलवे क्रासिंग पर अब 'वाई' आकार में ओवरब्रिज बनेगा। रेलवे प्रशासन ने पुल की नई डिजाइन तैयार कर ली है। डिजाइन पर मुहर लगते ही निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।

    ओवरब्रिज बन जाने से रेल यात्री ही नहीं आमजन की राह भी आसान होगी। गोरखपुर कैंट स्टेशन के अलावा नंदानगर, झरना टोला, लालगंज, गायत्रीनगर, उंचवा, दरगहिया आदि दर्जन भर मोहल्ले के लाखाें लोगों का आवागमन सुगम होगा। रेल यात्रियों की न ट्रेन छूटेगी और लोगों को न क्रासिंग खुलने का इंतजार करना पड़ेगा।

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    जानकारों के अनुसार इसके पहले पुल 'एल' आकार में बनना था। रेलवे ने डिजाइन भी तैयार कर ली थी। एल आकार में पुल के बनने से यात्रियों की आवाजाही तो आसान हो जाती, लेकिन आसपास रहने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता। मोड़ के चलते दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती।

    अब वाई आकार हो जाने से स्टेशन आवागमन करने वाले लोगों के अलावा स्थानीय मोहल्ला के लोगों की आवाजाही भी सुगम हो जाएगी। रेलवे क्रासिंग (157 ए) पर 69 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 674 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा ओवरब्रिज बनाया जाना है।

    निर्माण कार्य आरंभ करने के लिए रेलवे प्रशासन ने निविदा की तैयारी भी लगभग पूरी कर ली है। रेलवे क्रासिंग के दोनों तरफ ओवरब्रिज के लिए 26 पिलर बनाए जाने हैं। ओवरब्रिज आर्मी पब्लिक स्कूल के अंतिम छोर से कैंट स्टेशन तक बनेगा।

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    दक्षिण में स्कूल की तरफ तथा उत्तर में पश्चिम की तरफ स्टेशन की ओर 350 मीटर की लंबाई में बनेगा। इसके अलावा दक्षिण से उत्तर की तरफ पुल सीधे नीनाथापा इंटर कालेज की तरफ चला जाएगा, जो वाई आकार प्रदान करेगा। जिससे यात्रियों की आवाजाही सुगम होगी। रेलवे प्रशासन ने कैंट स्टेशन को टर्मिनल के रूप में विकसित तो कर दिया, लेकिन अभी तक रास्ते की व्यवस्था नहीं कर पाया है।

    यात्रियों को क्रासिंग पर घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई यात्रियों की ट्रेन छूट जाती है। रास्ता नहीं होने से यात्रियों का कैंट स्टेशन की तरफ आज तक रुझान नहीं बढ़ पाया। जबकि, रेलवे प्रशासन ने कैंट स्टेशन से नरकटियांज, छपरा और वाराणसी रूट की पैसेंजर, डेमू और मेमू ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है।

    गोरखपुर की तरह कैंट में भी बनेगी सेकेंड इंट्री

    गोरखपुर की तरह कैंट रेलवे स्टेशन पर दक्षिण की तरफ सेकेंड इंट्री बनेगी। भूमि चिन्हित कर ली गई है। रेलवे प्रशासन ने सेकेंड इंट्री का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के साथ विस्तृत प्रस्ताव के साथ नया नक्शा भी तैयार कर लिया है।

    यथाशीघ्र निर्माण के टेंडर आदि की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। सेकेंड इंट्री बन जाने से कैंट स्टेशन पर लोगों का आवागमन और आसान हो जाएगा। घंटों का सफर मिनटों में पूरा होगा। यात्री सेकेंड इंट्री होते हुए सीधे एम्स के गेट पर पहुंच जाएंगे। उन्हें न क्रासिंग पार करने की जरूरत पड़ेगी और न पुल पर चढ़ना पड़ेगा।

    गोरखपुर कैंट रेलवे स्टेशन के पास स्थित समपार फाटक पर रोड ओवरब्रिज बनाने के लिए फिजिबिलिटी पर विचार चल रहा है। अप्रूवल मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस रोड ओवरब्रिज के बन जाने से संरक्षा और ट्रेन परिचालन में सुधार होगा। सड़क उपयोगकर्ताओं को भी राहत मिलेगी।

    - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे