Dussehra 2025: भगवान राम के तीर चलाते ही धू-धूकर जलने लगा रावण का पुतला, दिया अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश
गोरखपुर में विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। बर्डघाट रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम ने रावण के पुतले का दहन किया जो अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। भगवान राम की विजय शोभायात्रा निकाली गई जिसमें माता सीता और लक्ष्मण भी शामिल थे। रामलीला में कुंभकर्ण वध के बाद रावण और राम के बीच युद्ध का मंचन हुआ जिसमें राम ने रावण का वध किया।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। विजयदशमी पर्व परंपरागत रूप से श्रद्धा के साथ गुरुवार को मनाया गया। विजयदशमी के दिन बर्डघाट रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम ने जैसे ही तीर चलाया, रावण का पुतला धू-धू कर जलने लगा। रावण वध अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश दे गया। पुतले में आग लगते ही दर्शकों ने जयघोष किया।
इसके बाद बर्डघाट से भगवान की विजय शोभायात्रा निकली गई जिसमें उनके साथ माता सीता और अनुज लक्ष्मण भी रथ पर सवार थे। लोगों ने श्रीराम की आरती की, मत्था टेका और प्रसाद ग्रहण किया। मेला लगा रहा।
करीब सायं चार बजे रामलीला का मंचन शुरू हुआ। इस मौके पर समिति के प्रमुख लोगों ने भगवान श्रीराम की पूजा व आरती की। कुंभकर्ण की मृत्यु से बौखलाया रावण स्वयं श्रीराम से युद्ध करने पहुंचा। दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ।
अंत में भगवान राम के एक तीर ने रावण को धराशायी कर दिया। रावण के धरती पर गिरते ही वातावरण जयघोष से गूंज उठा। पुतला दहन किया गया। रामलीला में गणेश वर्मा, हरिद्वार वर्मा व अनुराग मझवार उपस्थित रहे।
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