Railway News: संक्रमण के खतरे से मुक्त होगा वंदे भारत का सफर, लगाया गया हाई क्वालिटी का यह सिस्टम
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) में फोटो कैटेलिटिक अल्ट्रावायलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम लगाया जा रहा है। यह सिस्टम कोच के अंदर मौजूद हानिकारक कीटाणुओं बैक्टीरिया और वायरस को खत्म कर हवा को शुद्ध रखेगा। इस तकनीक से यात्रियों को संक्रमण से मुक्त और ताजी हवा में यात्रा करने का अनुभव होगा।
प्रेम नारायण द्विवेदी, जागरण, गोरखपुर। वंदे भारत ट्रेनों में फोटो कैटेलिटिक अल्ट्रावायलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम इंस्टाल किए जा रहे हैं। इससे सेमी हाईस्पीड ट्रेन का सफर संक्रमण के खतरे से मुक्त होगा। पूरी तरह से बंद वातानुकूलित कोच में भी यात्रियों को बाहर की ताजी हवा मिलती रहेगी।
गोरखपुर-अयोध्या-लखनऊ-प्रयागराज वंदे भारत में सिस्टम लगा दिया गया है। यह सिस्टम कोच के अंदर मौजूद हानिकारक कीटाणु, बैक्टीरिया और वायरस को खत्म कर हवा को शुद्ध करता रहेगा। इसमें लगा सेंसर कोच की हवा में एक हजार व उससे अधिक पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) कार्बन डाईआक्साइड की मात्रा होने पर बाहर की ताजी हवा को खींचकर अंदर कर देगा। कोच के अंदर की हवा सामान्य होने पर सिस्टम अपने आप बंद हो जाएगा। यानी, यह सिस्टम आटोमेटिक कोच के अंदर के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस में एयर प्यूरिफिकेशन के लिए फोटो कैटेलिटिक अल्ट्रावायलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम इंस्टाल किया गया है। इस तकनीक की मदद से हवा में मौजूद हानिकारक कीटाणु, बैक्टीरिया और वायरस को खत्म कर शुद्ध किया जाता है।
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वंदे भारत एक्स्प्रेस में एयर प्यूरिफिकेशन के लिए एक फोटो कैटलिटिक अल्ट्रावायलेट एयर प्यूरिफिकेशन सिस्टम इंस्टाल किया गया है। इस तकनीकी की मदद से फोटो कैटेलिस्ट एयर में मौजूद हानिकारक कीटाणु, बैक्टीरिया एवं वायरस को खत्म कर एयर को शुद्ध किया जाता है। -पंकज कुमार सिंह, मुख्य, जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे
वंदे भारत ट्रेन। जागरण
गोरखपुर से चलेंगी सात वंदे भारत, तैयार है प्रस्ताव
आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं भारतीय रेलवे के सभी प्रमुख रेलमागों पर वंदे भारत ट्रेनें चलाई जानी हैं। गोरखपुर से दिल्ली और आगरा के बीच स्लीपर वंदे भारत के अलावा वाराणसी के रास्ते प्रयागराज सहित कुल सात वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना है। गोरखपुर से वाराणसी और पटना रेलमार्ग पर भी वंदे भारत चलाने की तैयारी है।
रेलवे बोर्ड ने यात्रियों की सुविधा के लिए वातानुकूलित (एसी), शयनयान (स्लीपर) और साधारण (जनरल) कोच की अलग-अलग वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है। संभावना जताई जा रही है कि गोरखपुर से दिल्ली के बीच भी गुलाबी रंग की स्लीपर वंदे भारत जल्द चलने लगेगी।
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रेलवे के अफसरों का कहना है कि 26 हजार करोड़ से हवाई जहाज जैसी सुविधा वाली 200 स्लीपर वंदे भारत तैयार की जा रही हैं। इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने दो वित्तीय वर्ष में वंदे भारत के और 3200 कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
इन कोचों से वर्ष 2027 तक कम से कम आठ कोचों वाली 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें तैयार हो जाएंगी। यह सभी कोच इंटीग्रल कोच फैक्टी (आइसीएफ) चेन्नई, रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला और माडर्न कोच फैक्ट्री राय बरेली में बनाए जा रहे हैं।
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