Indian Railways News: भटनी में बनेगा सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत का डिपो, रेलवे ने पूरी की भूमि की पड़ताल
गोरखपुर के भटनी जंक्शन के नजदीक वंदे भारत ट्रेन के रखरखाव के लिए डिपो बनाया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के पास की जमीन को अस्वीकार कर दिया है। गोरखपुर में राष्ट्रीय स्तर का डिपो बनेगा जहाँ अन्य क्षेत्रों की ट्रेनों का भी रखरखाव होगा। डिपो के लिए एक किलोमीटर लंबी भूमि की आवश्यकता है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भटनी जंक्शन के पास खाली भूमि पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत का डिपो बनेगा। रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर रेलवे ने भूमि की जांच-पड़ताल कर ली है। संबंधित सेक्शन इंजीनियर ने चिह्नित भूमि का सर्वे कर रेलवे प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के आधार पर रेलवे प्रशासन आगे की कार्यवाही आरंभ करेगी।
रेलवे बोर्ड ने डिपो के लिए प्रस्तावित आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के बगल वाली भूमि को खारिज कर दिया है। रेलवे बोर्ड का कहना है कि पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में भविष्य को देखते हुए वंदे भारत के लिए राष्ट्रीय स्तर का डिपो तैयार किया जाना, जहां अन्य जोन के वंदे भारत ट्रेनों का भी अनुरक्षण किया जा सके।
डिपो में वाशिंग पिट के लिए ही कम से कम एक किमी लंबी भूमि चाहिए। जबकि, आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के बगल में प्रस्तावित डिपो में एक किमी लंबी भूमि उपलब्ध नहीं है। बोर्ड के दिशा-निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने वंदे भारत डिपो के लिए भटनी में भूमि चिह्नित कर ली है।
जानकारों का कहना है कि वाराणसी मंडल स्थित भटनी जंक्शन के पास पर्याप्त भूमि खाली पड़ी है। वहां वंदे भारत का डिपो बन सकता है।
दरअसल, वंदे भारत ट्रेन चलने के साथ ही गोरखपुर में डिपो बनाने की तैयारी आरंभ हो गई। डिपो के लिए मानीराम, पीपीगंज और नकहा में भी भूमि देखी गई, लेकिन वह कम पड़ गई। अधिकारियों ने न्यू वाशिंग पिट में भी डिपो बनाने की योजना तैयार की, लेकिन जगह के अभाव में उसपर भी मुहर नहीं लग सकी।
अंतत: रेलवे प्रशासन ने आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के पास खाली पड़ी भूमि को चिह्नित कर डिपो निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया। तत्कालीन महाप्रबंधक की सहमति पर प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा गया था। लेकिन, इस प्रस्ताव पर भी बोर्ड की मुहर नहीं लग पाई है।
वंदे भारत ट्रेन के अनुरक्षण (मरम्मत, सफाई-धुलाई) के लिए डिपो जरूरी है। गोरखपुर न्यू वाशिंग पिट में पहले से किसी तरह दो वंदे भारत का अनुरक्षण हो रहा है। कोचिंग डिपो ने तीसरी वंदे भारत गोरखपुर-आगरा के अनुरक्षण के लिए हाथ खड़े कर लिए हैं।
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यह तब है जब रेलवे बोर्ड की पहल पर रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर-आगरा, गोरखपुर-दिल्ली और बनारस समेत पूर्वोत्तर रेलवे के प्रमुख मार्गों पर वंदे भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। आने वाले दिनों में वंदे भारत ट्रेनें ही चलाई जानी है।
इन प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेनों की राह में डिपो राह का रोड़ा बन गया है। सात जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर जंक्शन से पहली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई थी।
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