UP के इस जिले में मतदाता सूची के साथ 15 हजार से अधिक आवेदन भी फ्रीज, वजह जानकर होगी हैरानी
उत्तर प्रदेश के एक जिले में मतदाता सूची में गड़बड़ी के चलते 15 हजार से अधिक आवेदन फ्रीज कर दिए गए हैं। चुनाव आयोग को अपात्र लोगों के नाम शामिल होने और पात्र मतदाताओं के नाम गायब होने की शिकायतें मिली थीं। जांच के बाद आयोग ने मतदाता सूची को अपडेट करने का आदेश दिया है।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन- एसआइआर) के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से 27 अक्टूबर को ही वर्तमान मतदाता सूची फ्रीज कर दी गई। इसी के साथ जिले में मतदाता बनने, नाम, पता संशोधन कराने, बूथ बदलवाने आदि को लेकर किए गए 15 हजार से अधिक आवेदन भी फ्रीज कर दिए गए हैं।
उधर एसआइआर को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। मंगलवार की सुबह 10.30 बजे पहले भारत निर्वाचन आयोग और फिर शाम 4.30 बजे से राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जिले के निर्वाचन अधिकारी व डीएम दीपक मीणा, उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम (फाइनेंस) विनीत सिंह और सभी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी व एसडीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। इस दौरान अभियान से जुड़े कई जरूरी दिशा निर्देश और जानकारी दी गई।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक अगले दो दिनों में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद वे घर-घर जाकर मतदाताओं के विवरण का मिलान करेंगे। यह प्रक्रिया सामान्य मतदाता सूची संशोधन की तुलना में अधिक विस्तृत और तकनीकी होगी।
विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारी 27 अक्टूबर 2025 को फ्रीज की गई मतदाता सूची के अनुसार प्रत्येक मतदाता के लिए यूनिक एन्यूमरेशन फार्म तैयार करेंगे। इन फार्म में मौजूदा मतदाता सूची से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी होगी। हर 1000 मतदाता पर एक बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ नियुक्त करने का प्रविधान बनाया गया है।
इस तरह जिले में करीब 3679 बीएलओ तैनात किए गए हैं। ये बीएलओ इन फार्मों को अपने क्षेत्र के मतदाता तक पहुंचाएंगे और उन्हें 2003-2004 में हुई पिछली एसआईआर के रिकार्ड से नाम या रिश्तेदारों के नाम से मिलान करने में मदद करेंगे। इसके लिए बीएलओ को आल-इंडिया डेटाबेस से जानकारी लेने की भी सुविधा दी जाएगी, ताकि अगर मतदाता का नाम 2003-04 में किसी अलग मतदान केंद्र, विधानसभा या राज्य में रहा हो तो उसका मिलान किया जा सके। नाम मिलान के साथ ही मतदाता का काम पूरा हो जाएगा। आगे की प्रक्रिया निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी यानी ईआरओ द्वारा की जाएगी।
तीन बार दरवाजे पर दस्तक देंगे बीएलओ
बीएलओ फार्मों के मिलान और लिंकिंग के लिए अधिकतम तीन बार घरों का दौरा करेंगे। वे सिर्फ संबंधित विधानसभा, जिला और राज्य ही नहीं बल्कि देश भर के मतदाता सूची की जांच कर यह देखेंगे के संबंधित व्यक्ति का नाम कहीं और तो नहीं है। यदि किसी अन्य सूची में नाम पाया गया तब भी उन्हें मतदाता माना जाएगा। यदि कोई मतदाता अस्थायी रूप से बाहर गया है या आफिस समय में उपलब्ध नहीं है, तो वह आनलाइन माध्यम से स्वयं भी विवरण अपडेट कर सकता है।
पहले चरण में मतदाताओं के विवरण 2003-04 की सूची से मिलान किए जाएंगे ताकि पुराने रिकार्ड में विसंगतियां पकड़ी जा सकें। बीएलओ द्वारा दिए गए विशिष्ट गणना प्रपत्र में मौजूदा मतदाता सूची के सभी आवश्यक विवरण होंगे। बीएलओ प्रपत्र देने के बाद, जिन मतदाताओं के नाम उनमें हैं, यह मिलान करेंगे कि क्या उनका नाम 2003 की सूची में था। यदि पाया गया, तो उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होगी।
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अगर मतदाता का नाम उसमें नहीं हैं, बल्कि उनके माता-पिता के नाम सूची में थे, तो भी उन्हें कोई अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने की जरूरत नहीं होगी। 2003-04 की एसआइआर मतदाता सूची http://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध रहेगी। मतदाता खुद भी इसका मिलान कर सकेंगे। जिनके नाम इनमें नहीं होंगे उन्हें पहचान, जन्म और निवास के दस्तावेज देने होंगे।
नाम का मिलान नहीं होने पर ये दस्तावेज देने होंगे-
- केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी सरकारी उपक्रम के नियमित कर्मचारी या पेंशनधारक को जारी किया गया पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।
- किसी सरकारी संस्था, स्थानीय निकाय, बैंक, डाकघर, एलआईसी या सरकारी उपक्रम द्वारा एक जुलाई 1987 से पहले जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र, प्रमाणपत्र या दस्तावेज।
- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाणपत्र।
- पासपोर्ट।
- किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया मैट्रिकुलेशन या शैक्षिक प्रमाणपत्र।
- राज्य सरकार की सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी स्थायी निवास प्रमाणपत्र।
- वन अधिकार प्रमाणपत्र।
- सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी ओबीसी, एससी, एसटी या किसी जाति का प्रमाणपत्र।
- राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण जहां लागू हो।
- परिवार रजिस्टर, जिसे राज्य या स्थानीय निकायों द्वारा तैयार किया गया हो।
- सरकार द्वारा जारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र।
- आधार कार्ड मान्य पर आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार
आनलाइन भी भर सकेंगे फार्म
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान मतदाता आनलाइन भी फार्म भर सकते हैं। यदि उनके नाम, या उनके पिता या माता के नाम, 2003 की सूची में थे तो उन्हें 2003 की मतदाता सूची से अपने नाम की लिंकिंग करनी होगी। अगर मतदाता या उनके माता या पिता का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं थे तो ईआरओ 12 दस्तावेजों के आधार पर पात्रता निर्धारित करेगा।

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