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    UP में हर बिजलीकर्मी को आवास पर लगवाना होगा Smart Meter, 31 दिसंबर तक की मिली डेडलाइन

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 08:11 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने सभी बिजलीकर्मियों को 31 दिसंबर तक अपने आवासों पर स्मार्ट मीटर लगवाने का आदेश दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य बिज ...और पढ़ें

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    लक्ष्य पूरा न करने वाले जेएमटी होंगे निलंबित। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। विरोध के बीच सभी बिजलीकर्मियों के आवास पर स्मार्ट मीटर लगाना शुरू कर दिया गया है। बिजली निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने की जिम्मेदारी जूनियर मीटर टेस्टर (जेएमटी) को दी है। सभी को उनके क्षेत्र में रहने वाले सेवानिवृत्त और कार्यरत बिजलीकर्मियों की सूची सौंप दी गई है।

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    मीटर लगाने पहुंचने जेएमटी को विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर बिजलीकर्मी स्मार्ट मीटर लगाने से मना कर रहे हैं। बिजली निगम की ओर से कहा गया है कि 31 दिसंबर तक लक्ष्य पूरा न करने वाले जेएमटी को निलंबित कर दिया जाएगा।

    चेयरमैन डा. आशीष गोयल ने बिजली खपत की मानीटरिंग के लिए बिजलीकर्मियों के आवास पर भी स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए थे। मीटर लगाने की शुरुआत होते ही पूरे प्रदेश में विरोध शुरू हो गया। इसके बाद मीटर लगाने का काम ठप हो गया। अब एक बार फिर मीटर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

    इस बार सूची सौंपकर शत प्रतिशत परिणाम के निर्देश हैं। बिजलीकर्मियों का कहना है कि प्रबंधन फिक्सचार्ज बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहा है। यह सब निजीकरण की ओर बढ़ा कदम है। इसके बाद अवर अभियंता को प्रति माह पांच हजार रुपये से ज्यादा का बिजली का बिल देना पड़ सकता है।

    सरकारी कार्य में बाधा की दर्ज हो सकती है एफआइआर
    बिजली निगम के अभियंताओं का कहना है कि जो सेवानिवृत्त या वर्तमान बिजलीकर्मी स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध कर रहे हैं, उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने की एफआइआर भी दर्ज हो सकती है। यदि जेएमटी या किसी अन्य अभियंता से बदसलूकी होती है तो इसकी भी एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है। फिलहाल बातचीत से रास्ता निकालने को कहा गया है। यदि कोई जिद पकड़ेगा तो कार्रवाई का रास्ता खुला रखने को कहा गया है।

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    बहुत कम आता है बिजली का बिल
    आम उपभोक्ताओं को भले ही बिजली के लिए महीने में हजारों रुपये का बिल देना होता हो लेकिन बिजलीकर्मियों को मामूली धनराशि देकर बिना किसी हिसाब के चाहे जितनी बिजली इस्तेमाल करने का अधिकार मिल जाता है। मसलन, जेई (अवर अभियंता) को महीनेभर बिजली का इस्तेमाल करने के लिए 888 रुपये, एई (सहायक अभियंता) को 1092, एक्सईएन (अधिशासी अभियंता) को 1164, एसई (अधीक्षण अभियंता) को 1626 तथा मुख्य अभियंता को 1836 रुपये ही देने पड़ते हैं।

    भले ही इनके द्वारा कितनी भी यूनिट बिजली का महीनेभर में इस्तेमाल किया गया हो। इसी तरह तृतीय श्रेणी के लिपिक आदि को 540 और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 444 रुपये ही देने होते हैं। एसी लगाने पर प्रति एसी छह सौ रुपया अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। भले ही एसी 24 घंटे क्यों न चलती हो।