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    गोरखपुर में दो पहिया वाहनों से 82 मार्ग दुर्घटनाएं, हताहतों की संख्या भी सर्वाधिक

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 10:58 AM (IST)

    गोरखपुर जिले में इस साल दोपहिया वाहनों से 82 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 32 गंभीर रूप से घायल हुए। परिवहन विभाग के अनुसार बिना हेलमेट के वाहन चलाना इसका मुख्य कारण है। विभाग ने चालान काटे हैं और नो हेलमेट-नो फ्यूल अभियान चलाया है। सहजनवां और गीडा थाना क्षेत्रों में सर्वाधिक दुर्घटनाएं हुईं हैं। जागरूकता अभियान पर जोर दिया जा रहा है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिले में दो पहिया वाहनों (मोटरसाइकिल व स्कूटी) से एक जनवरी से 31 अगस्त तक 82 दुर्घटनाएं हुई हैं। जिसमें 32 गंभीर व 50 सामान्य रूप से हुए घायल हुए हैं। मार्ग दुर्घटनाओं में हताहत होने वाले दो पहिया वाहन चालकों और सवारों की संख्या भी सबसे अधिक है।

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    परिवहन विभाग इसका मुख्य कारण बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाने को मानता है। परिवहन विभाग की टीम ने एक जनवरी से 30 जून तक बिना हेलमेट के 4392 दो पहिया वाहनों का चालान काटा है।

    इसके बाद भी दो पहिया वाहन चालक जागरूक नहीं हो पा रहे। जबकि, शासन दो पहिया वाहनों को हेलमेट पहनने के लिए बाध्य भी कर रहा है। इसके लिए पेट्रोलपंपों पर 'नो हेलमेट-नो फ्यूल' अनिवार्य कर दिया है। शासन के दिशा-निर्देश पर एक से 30 सितंबर तक सघन अभियान भी चलाया जा रहा है।

    सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अरुण कुमार का कहना है कि एक जनवरी से 30 जून तक गोरखपुर में बिना सीटबेल्ट के 5012, मोबाइल से बात करते हुए वाहन चलाते 459, नशे में वाहन चलाने पर 28 और गलत दिशा में वाहन चलाते 81 मामले पकड़े गए हैं।

    इनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है। बिना हेलमेट पहने दो पहिया वाहनों से सर्वाधिक दुर्घटनाएं दस थाना क्षेत्रों में हुई हैं। थाना क्षेत्र सहजनवां, गीडा, रामगढ़ताल, एम्स, खोराबार, चौरीचौरा, बड़हलगंज, गगहा, कैंट एवं चिलुआताल में सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इन थाना क्षेत्रों में सर्वाधिक दुर्घटनाएं सहजनवां और गीडा थाना के घटनाएं एनएच-27 पर हुईं हैं।

    गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग बाघा गाड़ा में सड़क के किनारे खड़े वाहनों से टकराकर मार्ग दुर्घटनाएं होती रहती हैं। मार्ग दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान में पुलिस प्रशासन का भी सहयोग लिया जा रहा है। ताकि, मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके।

    'नो हेलमेट-नो फ्यूल' अभियान के अंतर्गत सिर्फ कार्रवाई ही नहीं की जा रही, बल्कि मोटरसाइकिल सवार लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

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    पेट्रोल पंप संचालकों को और उनके मैनेजरों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे प्रत्येक मोटरसाइकिल सवार को बिना हेलमेट के आने पर पेट्रोल ना दें। मोटरसाइकिल सवार को बाध्य करें कि वह हेलमेट पहन कर पेट्रोल भराने आएं।

    बिना हेलमेट के सर्वाधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। सड़क सुरक्षा अभियान के साथ 'नो हेलमेट-नो फ्यूल' अभियान भी चलाया जा रहा है। गोरखपुर के दस सर्वाधिक दुर्घटना वाले थाना क्षेत्रों में प्रवर्तन कार्य के लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पकड़े जाने पर चालान और सीज की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही चालकों को जागरूक किया जा रहा है। जन जागरूकता से ही मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश संभव है।

    - संजय कुमार झा, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), गोरखपुर

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