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    Railway News: दिसंबर तक भटनी-प्रयागराज डबल लाइन पर दौड़ने लगेंगी ट्रेनें, पूर्वोत्तर रेलवे को मिलेगी विकास की नई रफ्तार

    Updated: Sat, 19 Apr 2025 03:49 PM (IST)

    पूर्वोत्तर रेलवे के भटनी-बनारस-प्रयागराज रेलमार्ग को लेकर एक नई खबर सामने आई है। इसका निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा और उसपर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इससे भटनी बनारस और प्रयागराज आना जाना आसान हो जाएगा। दुल्लहपुर-सादात 18 किमी रेलमार्ग का दोहरीकरण भी पूरा हो गया है। तुर्तीपार में सरयू नदी पर पुल का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है।

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    डबल लाइन पर दिसंबर 2025 तक ट्रेनों का संचालन आरंभ हो जाएगा। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के भटनी-बनारस-प्रयागराज रेलमार्ग के डबल लाइन पर दिसंबर 2025 तक ट्रेनों का संचालन आरंभ हो जाएगा। महाप्रबंधक सौम्या माथुर के दिशा-निर्देश पर भटनी से औड़िहार तक चल रहे दोहरीकरण कार्य में तेजी आई है। महाप्रबंधक ने निर्माण कार्य को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया है।

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    भटनी- औड़िहार खण्ड (117 किमी) दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत किड़िहरापुर-इन्दारा (12.98 किमी), सादात-औड़िहार (18.21 किमी), भटनी-पिवकोल (5.25 किमी), बेलथरा रोड-किड़िहरापुर (13.85 किमी) सहित अब तक कुल 50.29 किमी कार्य पूरा हो गया है। दुल्लहपुर-सादात 18 किमी रेलमार्ग का दोहरीकरण भी पूरा हो गया है।

    जखनिया-सादात- पिपरीडीह- दुल्लहपुर (39.18 किमी) एवं पिवकोल-सलेमपुर-लार रोड-बेलथरा रोड (27.53 किमी) के दोहरीकरण का कार्य विद्युतीकरण सहित प्रगति पर है, जिसके पूरा हो जाने पर भटनी-औड़िहार (117 किमी) पूरा रेल खण्ड दोहरीकृत हो जाएगा। तुर्तीपार में सरयू नदी पर पुल का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है।

    दोहरीकरण परियोजना की कुल लागत 2529.46 करोड़ रुपये है। वर्ष 2024- 25 के बजट में इस परियोजना को पूरा करने के लिए 413.33 करोड़ का आवंटन किया गया है। दोहरीकरण का कार्य पूर्ण हो जाने पर ट्रैक क्षमता बढ़ जाएगी। ट्रेनों का समय पालन दुरुस्त होगा।

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    यात्रियों की मांग के अनुसार अन्य अतिरिक्त गाड़ियां भी चलाई जा सकेंगी। इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। बनारस से प्रयागराज तक डबल लाइन पहले ही बिछ चुकी है। झूसी से प्रयागराज के बीच गंगा पुल का निर्माण भी पूरा हो गया है।

    दिसंबर तक चलेंगी ट्रेनें। जागरण


    कैंट से कप्तानगंज तक डबल लाइन का निर्माण कार्य शुरू

    गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रूट का दोहरीकरण आरंभ हो गया है। निर्माण कार्य पांच चरण में पूरा होगा। पहले चरण में कैंट-पिपराइच (16.09 किमी), द्वितीय चरण में पिपराइच-कप्तानगंज (19.72 किमी), तृतीय चरण में कप्तानगंज-सिसवा बाजार (26.16 किमी), चौथे चरण में सिसवा बाजार-पनियहवा (20.87 किमी) तथा पांचवें चरण में पनियहवा-वाल्मीकीनगर (13.10 किमी) का निर्माण कार्य पूरा होगा।

    प्रथम चरण में निर्माण शुरू है। गोरखपुर से कप्तानगंज के बीच रेल लाइन बिछाने, पुल और स्टेशन भवन बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। गोरखपुर कैंट-वाल्मीकीनगर खण्ड (95.95 किमी) के दोहरीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने 1120.66 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। इस रेलमार्ग पर 09 क्रासिंग स्टेशन, 03 हाल्ट स्टेशन, 10 बड़े व 43 छोटे और 01 महत्वपूर्ण पुल बनाए जाने हैं।

    दरभंगा तक बिछेगी डबल लाइन, और आसान होगी नेपाल की राह

    रेल मंत्रालय ने गोरखपुर- नरकटियागंज से आगे और करीब 256 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दी है। इसमें बिहार के नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा एवं सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण शामिल है। इस रेल लाइन पर 4,553 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 87 लाख रोजगार का सृजन होगा।

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    डबल लाइन के निर्माण से न सिर्फ पूर्वोत्तर के राज्यों से उत्तर प्रदेश और बिहार का रेल नेटवर्क मजबूत होगा, बल्कि उत्तर राज्यों से भी मांग के अनुसार अधिक से अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। नेपाल और उत्तर-पूर्व भारत के बीच रेल संपर्क में भी वृद्धि होगी।

    गोरखपुर-आनंदनगर-गोंडा रेलमार्ग के दोहरीकरण को भी हरी झंडी

    गोरखपुर-नकहाजंगल-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा 215 किमी रेलमार्ग के दोहरीकरण को रेलवे बोर्ड की हरी झंडी मिल गई है। बोर्ड ने नकहाजंगल-गोंडा समेत मथुरा-कासगंज 105 किमी रेलमार्ग पर भी डबल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दे दी है।

    रेलवे प्रशासन ने सर्वे के बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) की भी तैयारी शुरू कर दी है। डीपीआर पर बोर्ड की मुहर लगते ही दोहरीकरण की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। नकहाजंगल-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा बाइपास रेलमार्ग का दोहरीकरण हो जाने के बाद मांग के अनुसार अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। सीतापुर- गोंडा और लखनऊ-गोंडा रूट की ट्रेनें आनंदनगर-घुघली होते हुए सीधे नरकटियागंज रेलमार्ग पर पहुंच जाएंगी। गोरखपुर जंक्शन आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

    पूर्वोत्तर रेलवे में तेजी से दोहरीकरण का कार्य पूरा किया जा रहा है। रेलमार्गों की क्षमता में वृद्धि हुई है। छपरा- लखनऊ मुख्य रेल मार्ग, सीतापुर- बुढ़वल, बलिया- बनारस एवं औड़िहा - जौनपुर तथा बनारास- प्रयारागज रामबाग रेललाइन पूरी तरह से दोहरीकृत है। भटनी- औरिहार, मऊ- शाहगंज, गोरखपुर कैंट- वाल्मीकिनगर का कार्य प्रगति पर है। गोंडा से नकहा जंगल (गोरखपुर) वाया आनंदनगर एवं बढ़नी के दोहरीकरण के फाइनल लोकेशन सर्वे को भी रेलवे बोर्ड की स्वीकृति मिल चुकी है। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे

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