कोहरे में अधिकतम 75 किमी प्रति घंटे हो जाएगी ट्रेनों की रफ्तार, लगाई गई है 980 फॉग सेफ डिवाइस
पूर्वोत्तर रेलवे में कोहरे के कारण ट्रेनों की गति सीमा कम की गई है। फाग सेफ डिवाइस वाली ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किमी प्रति घंटा होगी। रेलवे ने 980 फाग सेफ डिवाइस लगाई हैं, जो जीपीएस आधारित हैं और लोको पायलटों को पहले ही सतर्क कर देती हैं। इससे सुरक्षित संचालन में मदद मिल रही है और फॉग सिग्नल मैन की आवश्यकता भी कम हो गई है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कोहरे में पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर चलने वाली ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। जिन ट्रेनों में फाग सेफ डिवाइस नहीं लगी है, वह अधिकतम 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे में ट्रेनों की अधिकतम गति 110 किमी प्रति घंटे है।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार कोहरे में सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे में कुल 980 फाग सेफ डिवाइस लगाई गई हैं। जिनमें लखनऊ मंडल में 315, इज्जतनगर मंडल में 250 तथा वाराणसी मंडल में 415 फॉग सेफ डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं। फाग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित होती है।
कोहरे के दौरान सुरक्षित, संरक्षित एवं अपेक्षाकृत तेज ट्रेन संचालन में आधुनिक जीपीएस आधारित फॉग सेफ डिवाइस का महत्पूर्ण योगदान है। इस डिवाइस के उपयोग में आने के पूर्व कोहरे के दौरान अधिकतम गति 60 किमी प्रति घंटा अनुमेय थी। फॉग सेफ डिवाइस के लग जाने के बाद अधिकतम अनुमेय गति 75 किमी प्रति घंटा हो गई है।
अब फॉग सिगनल मैन भेजने की आवश्यकता भी खत्म हो गई है। कोहरे के दौरान पूर्ण ब्लॉक पद्धति एवं स्वचालित ब्लॉक पद्धति में गाडियों के संचालन के संबंध में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में सभी लोको पायलटों एवं सहायक लोको पायलटों की काउसलिंग की गई है।
पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों में सभी रेल खण्डों पर सभी यात्रियों एवं मालगाड़ियों में फॉग पास डिवाइस का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा पटरियों के निगरानी के लिए पेट्रोलिंग की जा रही है।
फाॅग सेफ डिवाइस सिग्नल के 500 मीटर पहले ही लोको पायलटों को सतर्क (अलर्ट) कर देती है। डिवाइस से न सिर्फ आवाज निकलती है, बल्कि वीडियो पर भी सिग्नल दिखने लगते हैं।

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