बाघिन के बाद अब उसका शावक भी भेजा गया गोरखपुर चिड़ियाघर, एक अब भी फरार
नरनी गांव से पकड़े गए बाघ के शावक को गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा गया। वन विभाग के अनुसार, यह उसी बाघिन का शावक है जिसे पहले पकड़ा गया था। बाघिन पहले से ही चिड़ियाघर में है। दूसरा शावक अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। गांव में बाघों के परिवार की सक्रियता के बाद वन विभाग ने कार्रवाई की। एक शावक को दुधवा के विशेषज्ञ ने पकड़ा था।

नरनी गांव में दो महीने से विचरण कर रहा था कुनबा विचरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर/ सीतापुर। महोली क्षेत्र के नरनी गांव में पकड़े गए बाघ के शावक को गुरुवार दोपहर बाद गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए रवाना कर दिया गया। वन विभाग ने दावा किया है कि यह वही नर शावक है, जिसकी मां बाघिन को 20 सितंबर की रात इसी गांव से ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा गया था।
बाघिन पहले से ही गोरखपुर चिड़ियाघर में है और अब शावक को भी उसी बाड़े में रखा जाएगा। हालांकि दूसरा शावक अभी फरार है। रेस्क्यू टीम उसकी तलाश में जुटी है।
नरनी गांव में बीते दो माह से बाघ का कुनबा सक्रिय था। 22 अगस्त को बाघ के हमले में एक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद वन विभाग ने गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अस्थायी कमांड सेंटर बनाकर बाघ और उसके कुनबे की निगरानी शुरू की।
20 सितंबर को बाघिन और पांच अक्टूबर की रात एक बाघ को पकड़ा गया। बाघिन को गोरखपुर और बाघ को कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया। ट्रैप कैमरे में दो शावक दिखाई दिए थे। आठ अक्टूबर की रात दुधवा से आए विशेषज्ञ डा. दयाशंकर ने एक शावक को ट्रैंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया।
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इसके बाद शावक को पहले इलसिया वन उद्यान लाया गया, जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। फिर एसडीओ ब्रजेश पांडेय और डा. दयाशंकर की टीम उसे लेकर गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए रवाना हुई।
डीएफओ नवीन खंडेलवार ने बताया कि नरनी गांव में पकड़ा गया शावक गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा गया है, जहां वह अपनी मां के पास रहेगा। दूसरे शावक को भी पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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