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    इस पक्षी को बेचने खरीदने पर लगा है रोक, इसके बाद भी हो रही तस्‍करी, 600 रुपये जोड़ा बेच कमाते हैं लाखों, ऐसे खुला पूरा खेल

    Updated: Fri, 19 Apr 2024 03:10 PM (IST)

    उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने तोतों की तस्‍करी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। ये गिरोह बहराइच समेत अन्य जगहों से तोतों को पकड़वाता है। इसके बाद उन्हें पिजरें में रखकर बिहार के पटना ले जाकर बेचते थे। एक जोड़ी तोतें के बदले यह 600 रुपये लेते थे।

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    वन विभाग की टीम ने नंदानगर अंडर पास से तस्‍करों को पकड़ा।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। वन विभाग और एसटीएफ ने संयुक्त रूप से तिनकोनिया रेंज के नंदानगर अंडरपास से बुधवार की रात तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। इनके पास से प्रतिबंधित 676 तोते (रोजरिंग पैराकीट) बरामद किए।

    तीनों तस्करों की पहचान राजघाट थाना क्षेत्र के छोटे काजीपुर निवासी रईस अहमद, रायगंज निवासी मो. इम्तियाज और बिहार पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र मिस्का टोला निवासी मंसूर आलम के रूप में हुई। इनका एक साथी शमसाद मौके से फरार हो गया। तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

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    इन तस्करों में रईस अहमद मुख्य है। जो अपने गिरोह से बहराइच समेत अन्य जगहों से तोतों को पकड़वाता है। इसके बाद उन्हें पिजरें में रखकर बिहार के पटना ले जाकर बेचते थे। एक जोड़ी तोतें के बदले यह 600 रुपये लेते थे। रईस इसके पहले भी कई बार तस्करी में जेल जा चुका है।

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    डीएफओ विकास यादव के पास वाइल्ड लाइफ कंट्रोल व्योरों दिल्ली से सूचना मिली थी कि गोरखपुर वन प्रभाग क्षेत्र से तोतों की तस्करी की जा रही है। तस्कर बिहार से खाली पिजरे लेकर पहुंच रहे हैं।

    इसके बाद प्राइवेट गाड़ी से तोतों को लेकर बिहार जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर उप वनाधिकारी हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में तिनकोनिया रेंजर लव सिंह व एसटीएफ के डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ल की टीम के साथ संयुक्त रूप से तिनकोनिया रेंज में घेराबंदी की।

    नंदानगर अंडर पास के पास भाग रहे एक बोलेरों को पकड़ा। टीम ने गा़ड़ी के अंदर से आठ पिजड़ों में 676 तोता के साथ तीन तस्करों को पकड़ा।

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    इनके पास दो मोबाइल फोन, एक की पैड, 13 हजार 300 रुपये बरामद हुए। वहीं बिहार पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र के मिस्का निवासी शमशाद मौके से फरार हो गया।

    उप वनाधिकारी हरेंद्र सिंह ने बताया कि पूछताछ में तस्करों ने बताया वह सात-आठ वर्षो से सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर व मध्य प्रदेश प्रतिबंधित तोतों को पकड़ते थे। रईस के गोरखपुर स्थित घर लाकर तोतों को पिजड़े में पैकिंग करते हैं। इसके बाद से प्राइवेट गाड़ी से दूसरे राज्यों में ले जाकर बेच देते थें।

    उप वनाधिकारी ने बताया कि एक वर्ष पहले भी रईस को बोलेरों व तोतों के साथ गिरफ्तार किया गया था। लेकिन ढाई लाख जुर्माना पर न्यायालय से इसे जमानत मिल गई थी। कुछ दिन पहले रईस को सीतापुर वन प्रभाग की टीम ने भी गिरफ्तार किया था लेकिन 15 दिन में जमानत लेकर वह बाहर आ गया था।