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    UP News: तीन पाकिस्तानी कैदी अटारी बार्डर से जाएंगे अपने वतन, गृह मंत्रालय से आया पत्र; तैयारी शुरू

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 12:46 PM (IST)

    Pakistani Prisoners तीन पाकिस्तानी कैदियों को अटारी बॉर्डर के रास्ते उनके वतन वापस भेजा जाएगा जिसमें से एक गोरखपुर जेल में बंद है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर शासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। एसएसपी गोरखपुर से पाकिस्तानी कैदी का आपराधिक रिकॉर्ड मांगा गया है। 7 फरवरी 2025 को तीनों कैदियों को कड़ी सुरक्षा में अटारी बॉर्डर भेजा जाएगा।

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    Pakistani Prisoners अटारी बार्डर से तीन पाकिस्तानी कैदियों को भेजा जाएगा उनके वतन। जागरण (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। तीन पाकिस्तानी कैदियों (Pakistani Prisoners) को अटारी बार्डर से उनके वतन भेजा जाएगा। इसमें एक गोरखपुर जेल में निरुद्ध है। गृह मंत्रालय से पत्र आने के बाद शासन ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है। एसएसपी गोरखपुर को पत्र लिख गृह मंत्रालय की ओर से पाकिस्तानी कैदी का आपराधिक रिकार्ड भी मांगा गया है।तीनों कैदियों को सात फरवरी 2025 को कड़ी सुरक्षा में अटारी बार्डर भेजा जाएगा।

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    गृह मंत्रालय ने इस मामले में निर्देश जारी करते हुए गोरखपुर जेल में निरुद्ध मो. मसरूफ के बारे में रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी से कहा गया है कि वे मो. मसरूफ की पूरी जानकारी और जरूरी दस्तावेज जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं।

    इसी के साथ गुजरात और राजस्थान की जेलों से भी पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रिहाई के बाद इन कैदियों को कड़ी सुरक्षा में अटारी बार्डर ले जाया जाएगा। सात फरवरी, 2025 की दोपहर 12 बजे इनको पाकिस्तान के अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।

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    कौन है मो. मसरूफ

    पाकिस्तान के कराची में रहने वाले मो. मसरूफ उर्फ गुड्डू को 2008 में बहराइच पुलिस ने जासूसी, देशद्रोह, जालसाजी और साजिश रचने के आरोप में पकड़ा था। वर्ष 2013 में मो. मसरूफ को आजीवन कारावास की सजा हुई है। इसके बाद वर्ष 2015 में उसे वाराणसी सेंट्रल जेल में भेजा गया। कैदियों को उकसाने और विद्रोह करने के आरोप में वर्ष 2019 में शासन के निर्देश पर मसरूफ को गोरखपुर जेल लाया गया। यहां उसे हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है।

    अटारी बॉर्डर। जागरण (फाइल फोटो)


    दस्तावेज के साथ साफ-सुथरी स्थिति में सौंपना है

    भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने घोषणा की है कि रिहा किए जा रहे कैदियों के खिलाफ अब कोई लंबित मामला नहीं है। संबंधित राज्य की सरकारों ने भी उनकी रिहाई पर अपनी सहमति व्यक्त की है। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कैदियों को उनको दस्तावेज़, पहचान पत्र के साथ साफ-सुथरी स्थिति में सौंपा जाएगा। रिहा करने और अटारी बार्डर तक पहुंचाने के लिए उचित सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित राज्य की है।

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    इन पाकिस्तानी कैदियों की होनी है रिहाई

    गृह मंत्रालय से आदेश के मुताबिक गोरखपुर जेल में बंद मो. मसरूफ के अलावा गुजरात की भुज जेल में कैद खादम हुसैन तैमूर और राजस्थान की अलवर जेल में बंद नंदलाल की रिहाई होनी है।