UP Police Recruitment Exam: तीन भाइयों का यूपी पुलिस में हुआ चयन, सपना देखा, संघर्ष किया और एक साथ हासिल की सफलता
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक ऐसी कहानी सामने आई है जिसे सुनकर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी। यह तीन भाइयों की सफलता की कहानी है जिन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में एक साथ सफलता हासिल की। तीनों ने एक साथ संघर्ष किया। अनुशासन और समर्पण की बदौलता ऐसा मुकाम हासिल किया जिसे जानकर हर युवा प्रेरणा ले सकता है।

सतीश पांडेय, गोरखपुर। सफलता सिर्फ मेहनत से नहीं, अनुशासन, समर्पण और सही दिशा में किए गए प्रयासों से भी मिलती है। यही कहानी है झंगहा के मोतीराम अड्डा,दुबियारी दाड़ी टोला के रहने वाले राजकिशोर पाल के तीन बेटों धीरज, नीरज और अमन की।
इन्होंने एक साथ उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा पास कर घर और गांव का नाम रोशन किया। तीनों भाइयों ने अपने बाबा विश्वनाथ पाल और पिता राजकिशोर पाल से प्रेरणा लेकर बचपन में ही पुलिस फोर्स में जाने का सपना देखा था, जिसे अब हकीकत बना दिया है।
तीनों भाइयों की सफलता कोई संयोग नहीं, बल्कि वर्षों की मेहनत और अनुशासन का परिणाम है। इनके बाबा विश्वनाथ पाल सेना में थे, जिनकी कहानियां सुनकर ही राजकिशोर पाल ने 30वीं बटालियन पीएसी में भर्ती होकर देशसेवा की राह चुनी। यही संस्कार धीरज (29), नीरज (27) और अमन (25) को भी मिले।
इनके घर में अनुशासन और कड़ी मेहनत की परंपरा शुरू से रही।तीनों भाइयों ने इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही पुलिस भर्ती की तैयारी शुरू कर दी। सुबह-सुबह अवधपुर गांव में स्थित शांति देवी के बगीचे में दौड़ लगाना, व्यायाम करना और फिर पढ़ाई में जुट जाना,यह उनकी दिनचर्या बन गई थी।
इसे भी पढ़ें- गोरखपुर से वाराणसी और पटना तक दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस, हाईस्पीड ट्रेन का हो चुका है सफल परीक्षण
इनके साथ तीन लड़कियों समेत चार अन्य लोग भी तैयारी कर रहे थे। सभी एक-दूसरे का सहयोग करते थे और किसी की हिम्मत न टूटने देते। हर दिन चार से पांच घंटे पढ़ाई, शारीरिक प्रशिक्षण और अनुशासन इनकी सफलता की कहानी का हिस्सा बना।
पिता का अनुशासन और मां का समर्पण बना ताकत
राजकिशोर पाल की पत्नी आशा देवी गृहिणी हैं, लेकिन उनके अंदर भी वही अनुशासन है जो एक फौजी परिवार में होना चाहिए। तीनों बेटों की दिनचर्या, खान-पान और पढ़ाई को लेकर वे बेहद सख्त रहती थीं। पिता राजकिशोर पाल ने हमेशा सिखाया कि अगर लक्ष्य बड़ा हो, तो मेहनत भी उतनी ही बड़ी होनी चाहिए। तीनों भाइयों का कहना है, बाबा ने सेना की वर्दी पहनी, पिता जी पीएसी की वर्दी में देशसेवा कर रहे हैं और अब हम तीनों यूपी पुलिस में शामिल होकर उसी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे।
UP Police Recruitment: गांव में खुशी का माहौल। जागरण
गांव में जश्न, पूरे इलाके में खुशी का माहौल
जैसे ही तीनों भाइयों के चयन की खबर आई, पूरा गांव खुशी से झूम उठा। घर में मिठाइयां बंटी, ढोल-नगाड़े बजे और पूरे इलाके में तीनों भाइयों की सफलता की चर्चा होने लगी। यह सिर्फ एक परिवार की सफलता नहीं, बल्कि गांव के हर उस युवा के लिए प्रेरणा बन गई, जो मेहनत कर अपने सपनों को सच करना चाहता है।
छोटा भाई भी पढ़ाई में जुटा
तीनों भाइयों के अलावा घर में सबसे छोटा भाई आकाश बीटेक की पढ़ाई झांसी में कर रहा है। वह भी अपने भाइयों की सफलता से प्रेरित होकर खुद के लिए बड़ा लक्ष्य तय कर चुका है।
इसे भी पढ़ें- यूपी के इन 13 धार्मिक मार्गों का होगा कायाकल्प, शासन ने 76.84 करोड़ की धनराशि पर लगाई मुहर
संघर्ष और जिम्मेदारी के बीच धीरज को मिली सफलता
धीरज पाल की शादी वर्ष 2022 में हुई थी। उनका डेढ़ वर्ष का बेटा रुद्र है। पत्नी प्रियंका भी उनकी सफलता से बेहद खुश हैं। शादी के बाद भी धीरज ने अपने लक्ष्य से समझौता नहीं किया और पूरी मेहनत से तैयारी जारी रखी।परिवार की जिम्मेदारियों के साथ उन्होंने फोर्स में भर्ती होने का सपना जिंदा रखा और आखिरकार सफलता हासिल की। खास बात यह है कि उन्होंने लोको पायलट की प्रारंभिक परीक्षा भी पास कर ली है, जिससे उनकी मेहनत और लगन का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।