मैसूर के पार्कों की शोभा बढ़ाएंगे टेराकोटा के हाथी-घोड़े, ODOP से कारोबार को लगे पंख
स्थानीय शिल्पकार टेराकोटा उत्पादों की बढ़ती मांग से उत्साहित हैं। अहमदाबाद और मैसूर के पार्कों में हाथी-घोड़ों की सजावट के लिए शिल्पकार निर्माण कर रहे ...और पढ़ें
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टेराकोटा के उत्पाद। जागरण
संवाद सूत्र भटहट। टेराकोटा के उत्पादों की मांग बढ़ने से स्थानीय शिल्पकार उत्साहित हैं। गुजरात राज्य के अहमदाबाद के साथ ही मैसूर के विभिन्न पार्कों में हाथी और घोड़ों की सजावट होगी। इसकी मांग पूरी करने के लिए शिल्पकारों ने निर्माण शुरू कर दिया है। शिल्पकारों का कहना है कि इलेक्ट्रिक भट्ठी की उपलब्धता नहीं होने की वजह से कलाकृतियों को पकाने में समस्या आ रही है।
लंगड़ी गुलरिहा के शिल्पकार राजन प्रजापति ने बताया कि साढ़े तीन फीट ऊंचे हाथी एवं घोड़े बनाए जा रहे हैं। इनको अहमदाबाद व मैसूर के पार्कों के साथ- साथ विभिन्न होटलों में सजाया जाएगा। शिल्पकार रविंद्र प्रजापति ने बताया कि पहले दीपावली तक टेराकोटा की बनी कलाकृतियों की मांग रहती थी।
दीपक के अलावा लोग सजावट और उपहार के लिए सामग्री ले जाते थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से कारोबार की रफ्तार बढ़ी है। होटल और पार्काें की सुंदरता के लिए कलाकृतियों का प्रयोग किए जाने से मांग बढ़ गई है।
राजन प्रजापति ने बताया कि बड़े पैमाने पर मिले आर्डर की पूर्ति के लिए वर्कशाप में शिल्पकार दिन- रात काम कर रहे हैं। एक ट्रक से अधिक कलाकृतियां तैयार करके उनको पकाया जा रहा है।
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इलेक्ट्रिक भट्ठी से काम होगा आसान
शिल्पकारों का कहना है कि प्रदेश सरकार के प्रोत्साहन से ही टेराकोटा को ऊंचाई मिली है। इलेक्ट्रिक चाक, मिट्टी गूंथने के लिए पग मिल एवं व्यवसाय के लिए आर्थिक सहायता सरकार उपलब्ध करा रही है। लेकिन इलेक्ट्रिक भट्ठी की कमी से शिल्पकारों का काम प्रभावित हो रहा है। उपले से निकलने वाले धुंआ के कारण जहां आंखों पर असर पड़ रहा है। वहीं कलाकृतियों को पकाने में काफी समय लगता है। शिल्पकारों का कहना है कि इलेक्ट्रिक भट्ठी से काम आसान हो जाएगा। हर मौसम में कलाकृतियां कम समय में तैयार हो जाएंगी।

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