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    गोरखपुर GIDA में सीईटीपी निर्माण को राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की हरी झंडी, खर्च होंगे 57 करोड़ 

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 11:32 AM (IST)

    राज्य स्वच्छ गंगा मिशन ने गीडा के सीईटीपी निर्माण की औपचारिकताओं को मंजूरी दे दी है। अब एनएमसीजी की मंजूरी का इंतजार है, जिसके बाद सीईटीपी का निर्माण ...और पढ़ें

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    जल्द आयोजित होने वाली एनएमसीजी की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद शुरू होगा निर्माण। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) में बहुप्रतीक्षित कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की एक उच्चस्तरीय बैठक में सीईटीपी परियोजना से जुड़ी सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है और इसे सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।

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    अपर मुख्य सचिव (एसीएस) नमामि गंगे की अध्यक्षता में लखनऊ में आयोजित राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की बैठक में गीडा के सीईटीपी प्रस्ताव को हरी झंडी मिली। इस मंजूरी के बाद अब परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को अंतिम अनुमोदन के लिए केंद्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा) की आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। केंद्रीय स्तर से अंतिम मंजूरी मिलते ही, गीडा प्रशासन बिना किसी देरी के निर्माण कार्य शुरू कर देगा।

    गीडा में सीईटीपी की स्थापना लंबे समय से एक जरूरत महसूस की जा रही थी, क्योंकि औद्योगिक अपशिष्ट के सही ढंग से निस्तारण नहीं होने से आमी नदी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस परियोजना के मूर्त रूप लेने से न केवल औद्योगिक इकाइयों को लाभ होगा, बल्कि आमी नदी ही नहीं परोक्ष रूप से गंगा नदी का प्रदूषण भी रुकेगा। साथ ही भूजल की गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है।

    57 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण
    प्रस्तावित सीईटीपी की क्षमता 4 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) होगी और इसके निर्माण पर अनुमानित 57 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस ट्रीटमेंट प्लांट का उद्देश्य गीडा क्षेत्र में स्थापित विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट जल (एफ्लुएंट) को उपचारित करना है, ताकि पर्यावरणीय मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके और नदियों व जल स्रोतों में प्रदूषण को रोका जा सके। गीडा के उद्योगों का दूषित पानी आमी नदी में जाने से लंबे अरसे से इसमें प्रदूषण की समस्या बनी हुई है।

    डीएम की अध्यक्षता में गठित हो चुका है एसपीवी
    परियोजना के सुचारू संचालन और निगरानी के लिए जिला स्तर पर भी आवश्यक ढांचा तैयार किया जा चुका है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पहले ही एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) का गठन किया जा चुका है। यह एसपीवी निर्माण से लेकर प्लांट के संचालन तक पूरी परियोजना की देखरेख के लिए जिम्मेदार होगी।

    राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की बैठक में गीडा के सीईटीपी की सारी औपचारिकता को स्वीकृति मिल गई है। ऐसे में एनएमसीजी की बैठक में मंजूरी मिल जाने की संभावना है। इसके बाद सीईटीपी का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

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    -राम प्रकाश, एसीईओ, गीडा