हमारे आदर्श शिक्षक: पहले स्कूल की बदली तस्वीर, अब बदल रहे बच्चों की तकदीर
गोरखपुर के शिक्षक मनोज मिश्र ने स्कूल के प्रति समर्पण से मिसाल कायम की है। उन्होंने स्कूल की तस्वीर बदलने के साथ-साथ बच्चों के भविष्य को भी सुधारा है। दीवारों पर पाठ्य सामग्री लिखवाकर कक्षाओं को आकर्षक बनाया और शैक्षिक वीडियो बनाकर बच्चों को पढ़ाई में मदद की। उनकी मेहनत से स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ी है और विद्यालय पीएमश्री विद्यालय बन चुका है।

प्रभात कुमार पाठक, जागरण, गोरखपुर। आज जहां बहुत से शिक्षक शिक्षण कार्य को आराम का काम मानकर नौकरी कर रहे हैं, वहीं जिले के परिषदीय स्कूल के कई शिक्षक स्कूल व बच्चों के प्रति अपने समर्पण से दूसरों के लिए नजीर बन गए हैं। राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित हो चुके शिक्षक मनोज मिश्र इन्हीं शिक्षकों में से एक हैं। जिन्होंने न सिर्फ अपनी मेहनत से स्कूल की तस्वीर बदल दी है, बल्कि बच्चों की तकदीर बदलने में भी जुटे हैं।
जनपद के गगहा ब्लाक के कंपोजिट पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरी के प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज ने तैनाती होते ही सबसे पहले विद्यालय के परिवेश को सहज, सुंदर और आकर्षक बनाया। स्कूल की बाहरी दीवारों से लेकर कक्षा कक्ष की दीवारों को उनकी कक्षा अनुरूप पाठ्य सामग्री की पेंटिंग व लेखन कराया। जैसे मैंने सभी दीवारों बोलती है और बच्चों को शिक्षा देती है। आज उनके यहां प्रत्येक कक्षा कक्ष प्रिंट रिच मटेरियल से परिपूर्ण है, जो बच्चों को अनायास ही कुछ न कुछ सीखने में मदद करती हैं।
करीब 12 साल पहले जब शिक्षक मनोज ने स्कूल की कमान संभाली तो उस समय बच्चों का समय से स्कूल न आना एक बड़ी समस्या थी। इससे निपटने के लिए उन्होंने निर्धारित समय से एक घंटे पहले स्कूल को खोलना और आधे घंटे पहले से प्रार्थना सभा की विभिन्न गतिविधियों को करवाना शुरू किया। प्रार्थना सभा को प्रभावी बनाने के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग किया। लाउडस्पीकर की आवाज सुनकर बच्चों की विद्यालय में समय से उपस्थिति होने लगी।
शिक्षक मनोज बताते हैं कि बच्चों को समय के साथ चलने व तकनीक से जोड़ने के लिए कक्षा छह से आठ तक की विषय वस्तु से संबंधित 545 शैक्षिक अधिक वीडियो बनाकर मैंने उसे यूट्यूब पर अपलोड किया, जिसका आज बच्चे स्मार्ट क्लास के दौरान पठन-पाठन में प्रयोग करते हैं।
वे बताते हैं कि प्रार्थना सभा को प्रभावी बनाने के लिए दैनंदिनी सीरीज शुरू किया जो पहले पोस्टर फार्म में और अब वीडियो फार्म में है। इसके माध्यम से प्रतिदिन की विशेषताओं से बच्चे अवगत होते हैं। इसमें देश-विदेश के महान लोगों के प्रेरक विचारों को प्रस्तुत किया जाता है। साथ ही इसी से जुड़ी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी आयोजित की जाती है। यह नवाचार आज स्कूली बच्चों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए भी बेहद उपयोगी सिद्ध हो रहा है।
मददगार बनी ये शैक्षिक व सहगामी गतिविधियां
बच्चों को जोड़ने में शिक्षक मनोज मिश्र की जो शैक्षिक व सहगामी गतिविधियां मददगार बनी उनमें सुनें कहानी मनोज की जुबानी, शिक्षण अधिगम सामग्री का अधिक से अधिक प्रयोग, सामान्य विज्ञान गतिविधि, खेल-खेल में शिक्षा, योग प्राणायाम आदि शामिल हैं। इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को बच्चों के लिए मस्ती की पाठशाला के रूप में आयोजित होने वाले फन डे में बच्चों को विभिन्न कौशलों का क्रियात्मक प्रशिक्षण, बालसभा, कला-संगीत, भाषण, नृत्य, सामान्य ज्ञान, निबंध समेत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
हेल्थ टिप्स, स्वच्छता गतिविधियां भी स्मार्ट क्लास के जरिये की जाती है। इसके अलावा नमन सीरीज भी शुरू किया है, जिसमें ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बारे में बच्चों को बताया जाता है जिनके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। ये ऐसे बलिदानी हैं जिन्हाेंने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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पढ़ाई की बदौलत पहुंचाया 257 नामांकन
पिछले 12 वर्षों से प्रभारी प्रधानाध्यापक के दायित्व का निवर्हन कर रहे शिक्षक मनोज बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में अपना सौ प्रतिशत देते हैं। अपने इसी कार्य की बदौलत आज उनके स्कूल में बच्चों की संख्या 257 पहुंच चुकी है। इनमें से प्रतिदिन 90 से 95 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है।
इनमें से तमाम बच्चे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा चुके हैं। वे बताते हैं कि कायाकल्प के 19 पैरामीटर से संतृप्त यह विद्यालय वर्तमान में पीएमश्री विद्यालय बन चुका है।
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