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    Surya Grahan 2022: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में तारामंडल में जाकर देखा सूर्य ग्रहण

    CM Yogi Adityanath Saw Solar Eclipse 2022 In Gorakhpur मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में गोरखपुर नक्षत्रशाला के तारामंडल में जाकर सूर्य ग्रहण देखा। उन्होंने यहां पर करीब दस मिनट तक तारामंडल में लगे उपकरणों के माध्यम से सूर्य ग्रहण का अवलोकन किया।

    By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Tue, 25 Oct 2022 08:19 PM (IST)
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    CM Yogi Adityanath Saw Solar Eclipse 2022 In Gorakhpur:

    गोरखपुर, जेएनएन। CM Yogi Adityanath Saw Solar Eclipse 2022 In Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के अपने दूसरे दिन वर्ष के अंतिम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) को देखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार सुबह से ही गोरखपुर में हैं। इसी दौरान उन्होंने आज शाम को सूर्य ग्रहण देखा।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में गोरखपुर नक्षत्रशाला के तारामंडल (Gorakhpur Planetarium) में जाकर सूर्य ग्रहण देखा। उन्होंने यहां पर करीब दस मिनट तक तारामंडल में लगे उपकरणों के माध्यम से सूर्य ग्रहण का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कई उपकरणों से सूर्य ग्रहण को देखा। सीएम योगी विशेष चश्‍मे और टेलिस्‍कोप की मदद से इस वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण के साक्षी बने। उन्होंने कहा कि हमारे ब्रह्मांड में बहुत से रहस्य हैं, जिन्हें जानने और समझने की आवश्यकता है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में सूर्य ग्रहण देखा तो इसी दौरान लखनऊ (Lucknow Planetarium) तथा आनंद भवन प्रयागराज (Anand Bhawan Planetarium) में भी काफी भीड़ रही। लखनऊ में भी लोग तारामंडल पहुंचे। प्रयागराज में आनंद भवन में बने तारामंडल में भी इस दौरान बड़ी संख्या में लोग एकत्र होकर सूर्य ग्रहण को देखे।

    इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण उत्तर प्रदेश में शाम को 4.21 बजे प्रारंभ होकर 5.42 बजे तक चला। उत्तर प्रदेश में इस सूर्यग्रहण का असर अपराह्न 4.36 से शाम 6.26 बजे तक रहा। यहां सूर्यास्त का समय शाम 5.29 बजे है, इसलिए आंशिक असर दिखेगा। सूर्य का 36.93 प्रतिशत भाग चंद्रमा की छाया से ढका नजर आया। सूर्यग्रहण की अवधि करीब 53 मिनट की होगी। सूर्य ने शाम 5.26 बजे अधिकतम अवस्था प्राप्त की। अपराह्न 4.36 बजे सूर्य, चंद्रमा की मुख्य छाया के संपर्क में आने लगा। इस सूर्यग्रहण के बाद वर्ष 2030 तक अब भारत में कोई सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

    आंशिक ग्रहण तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के अनुरूप नहीं होते हैं और चंद्रमा केवल आंशिक रूप से सूर्य को ढकता है। इस घटना को आमतौर पर एक कुंडलाकार या पूर्ण ग्रहण के ट्रैक के बाहर पृथ्वी के एक बड़े हिस्से से देखा जा सकता है। हालांकि, कुछ ग्रहणों को केवल आंशिक ग्रहण के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि गर्भ पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के ऊपर से गुजरता है और कभी भी पृथ्वी की सतह को नहीं काटता है।