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    Gorakhpur News: वाहनों को उछालने वाले स्पीड ब्रेकर बन रहे हादसे का सबब, मानक के अनुरूप नहीं हो रहा निर्माण

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla
    Updated: Sat, 15 Feb 2025 02:50 PM (IST)

    गोरखपुर में स्पीड ब्रेकर हादसों का कारण बन रहे हैं। टेबल टॉप ब्रेकर बनाने के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। मानक के अनुरूप ब्रेकर न होने से वाहन उछल रहे हैं और दुर्घटनाएं हो रही हैं। एमएमएमयूटी के पास ब्रेकर पार करते समय एक युवक की मौत हो गई थी। शहर में कई जगहों पर स्पीड ब्रेकर झटके दे रहे हैं।

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    एमएमएमयूटी के सामने बना ब्रेकर।अनियंत्रित हो जा रहे वाहन। जागरण

    अरुण मुन्ना, जागरण, गोरखपुर। सड़क हादसों की रोकथाम के लिए शासन ने सड़क सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। सड़क पर राह चलते लोगों को झटके लगने से बचाने के लिए टेबल टाप ब्रेकर बनाने का दिशा निर्देश जारी किया गया है। लेकिन, इनका पालन शहर की सड़कों पर नहीं हो रहा है।

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    इस वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। गुरुवार तड़के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के पास ब्रेकर पार करते समय कार उछलने से उसमें सवार एक युवक की मौत हो गई थी, यदि वहां बना ब्रेकर मानक के अनुरूप होता तो यह हादसा नहीं होता।

    मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के सामने देवरिया फोरलेन सड़क के डिवाइडर के बीच कट बना है। इससे एमएमएमयूटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों अलावा अन्य लोग एक ओर से दूसरी ओर जाते आते हैं। कट को पार करने के दौरान कोई हादसा न हो। इसलिए दोनों ओर स्पीड ब्रेकर बनाए गए हैं। लेकिन इन पर बनीं पांच सफेद पट्टियों की वजह से ब्रेकर होने का अहसास दूर से नहीं होता है।

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    उनका सफेद पेंट उचटने से अब ठीक से नजर नहीं आ रहे हैं। कमोवेश यही हालत सड़क पर दोनों ओर है। शहर से खोराबार की ओर जाने पर सफेद पट्टियां तनिक नजर भी आ रही हैं। लेकिन दूसरी लेन में यह पूरी तरह से गायब हो चुकी है। इसलिए बाइक, आटो, कार सहित अन्य वाहन चालक दिन में ही हिचकोले खाते हुए ब्रेकर पार करते हैं।

    एमएमएमयूटी के सामने बना ब्रेकर।अनियंत्रित हो जा रहे वाहन। जागरण


    शुक्रवार की दोपहर 12:32 बजे से यहां से जाने वाले वाहन ब्रेकर पर पहुंचने के बाद उछलकर आगे बढ़ते रहे। छोटी पहिया वाली गाड़ियों को ज्यादा झटके लग रहे थे। ऐसे वाहन चालक जिनको पहले से ब्रेकर बने होने की जानकारी है। वे अपनी रफ्तार कम करते, लेकिन अन्य लोग धोखा खा जा रहे थे।

    सड़क के दूसरी ओर चाय बेचने वाले दुकानदार राकेश ने बताया कि ब्रेकर पर आकर सबसे ज्यादा बाइक सवार अनियंत्रित होते हैं। रात में वाहनों की रफ्तार दिन की अपेक्षा अधिक होती है। इसलिए दुर्घटना की आशंका ज्यादा रहती है। आटो लेकर रामनगर कड़जहा जा रहे चालक अरविंद निषाद ने बताया कि यहां स्पीड ब्रेकर बने होने का अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है।

    एयरपोर्ट के पास भी झटका दे रहे स्पीड ब्रेकर

    कसया रोड पर एयरपोर्ट के पास बने स्पीड ब्रेकर भी जोर के झटके देते हैं। यहां पर सुरक्षा के लिए लिहाज से सड़क के दोनों ओर बैरियर लगाए गए हैं। इसलिए वाहन कम गति से गुजरते हैं, लेकिन लगातार बने ब्रेकर के कारण धड़ धड़ धड़ करते हैं।

    अक्सर ही बाइक सवार अनियंत्रित होकर दाएं बाएं चले जाते हैं। कुसम्हीं बाजार की रहने वाली यशस्वी शहर के एक कोचिंग सेंटर में पढ़ती हैं। उन्होंने बताया कि सही ढंग से ब्रेकर नहीं बने की वजह से स्कूटर लेकर आने जाने असुविधा होती है।

    टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनाने के निर्देश, शहर में मानक दरकिनार

    प्रदेश सरकार की ओर से सड़क सुरक्षा के तहत कमर तोड़ू स्पीड ब्रेकर के स्थान पर टेबल टाप स्पीड ब्रेकर का निर्माण कराने का निर्देश वर्ष 2023 में ही दिया था। तब शासन की ओर जारी निर्देशों में यह कहा गया कि ब्रेकर बनाने के दौरान थर्मोप्लास्टिक पेंट्स, कैट आई आदि अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। लेकिन शहर में मानक दर किनार हैं।

    एमएमएमयूटी के सामने बना ब्रेकर।अनियंत्रित हो जा रहे वाहन। जागरण


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    लोक निर्माण विभाग से सेवानिवृत्त सहायक अभियंता हरिश्चंद्र वर्मा ने बताया कि भारतीय सड़क कांग्रेस (आइआरसी) से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार आदर्श स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर, लंबाई 3.5 मीटर होनी चाहिए। वाहन चालकों को आगे स्पीड ब्रेकर होने की चेतावनी देने वाले संकेत बोर्ड ब्रेकर से 40 मीटर की दूरी पर लगाए जाने पर नियम है। लेकिन इसके अनुपालन में लापरवाही बरती जाती है।

    शहर में सड़क सुरक्षा के लिए जारी दिशा निर्देशों का पालन कराया जाता है। नए सिरे से मानक के अनुसार स्पीड ब्रेकर बनवाने, साइन बोर्ड लगाने, सफेद और पीली पट्टी बनाने, कैट आई लगाने सहित अन्य व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। जल्द ही सुधार कार्य शुरू करा दिए जाएंगे। -अरविंद कुमार, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग

    अभियंता जीके सिंह ने बताया कि तीन तरह के ब्रेकर होते हैं। इनमें टेबल टाप, रंबल स्ट्रिप और रिपेटेड बार ब्रेकर शामिल हैं। अब टेबल टाप ब्रेकर बनाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इनकी लंबाई ढाई से पांच मीटर होती है। सड़क से ऊंचाई 10 सेंटीमीटर रखी जाती है। इस पर वाहन चढ़कर आराम से उतर जाते हैं, जिससे झटका नहीं लगता है।