गोरखपुर में नाकाबंदी हुई नाकाम, खोजी कुत्ते ने पांच मिनट में सुलझा दी अपहरण की गुत्थी
गोरखपुर के चिलुआताल में 11 वर्षीय लक्ष्य के अपहरण की खबर से हड़कंप मच गया। पुलिस ने नाकेबंदी की पर सफलता नहीं मिली। डॉग स्क्वायड के टोनी ने बच्चे के कपड़े सूंघकर 5 मिनट में गुत्थी सुलझा दी। लक्ष्य पड़ोसी की छत से होते हुए अपने घर के सोफे के पीछे सोया मिला वह कोचिंग छूटने के डर से छिपा था।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। चिलुआताल इलाके में बुधवार शाम उस समय सनसनी फैल गई, जब 11 वर्षीय छात्र लक्ष्य के अपहरण की सूचना फैली। जिलेभर की पुलिस अलर्ट हो गई, नाकेबंदी की गई, पचास से ज्यादा सीसी कैमरे के फुटेज खंगाले गए, क्राइम ब्रांच और डाग स्क्वाड लगा दिए गए। लेकिन चार घंटे की जी-तोड़ कोशिशों के बावजूद पुलिस खाली हाथ रही। तभी मैदान में उतरा पुलिस डाग स्क्वाड का डाबरमैन टोनी, जिसने पांच मिनट में गुत्थी सुलझा दी।
हैंडलर ने उसे बच्चे का कपड़ा सूंघा और सीधे पड़ोसी की छत से होते हुए दूसरे मंजिल के कमरे तक पहुंचा। वहां जाकर वह अचानक सोफे के पास रुक गया और जोर-जोर से भौंकने लगा। पुलिसकर्मी आगे बढ़े, सोफा हटाया तो सभी दंग रह गए। अपहरण की आशंका में जिसे पूरा शहर खोज रहा था, वह मासूम लक्ष्य वहीं गहरी नींद में सो रहा था।
घटना बुधवार शाम चार बजे की है। चिलुआताल के विशुनपुर रामनगर निवासी 11 वर्षीय लक्ष्य रोजाना शाम पांच बजे ट्यूशन पढ़ता है। बुधवार को शिक्षक के आने पर बाबा सदानंद ने कमरे में ढूंढा तो नहीं मिला।इसके बाद आसपास के लोगों से पूछा तो उन्होंने जानकारी होने से इनकार कर दिया। तभी एक पड़ोसी महिला ने बच्चे को युवकों के साथ जाते देखने की बात कही।
स्वजन घबरा गए,दो घंटे तक तलाश करने के बाद अनहोनी की आशंका में पुलिस को बताया। दादा सदानंद सिंह की तहरीर पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। इसके बाद पूरा तंत्र हरकत में आ गया। चौराहों पर नाकेबंदी हुई, 50 से अधिक कैमरों की फुटेज खंगाली गई, रिश्तेदारों से पूछताछ की गई, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा।
मौके पर पहुंचे एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को देने के साथ ही डाग स्क्वाड बुलाया। हैंडलर ने लक्ष्य का सुबह पहना कपड़ा टोनी को सूंघाया गया। वह तुरंत पड़ोसी के घर पहुंचा, वहां से छत पर चढ़ा और सीधे लक्ष्य के घर के दूसरे मंजिल पर बने कमरे तक आया। सोफे के पास रुककर टोनी ने भौंकना शुरू किया।
पुलिस ने सोफा हटाया तो सामने मासूम लक्ष्य सोते हुए मिला। जागने पर उसने बताया कि वह खेलने में देर कर गया था।कोचिंग छूटने की वजह से घरवाले डाटेंगे इस डर से पड़ोसी की छत से होते हुए अपने घर आया और कमरे में सोफे के पीछे सो गया।
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बच्चे को सकुशल पाकर परिवार की आंखों में आंसू आ गए। पुलिस भी राहत महसूस करने लगी। परिजन और मोहल्ले के लोगों ने खुले दिल से डाबरमैन टोनी की तारीफ की, जिसने अपनी सूंघने की गजब की क्षमता से पूरे मामले को सुलझा दिया।
बच्चे के न मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई।स्टेशन,बस अड्डा के साथ ही आसपास की कालोनी में तलाश शुरू कर दी।घर में ही बच्चे के सुरक्षित मिलने से सभी को बड़ी राहत मिली।डाग स्क्वाड टीम के अहम सदस्य टोनी की भूमिका इस मामले में बेहद अहम रही।
- जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव,एसपी उत्तरी
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