उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग केे चेयरमैन बने पीपीगंज के संजय सिंह श्रीनेत Gorakhpur News
मूलरूप से पीपीगंज के बढय़ा गांव निवासी किसान रामप्रताप सिंह के बेटे संजय सिंह श्रीनेत आज भी अपनी जड़ों से जुड़े हैं। उनके भाई राजीव सिंह पीपीगंज में ही फाइनेंस कंपनी में कर्मचारी हैं। पिछले दिनों माता सरस्वती देवी के बीमार होने पर संजय सिंह गांव आए थे।
गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमैन बने पीपीगंज के संजय सिंह श्रीनेत का सामाजिक सरोकार से भी गहरा नाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में किए जा रहे उनके प्रयासों ने कई जिंदगियों में रंग भर दिया है। गांव माथाबारी में गरीब बच्चों के लिए निश्शुल्क विद्यालय, महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण देने के साथ संजय ने इलाके के लोगों के लिए आनलाइन चिकित्सकीय परामर्श का भी इंतजाम किया है। रविवार को जैसे ही उनके चेयरमैन बनने की खबर गांव पहुंची पूरा इलाका खुशी से झूम उठा। कुछ लोगों ने शाम को घर पहुंचकर उन्हें बधाई भी दी। हालांकि कोरोना के चलते ज्यादा लोगों से मुलाकात नहीं हुई।
सामाजिक सरोकारों से भी संजय श्रीनेत का गहरा नाता
मूलरूप से पीपीगंज के बढय़ा गांव निवासी किसान रामप्रताप सिंह के बेटे संजय सिंह श्रीनेत आज भी अपनी जड़ों से जुड़े हैं। उनके भाई राजीव सिंह पीपीगंज में ही फाइनेंस कंपनी में कर्मचारी हैं। पिछले दिनों माता सरस्वती देवी के बीमार होने पर संजय सिंह गांव आए थे। माथाबारी में घर पर ही उन्होंने विद्यालय खुलवाया है जहां तकरीबन सौ से अधिक बच्चे फिलहाल पंजीकृत हैं। इन बच्चों के लिए जहां वह निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था करते हैं वहीं महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण भी दिलाते हैं। इलाके के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहें इसके लिए उन्होंने जांच मशीन भी स्थापित कराई गई जहां लोगों का पूरा चेकअप होने के साथ उन्हें आनलाइन चिकित्सकीय परामर्श भी मिलता है। इलाके के जय गोपाल सिंह, गंगा जायसवाल, यशवंत सिंह, अमित कुमार सिंह मोनू, जवाहर सिंह, संदीप जायसवाल, सूर्यभान सिंह, संजय कुमार सिंह आदि ने बताया कि संजय सिंह के चलते कई बार अपना गांव और इलाका पूरे देश-दुनिया में चर्चित हुआ आज एक बार फिर पूरा इलाका गौरवान्वित है।
राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित
भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी संजय सिंह आर्थिक और मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के लिए बड़ी मुसीबत थे। अपने पूर्व के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक अपराध, नशीले पदार्थों की तस्करी का भंडाफोड़ करने के साथ उन्होंने कई सम्पत्ति जब्त कर भारी अर्थदंड वसूला था। मनी लांड्रिंग से संबंधित कई मामलों में सख्त कार्यवाही के बाद वह काफी चर्चा आए थे। उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 2010 में राष्ट्रपति ने उन्हें सम्मानित भी किया था। भारत सरकार के लिए अत्याधिक राजस्व संग्रहित करने पर उन्हें 1998 में भी सम्मान पत्र मिला था।
इलाहाबाद और जेएनयू से की पढ़ाई
लखनऊ के काल्विन तालुकेदार्स कालेज से शुरुआती पढ़ाई करने वाले संजय सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी अध्ययन किया। नेशनल डिफेंस कालेज से एम. फिल करने के बाद उनका चयन आइआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) के लिए हो गया।
दुनिया के कई देशों में किया काम
वर्ष 2005 से 2009 तक भारतीय उच्चायोग लंदन में प्रथम सचिव रहे संजय सिंह 2009 से 2014 तक डायरेक्टर आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस राजस्थान के प्रभारी रहे। 2015 से 2020 तक ईडी के नार्दन रीजन के विशेष निदेशक रहे संजय श्रीनेत ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव व्यापार के पद पर तैनाती के दौरान यूरोपीय देशों के प्रभारी रहे।