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    गोरखपुर में दुल्हों के लिए शाही पोशाक, थीम वाले सूट की बढ़ी मांग

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 03:14 PM (IST)

    गोरखपुर में शादियों में थीम आधारित कपड़ों का चलन बढ़ गया है, जिससे दूल्हों के पहनावे में भी बदलाव आया है। लोग राजसी लुक वाले रेडीमेड कपड़े और कलात्मक डिजाइन पसंद कर रहे हैं। इंडो-वेस्टर्न और हस्तकला वाले कपड़ों की मांग बढ़ रही है। फिटिंग के लिए लोग टेलर के पास जा रहे हैं और पुराने फैशन की ओर रुझान बढ़ रहा है। शेरवानी में पैचवर्क और जरी-जरदोजी जैसे डिजाइन भी पसंद किए जा रहे हैं।

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    ब्रांडेड आउटलेट में अलग- अलग डिजाइन के कोट। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शादी एवं अन्य मांगलिक आयोजनों में थीम आधारित परिधानों का चलन जिस तरह से बढ़ा है, उसी तरह दूल्हों के पहनावे में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। रेडीमेड परिधानों में राजसी लुक वाले पोशाक और कलात्मक डिजाइन की झलक लोग खूब पसंद कर रहे हैं। इंडो-वेस्टर्न, पैचवर्क और हस्तकला के संगम वाले कपड़ों की मांग लगातार बढ़ रही है। राजा-महाराजाओं की पोशाक, महलों की नक्काशी, प्राकृतिक दृश्यों और पशु-पक्षियों की आकृतियों वाले सूट और शेरवानी भी खूब बिक रही हैं। दूल्हों के साथ उनके स्वजन और मित्र भी अलग-अलग थीम वाले वस्त्रों का चयन कर रहे हैं। इस बीच शानदार फिटिंग की चाहत रखने वाले ऐसे कपड़े सिलवाने के लिए टेलर मास्टर के पास भी खूब पहुंच रहे हैं।

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    गोलघर स्थित जेजे टेलर्स के मास्टर मोहम्मद असलम बताते हैं कि शादी की हर रस्म के लिए लोग अलग तरह के सूट सिलवा रहे हैं। रेडीमेड के जमाने में कोट-पैंट की सिलाई भले पहले की तुलना में कम हुई है, पर शरीर की बनावट के अनुसार फिटिंग वाले कपड़ों की मांग बनी हुई है। खोआमंडी गली रोड स्थित बशीर एंड संस टेलर्स के तनवीर लगभग 35 वर्ष से सिलाई का कार्य कर रहे हैं। वे बताते हैं कि युवाओं की पसंद फिर पुराने दौर की ओर लौट रही है। बेलबाटम पैंट, दो कालर वाले कोट आदि का चलन बढ़ा है।

    स्माइल एंड संस के प्रोपराइटर परवेज आलम ने बताया कि दूल्हे के शरीर पर सूट ठीक तरह से बैठे, इसलिए सिलाई अभी भी बेहतर विकल्प माना जा रहा है। खुला गला, दो बटन, चार जेब, थ्री पीस सूट और डबल ब्रेस कोट की मांग बढ़ गई है।

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    पार्क रोड स्थित मान्यवर मोहे के स्टोर मैनेजर विजय सिंह बताते हैं कि शेरवानी में पैचवर्क और जोधपुरी हस्तकला जैसी डिजाइन लोगों की पहली पसंद बन गया है। प्रिंस कालर और चाइनीज कालर के कोट भी दूल्हों में लोकप्रिय हैं। राजा-महाराजाओं की पोशाकों की तरह डिजाइन वाली शेरवानी, महल की नक्काशी वाले सूट, प्रकृति की सुंदरता वाले वस्त्र और थीम आधारित कपड़ों की बिक्री हो रही है।

    उनका कहना है कि हर रस्म के लिए अलग परिधान का चलन बढ़ा है। सगाई, तिलक, हल्दी, मेहंदी, संगीत, वरमाला, मंडप, विदाई और बहूभोज के आदि अवसर के लिए अलग डिजाइन के कपड़े दूल्हों की ओर से चुने जा रहे हैं। दूल्हे के परिवार, मित्रों और रिश्तेदारों के लिए भी पूरा सेट उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सीक्वेंस वर्क, कांच, धागे की बुनाई, जरी-जरदोजी और मोती जड़े परिधानों की मांग भी है।