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    गोरखपुर चिड़ियाघर में मां ने ठुकराया, अब खुद को घायल कर रहा बाघ का शावक

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 07:23 AM (IST)

    गोरखपुर चिड़ियाघर में सीतापुर से लाए गए बाघ के शावक को उसकी मां ने ठुकरा दिया है। शावक अपने आक्रामक व्यवहार के कारण खुद को घायल कर रहा है। चिड़ियाघर प्रशासन उसकी मानसिक स्थिति को सामान्य करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन शावक के करीब जाने से डर रहे हैं। शावक को नाइट सेल में अलग बाड़े में रखा गया है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जीतेंद्र पांडेय, गोरखपुर। शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में में सीतापुर से लाए गए बाघ के शावक ने चिड़ियाघर प्रशासन परेशानी बढ़ा दी है। नाइट सेल में मां से अलग बाड़े में रह रहा यह शावक किसी को भी देखकर अटैक कर रहा है। इससे बाड़े में लगे लोहे के छड़ से टकराकर वह चोटिल हो जा रहा।

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    प्रशासन उसके आक्रामक व्यवहार से भयभीत होकर दूर से ही उसकी निगरानी कर रहा है। हैरत की बात यह है कि शावक की मां बाघिन भी उसे अपनाने को तैयार नहीं है।

    सीतापुर जिले के महोली तहसील स्थित नरनी गांव के जंगल में बाघों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई थी। इसी के चलते वन विभाग की टीम ने वहां की एक बाघिन और बाघ को ट्रैंकुलाइज कर रेस्क्यू किया था। इसके बाद बाघ को कानपुर और बाघिन को गोरखपुर चिड़ियाघर भेज दिया। कुछ ही समय बाद उसी क्षेत्र में दोनों के एक शावक का भी टीम ने रेस्कयू किया। स्वास्थ्य का परिक्षण करने के बाद टीम ने शावक को गोरखपुर चिड़ियाघर उसके मां के पास भेजने का निर्णय लिया।

    वन विभाग की टीम उसे लेकर यहां पहुंची तो चिड़ियाघर प्रशासन शावक को पहले उसकी मां के पास ले गए, मां ने उसे नहीं अपनाया और देखते ही अक्रामक हो गई। फिर प्रशासन ने नाइट सेल में ही शावक को एक अलग बाड़े में रख दिया और जू कीपर उसकी निगरानी करने लगे।

    लेकिन, जब भी उसके पास जू कीपर या चिकित्सक जा रहे थे, वह चिल्लाते हुए पंजा मार रहा और बाड़े के अंदर इधर-उधर दौड़ लगाकर छड़ से टकराकर गिर जा रहा। इससे उसे चोट लग रही है।

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    चिड़ियाघर के उप निदेशक एवं मुख्य वन्यजीव चिकित्सक डा. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि शावक की उम्र करीब एक वर्ष है। बाघिन और शावक को नाइटसेल में रखते हुए अलग-अलग बाड़े में रखा गया है। दोनों को एक-दूसरे से मिलाने का प्रयास नहीं किया जा रहा।

    शावक के व्यवहार पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। चिड़ियाघर प्रशासन उसकी मानसिक स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में जुटा है। लेकिन, उसके करीब न जाकर दूर से ही यह सभी प्रक्रिया अपनायी जा रही है। नजदीक जाने पर वह दौड़ लगा रहा और छड़ से टकराकर गिर रहा है।