सुर्खियों में राखी हत्याकांड: सात वर्ष बाद नेपाल से आयी पीएम रिपोर्ट, छह माह तक ऐसे रचा गया था जिंदा होने भ्रम
शाहपुर क्षेत्र की राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव के अपहरण और नेपाल में हुई हत्या का मामला सात वर्ष बाद फिर सुर्खियों में है। नेपाल के पोखरा से पोस्टमा ...और पढ़ें

एसटीएफ ने चिकित्सक समेत तीन को गिरफ्तार कर किया था पर्दाफाश। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शाहपुर क्षेत्र की रहने वाली राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव के अपहरण और नेपाल में हुई हत्या का मामला सात वर्ष बाद एक बार फिर सुर्खियों में है। लंबे इंतजार के बाद नेपाल के पोखरा से पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सत्यापित प्रति सामने आने से इस बहुचर्चित हत्याकांड को नया कानूनी आधार मिला है।
रिपोर्ट मिलने के बाद न सिर्फ हत्या की विधि की आधिकारिक पुष्टि हुई है, बल्कि आरोपियों की भूमिका की दोबारा गहन कानूनी समीक्षा का रास्ता भी खुल गया है।
राखी के भाई, जो इस मुकदमे के वादी हैं, ने नेपाल से पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त किया है।एसटीएफ ने वर्ष 2018 में घटना का पर्दाफाश किया था लेकिन आधिकारिक पीएम रिपोर्ट के अभाव में विवेचना और आरोप पत्र परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित था।
एसटीएफ की जांच के अनुसार, जून 2018 में राजेश्वरी उर्फ राखी श्रीवास्तव की नेपाल के कास्की जिले के सारंगकोट क्षेत्र (पोखरा) में पहाड़ से धक्का देकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने की साजिश रची गई और यह दिखाने का प्रयास किया गया कि राखी जीवित है।
आरोपितों ने करीब छह महीने तक उसकी फेसबुक आइडी सक्रिय रखी, पोस्ट और गतिविधियां जारी रहीं, ताकि परिवार और पुलिस को गुमराह किया जा सके।21 दिसंबर 2018 को एसटीएफ ने शहर के एक चिकित्सक और उसके दो कर्मचारियों को गिरफ्तार कर शाहपुर पुलिस के हवाले किया था।
पूछताछ में सामने आया था कि डॉक्टर का राखी से वर्षों पुराना संपर्क था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट नेपाल से न मिल पाने के कारण एसटीएफ को फोटो कॉपी, डिजिटल साक्ष्य और परिस्थितिजन्य तथ्यों के आधार पर ही आरोप पत्र दाखिल करना पड़ा था।
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जांच में यह भी सामने आया कि राखी मूल रुप से बिहार के गया की रहने वाली थी। वर्ष 2011 में अपने पिता का उपचार कराने डाॅक्टर के यहां आई थी। इसी दौरान उसकी डाॅक्टर से जान-पहचान हुई। फरवरी 2018 में राखी ने गया निवासी एक युवक से शादी की थी। इसके कुछ माह बाद वह अपने पति के साथ नेपाल घूमने गई थी।
आरोप है कि वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया और बाद में हत्या कर दी गई। अब सात वर्ष बाद नेपाल से आयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राखी की मौत दुर्घटना नहीं थी। रिपोर्ट के आधार पर अब केस में धाराओं की मजबूती, साक्ष्यों का पुनर्मूल्यांकन और आरोपियों की भूमिका की दोबारा समीक्षा की जा सकेगी।

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