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    Railway Fake Bharti: रेलवे फर्जी भर्ती मामले का गोरखपुर-प्रयागराज कनेक्शन, तीन और आरोपियों के खाते फ्रीज

    Updated: Tue, 25 Mar 2025 11:14 PM (IST)

    रेलवे में फर्जी भर्ती मामले में यूपी के तीन और आरोपितों के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा भंवर सिंह का भी खाता फ्रीज किया गया है। जांच में पता चला है कि जालसाजों ने गोरखपुर को फर्जी भर्ती का बड़ा सेंटर बनाया था। आरोपितों ने अभ्यर्थियों से आठ से दस लाख रुपये लेकर उन्हें रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था।

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    रेलवे फर्जी भर्ती मामले में यूपी के तीन और आरोपितों के खाते फ्रीज। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। रेलवे में फर्जी भर्ती प्रकरण में जांच के साथ ही जीआरपी की कार्रवाई भी तेज हो गई है। इस मामले में जिन खातों का उपयोग काले धन को सफेद करने या अन्य संदिग्ध गतिविधियों में किया गया, उसे फ्रीज किया जा रहा है।

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    इसी कड़ी में फर्जी भर्ती के रैकेट में शामिल उत्तर प्रदेश के मनीष शुक्ला उर्फ राघवेंद्र, उर्फ अनिल पांडेय और उसके ड्राइवर बिट्टू पांडेय का खलीलाबाद स्थित एचडीएफसी बैंक के खाते को फ्रीज करा दिया गया है। इसके साथ ही भंवर सिंह के प्रयागराज स्थित बैंक आफ इंडिया बैंक की सैदाबाद शाखा का खाता भी फ्रीज कराया गया है।

    जालसाजों ने फर्जी भर्ती का बड़ा सेंटर गोरखपुर बनाया था

    अब तक की जांच में पुलिस को लग रहा कि जालसाजों ने फर्जी भर्ती का एक बड़ा सेंटर गोरखपुर को बनाया हुआ था। जालसाजों के आका तक पहुंचने में पुलिस जुटी हुई है। जांच अधिकारी के अनुसार जालसाजों ने रेलवे में भर्ती कराने के नाम पर गोरखपुर में ही अभ्यर्थियों से आठ से दस लाख रुपये ले रहा था। पैसे का ट्रांजेक्शन वहीं से बैठकर कर रहा था।

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    हाल के दिनों में खाते से काफी पैसा निकाला गया

    पुलिस के अनुसार पकड़े जाने के डर से आरोपितों ने खाते से काफी पैसा हाल के दिनों में निकाला है। इसकी भी जांच चल रही है। गोरखपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजे गए शुभम निषाद और पंकज श्रीवास्तव से पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि राघवेंद्र शुक्ला हवाला करोबार से भी जुड़ा हुआ है।

    इसके साथ महादेव एप के माध्यम से सट्टा भी खेलता है। पुलिस की एक टीम ने महादेव एप से जानकारी मांगी है कि राघवेंद्र ने सट्टा में कितना पैसा लगाया। माना जा रहा है कि इसमें भी धन लगाकर उसने करोड़ों रुपये कमाए हैं।

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    इन प्रदेश के लोगों को बनाते थे शिकार

    पता चला कि ये लोग भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फांसते हैं। खासकर झारखंड, कोलकाता, ओडिशा आदि आदिवासी इलाके के लोगों को कैजुअल भर्ती कराकर पांच से छह लाख रुपये ठग ले रहे थे। इंटरव्यू के समय एक लाख रुपये ले लेते थे। इसके लिए किसी रेल अधिकारी के कार्यालय को चुनते थे। कर्मियों से मिलकर भर्ती की पूरी प्रक्रिया उसके सामने करके पूरे पैसे लेते थे। मोतिहारी, छपरा के हॉल्ट पर ट्रेनिंग कराई जाती थी।