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    UP के इस जिले में 3141 ऑटो पर लगेंगे 'QR', स्कैन करते ही सामने होगा विवरण

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 11:32 AM (IST)

    गोरखपुर में अब ऑटो रिक्शा की पहचान क्यूआर कोड से होगी। शहर के 3141 ऑटो पर यह कोड लगेगा, जिसे स्कैन करते ही पूरी जानकारी मिल जाएगी। 1 नवंबर से यह नियम अनिवार्य होगा। यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए यह फैसला लिया गया है। ई-रिक्शा के लिए जोन निर्धारित किए गए हैं और पार्किंग स्थलों की मांग की गई है।

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    पूरी तरह प्रतिबंधित होंगे बाहर के ऑटो, ओवरब्रिज पर चढ़ने से रोके जाएंगे ई रिक्शा

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महानगर में चलने वाले आटो की पहचान अब आसान होगी। कोई भी व्यक्ति आटो से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेगा। इसके लिए महानगर में चलने वाले 3141 आटो पर 'क्यूआर कोड' लगाए जाएंगे।'क्यूआरआर कोड' स्कैन करते ही उसका पूरा विवरण सामने आ जाएगा। एक नवंबर से सभी आटो पर ''''क्यूआर कोड'''' अनिवार्य हो जाएगा। अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई होगी।

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    यह अहम निर्णय गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में महानगर यातायात व्यवस्था समिति की आटो रिक्शा व ई रिक्शा यूनियनों के साथ आयोजित बैठक में लिया गया। इस दौरान समिति के पदाधिकारियों ने महानगर में जाम से निपटने की योजना बनाने के साथ कई महत्वपूर्ण फैसले लिया।

    सिटी मजिस्ट्रेट उत्कर्ष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में महानगर में यातायात व्यवस्था को सुगम एवं सुदृढ़ किए जाने के लिए वैध एवं परमिट युक्त आटो रिक्शा की पहचान के लिए विशेष क्यूआर कोड लगाए जाने, ई रिक्शा के जोनवार संचालन पर उपस्थित अधिकारियों एवं यूनियन के पदाधिकारियों के साथ विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

    संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) संजय कुमार झा ने बताया कि महानगर में वर्तमान में सीएनजी चालित 2757 आटो रिक्शा एवं एलपीजी/पेट्रोल/सीएनजी समेत कुल 3141 परमिट वैध हैं। आटो रिक्शा को गोरखपुर केंद्र से 16 किमी की परिधि में संचालन के लिए कान्ट्रैक्ट कैरिज परमिट निर्गत किया गया है।

    वैध आटो रिक्शा परमिट की पहचान के लिए क्यूआर कोड आधारित स्टीकर तैयार कराया गया है, जिसे प्रत्येक वैध आटो रिक्शा पर चस्पा कराया जाना है। क्यूआर कोड स्टीकर 24 अक्टूबर तक तैयार कर आटो रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

    एक नवंबर को पुन: बैठक आयोजित कर समीक्षा की जाएगी। संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि ई रिक्शा के लिए महानगर में पांच जोन निर्धारित कर कलर कोडेड स्टीकर निर्गत किए गये थे। समीक्षा के दौरान यातायात निरीक्षक मनोज राय ने बताया कि महानगर के पांच जोन में मात्र दो जोन के लिए ही ई रिक्शा चालकों ने रुचि दिखाई है और उसी जोन पर चल रहे हैं।

    संभागीय परिवहन अधिकारी ने ई रिक्शा का जोनवार संचालन कराने के लिए प्रत्येक जोन हेतु नगर निगम, यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग की टीम गठित करने का सुझाव दिया। चालान के उपरान्त भी यदि ई रिक्शा चालकों द्वारा अनुपालन नहीं किया जाता है तो सीज की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यातायात निरीक्षक ने बताया कि गोरखनाथ, असुरन, मोहद्दीपुर ओवरब्रिज पर ई रिक्शा के संचालन के कारण ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ओवरब्रिज के स्थान पर पुल के नीचे से ई रिक्शा वाहनों के संचालन कराने का सुझाव दिया।

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    ऑटो एसोसिएशन ने महानगर के यूनिवर्सिटी चौक (गणेश प्रतिमा के सामने) और धर्मशाला (रेलवे पुलिया के उत्तर तरफ) पार्किंग स्थल तथा गोरखनाथ मार्ग, मोहद्दीपुर से असुरन मार्ग, पैडलेगंज से रुस्तमपुर ढाला, नौसढ़ चौराहा पर स्टैण्ड व पार्किंग स्थल चिह्नित करने की मांग की। पदाधिकारियों ने अवगत कराया कि गोरखपुर में रोडवेज बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन के बाउंड्रीवाल के अन्दर एवं बाहर तथा गणेश तिराहा के पास अनधिकृत वाहनों तथा कार्मल स्कूल से रेलवे म्यूजियम तक बसों को हटाया जाना ट्रैफिक जाम की समस्या के निराकरण के लिए उपयुक्त होगा। यूनियन ने विश्वविद्यालय के पास व्यवसायिक वाहनों का प्रवेश वर्जित करने की भी मांग की।

    ई रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि ई रिक्शा परमिट से मुक्त है एवं वर्तमान में महानगर में लगभग 4000 ई रिक्शा संचालित हो रहे हैं। सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि समस्त ई रिक्शा विक्रेताओं (डीलर्स) की बैठक एक नवंबर को बुलाई जाएगी, जिसमें मानक के अनुसार निर्मित ई रिक्शा का ही विक्रय किए जाने, वाहन विक्रय के समय यातायात पुलिस द्वारा चिन्हित जोन का विशेष चिह्न (कलर कोटेड) प्रदान ई रिक्शा को लेकर चर्चा होगी। उन्होंने सभी ई रिक्शा चालकों से ई रिक्शा के अंदर किराया सूची लगाने के लिए निर्देशित किया।

    बैठक में पुलिस अधीक्षक (यातायात) राजकुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण कुमार, नरेन्द्र यादव, आटो एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार मिश्रा, महामंत्री स्वामीनाथ खरवार आदि उपस्थित थे।