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    UP के इस शहर में ऑटो में लगने लगे 'QR', स्कैन करते सामने होगा विवरण

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 11:34 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के एक शहर में ऑटो रिक्शा में क्यूआर कोड लगाने की शुरुआत हुई है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर ड्राइवर का नाम और पता जैसी जानकारी मिलेगी। इस सुविधा से यात्रियों को सुरक्षा और सुविधा मिलेगी, और ऑटो चालकों की जवाबदेही तय की जाएगी।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण


    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महानगर में चलने वाले ऑटो पर 'क्यूआर कोड' लगने लगे हैं। जिसे मोबाइल फोन से स्कैन करते ही ऑटो का पूरा विवरण सामने आ जाएगा। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के सहयोग से आटो एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ऑटो पर 'क्यूआर कोड' लगाना आरंभ कर दिया है।

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    यद्यपि, शुरुआत बहुत अच्छी नहीं है। नवंबर के पहले पखवारे में अभी तक लगभग 800 ऑटो पर ही 'क्यूआर कोड' लग पाए हैं। 3141 ऑटो पर 'क्यूआर कोड' लगाए जाने हैं। जो एक दिसंबर से अनिवार्य हो जाएगा। 'क्यूआर कोड' के बिना आटो के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

    संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) संजय कुमार झा के अनुसार महानगर में चलने वाले आटो की पहचान आसान होगी। कोई भी व्यक्ति ऑटो से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेगा। 'क्यूआरआर कोड' स्कैन करते ही आटो से संबंधित पूरा विवरण सामने आ जाएगा। महानगर में वर्तमान में सीएनजी चालित 2757 ऑटो रिक्शा एवं एलपीजी/पेट्रोल/सीएनजी समेत कुल 3141 ऑटो के परमिट वैध हैं।

    आटो रिक्शा को गोरखपुर केंद्र से 16 किमी की परिधि में संचालन के लिए कान्ट्रैक्ट कैरिज परमिट निर्गत किया गया है। वैध ऑटो रिक्शा परमिट की पहचान के लिए क्यूआर कोड आधारित स्टीकर तैयार कर दिया गया है, जिसे प्रत्येक वैध ऑटो रिक्शा पर चस्पा कराया जाना है।

    यह भी पढ़ें- गोरखपुर कैंट स्टेशन के आसपास 16 ऑटो का चालान, आठ सीज; अचानक हुई कार्रवाई से मची अफरा-तफरी

    अभी तक तय नहीं हो पाया ई रिक्शा का जोन
    महानगर में अभी तक ई रिक्शा के लिए भी जोन निर्धारित नहीं हो पाए हैं। जबकि, परिवहन विभाग ने पांच जोन तय कर कलर कोटेड स्टीकर भी जारी कर दिया था। लेकिन महानगर में ई रिक्शा बिना जोन और रूट के चल रहे हैं, जो जाम और मार्ग दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं। महानगर में ई रिक्शा के चलते प्रमुख चौराहों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है। जानकारों का कहना है कि ई रिक्शा चालकों की उदासीनता से जोन निर्धारण ठंडे बस्ते में है।