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    प्रो. यूपी सिंह को मिला गोरक्षपीठ के तीन पीठाधीश्वरों का सान्निध्य, अंतिम सांस तक करते रहे सेवा

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 09:50 AM (IST)

    गोरखपुर में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह के निधन से शोक की लहर दौड़ गई। उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रो. सिंह जो गणित के विद्वान थे गोरक्षपीठ के तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में रहे और शिक्षा के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।

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    गोरखपुर आगमन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते प्रो. यूपी सिंह : सौ. गोरखनाथ मंदिर

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यूपी सिंह के निधन की सूचना शहर में तेजी से फैली। सूचना मिलते ही लोग पार्थिव शहर के अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने के लिए उनके गोरखनाथ क्षेत्र स्थित आवास पर उमड़ पड़े।

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    सभी उनसे जुड़े संस्मरणों और गोरक्षपीठ के प्रति उनके समर्पण को याद कर रहे थे। व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। सबका एक स्वर से कहना था कि अपनी विद्वता, कर्मठता और सांगठनिक कौशल के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे।

    मूल रूप से गाजीपुर के रहने वाले प्रो. सिंह का जन्म एक सितंबर 1933 को हुआ था। वह उन विरले लोगों में शामिल रहे जिन्हें गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवेद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ के सान्निध्य में पीठ की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ।

    गणित विषय के विद्वान रहे प्रो. सिंह की बतौर शिक्षक पहली नियुक्ति गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने शिक्षा परिषद के महाराणा प्रताप महाविद्यालय में की थी। गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए महंत जी ने यह महाविद्यालय जब दान में दे दिया तब यूपी सिंह विश्वविद्यालय में गणित के शिक्षक हो गए।

    विश्वविद्यालय में आचार्य और गणित विभाग के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने खूब ख्याति पाई। ख्याति के चलते ही उन्हें पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर का कुलपति बनाया गया। अपने इस दायित्व को भी उन्होंने पूरी कुशलता से निभाया।

    2018 में भोलेंद्र सिंह के बाद उन्हें महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया। अंतिम सांस तक वह इस पद पर बने रहे। शिक्षा परिषद के अंतर्गत जब 2021 में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर की स्थापना की गई तो प्रो. सिंह को इसका प्रति कुलाधिपति बनाया गया।

    प्रो. यूपी सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक और विद्या भारती में भी विविध पद दायित्वों का सकुशल निर्वहन किया। प्रो. सिंह के दो पुत्र है। प्रो. वीके सिंह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रह चुके हैं। दूसरे पुत्र प्रो. आरके सिंह यूपी कालेज में आचार्य पद पर सेवारत हैं।

    प्रो. सिंह ने देश और समाज के लिए जीना सिखाया: डा. प्रदीप राव

    प्रो. यूपी सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलसचिव डा. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि प्रो. सिंह के साथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का एक युग पूर्ण हुआ। उन्होंने मुझे और मेरे जैसे बहुतों को देश और समाज के लिए जीना सिखाया है।

    यह भी पढ़ें- महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह का निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार

    महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के प्रति समर्पित रहना सिखाया। उन्होंने श्रीगोरक्षपीठ के प्रति असीमित श्रद्धा और समर्पण की शिक्षा दी। डा. राव ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद में कार्य करते हुए जब भी कोई निराश होगा, मार्ग धुंधला होगा, पग डगमगाने लगेंगें तब प्रो. यूपी सिंह का जीवन प्रकाश स्तंभ की तरह हमारा मार्ग प्रशस्त करेगा।

    मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आज होगा अंतिम संस्कार

    प्रो. यूपी सिंह का अंतिम संस्कार रविवार को राप्ती नदी के राजघाट पर दिन में 12 बजे से होगा। इस अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रो. सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए उपस्थित रहेंगे। इस बीच प्रो. सिंह के निधन की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

    सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा- 'महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद, गोरखपुर के अध्यक्ष, आदर्श शिक्षक, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गणित विभाग के पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष, पूर्व कुलपति प्रो. यू.पी. सिंह जी का निधन अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों एवं अनुयायियों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद एवं समाज के लिए उनका जीवन सदा मार्गदर्शक बना रहेगा'

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    पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा का मार्ग

    राजेंद्र नगर आवास से श्रीगोरखनाथ मंदिर, धर्मशाला, ट्रैफिक तिराहा, कालीमंदिर , गोलघर, कलेक्ट्री चौराहा, भगत सिंह चौक, अलहदादपुर, प्रेमचंद पार्क, ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी होते हुए राप्ती घाट पुल के किनारे से नगर निगम द्वारा निर्मित घाट।

    इन्होंने दी प्रो. यूपी सिंह को श्रद्धांजलि

    गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, विधायक विपिन सिंह, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, प्रांत प्रचारक रमेश, प्रांत संघचालक डा. महेंद्र अग्रवाल, जिला प्रचारक मोहित, विभाग प्रचारक अजय नारायण, पूर्व प्रांत संघचालक डा. पृथ्वीराज सिंह, प्रांत प्रचार प्रमुख अवधेश, विभाग संघचालक शेषनाथ, प्रांत सह व्यवस्थापक हरेकृष्ण, संघचालक दुर्गा शंकर, सह प्रांत प्रचार प्रमुख डा. उमेश सिंह, व्यापार मण्डल अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार अग्रवाल, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रजनीकांत पांडेय, लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रो. राजवंत राव, प्रौढ़ शिक्षा के पूर्व आचार्य डा. धर्मव्रत तिवारी, विधायक विपिन सिंह, महेंद्र पाल सिंह, डा. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ला व राजेश त्रिपाठी, एमएलसी डा. धर्मेंद्र सिंह, भाजपा के जिलाध्यक्ष जनार्दन तिवारी, महानगर संयोजक राजेश गुप्ता, भाजपा नेता बृजेश मणि मिश्रा, ओमप्रकाश शर्मा, शशिकांत सिंह आदि।

    गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर ने दी श्रद्धांजलि

    महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो प्रो. यूपी सिंह के निधन पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय शोक सभा आयोजित की गई। इस दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

    विश्वविद्यालय के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संकाय में हुई एक श्रद्धांजलि सभा में नर्सिंग कालेज की प्रधानाचार्य डा. डीएस अजीथा व डा. रोहित श्रीवास्तव ने कहा कि प्रो. सिंह से मिला मार्गदर्शन वैचारिक पूंजी के रूप में संरक्षित रहेगा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य और योगदान सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे और आने वाली पीढ़ियां उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करती रहेंगी।

    विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य एवं जीवन विज्ञान संकाय में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। संकाय के कार्यवाहक अधिष्ठाता डा. अमित ने श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि प्रो. सिंह ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और विद्यार्थियों के हित और विकास हेतु एक तपस्वी के समान सदैव अग्रणी भूमिका निभाई।