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    टिकट कन्फर्म होने पर ऑनलाइन भी बुक हो जाएंगे पालतू, गोरखपुर में सुविधा शुरू

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 12:16 PM (IST)

    गोरखपुर में अब पालतू जानवरों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू हो गई है। यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट से एसी फर्स्ट और गार्ड यान के लिए टिकट बुक कर सकते हैं। छोटे पालतू जानवरों के लिए बास्केट का विकल्प भी है। ऑनलाइन बुकिंग में पीएनआर और ओटीपी की आवश्यकता होगी। वहीं, अमरनाथ एक्सप्रेस में पप्पी के ठाठ से यात्रा करने के मामले की जांच शुरू हो गई है। अन्य जानवरों की बुकिंग की सुविधा भी रेलवे में उपलब्ध है।

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    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कन्फर्म आरक्षित टिकट होने पर पालतू (कुत्ता और बिल्ली) भी आनलाइन बुक हो जाएंगे। यात्रियों की तरह पालतू का भी घर बैठे टिकट बन जाएगा। यात्री, रेलवे स्टेशन स्थित पार्सल कार्यालय में मैनुअल के अलावा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर आनलाइन टिकट बुक कर सकते हैं।

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    पालतू का टिकट एसी फर्स्ट (वातानुकूलित प्रथम श्रेणी) और गार्ड यान (ब्रेक वान) के डाग बाक्स के लिए ही बनता है। छोटे पालतू के लिए बास्केट (टोकरी) में यात्रा का टिकट बनता है। गोरखपुर जंक्शन से पालतू के लिए आनलाइन टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है। माह में तीन से चार पालतू का टिकट आनलाइन बुक हो रहा है। एक दर्जन पालतू का टिकट पार्सल कार्यालय में मैनुअल बन रहा है।

    ऑनलाइन टिकट का किराया भी वजन और दूरी के हिसाब से पूर्व निर्धारित ही लग रहा है। पालतू के आनलाइन टिकट के लिए यात्री को आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर पीएनआर और मोबाइल नंबर भरना होता है। अधिकृत नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। ओटीपी दर्ज होते ही बुकिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

    प्रक्रिया पूरी होने के बाद मोबाइल फोन पर बुकिंग का संदेश आ जाएगा। यह संदेश चार्ट बनने के बाद टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीई) के हेंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) पर भी पहुंच जाएगा। आइआरसीटीसी की वेबसाइट पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) से जुड़ा रहेगा। टिकट बुकिंग के समय पीएमएस के माध्यम से ही किराया आदि का निर्धारण होगा। किराये की वापसी नहीं होगी।

    अमरनाथ में पप्पी के ठाठ मामले की शुरू हुई जांच
    अमरनाथ एक्सप्रेस (12587) में बास्केट (टोकरी) में यात्रा के लिए बुक पप्पी किट्टू (शिट्जू) के एसी थर्ड कोच में ठाठ-बाट से यात्रा करने के मामले की भी जांच शुरू हो गई है। स्टेशन डायरेक्टर रतनदीप गुप्ता ने मंडल वाणिज्य निरीक्षक (डीसीआइ) को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल, सोमवार को बास्केट में यात्रा के लिए बुक पप्पी अमरनाथ एक्सप्रेस के कोच नंबर बी 6 के बर्थ नंबर 51 में बेडशीट और कंबल पर आराम फरमाते हुए लखनऊ तक अपनी यात्रा पूरी की। इंटरनेट मीडिया पर मामला प्रसारित होने के बाद पप्पी का ठाठ चर्चा में आ गया है।

    यह भी पढ़ें- बास्केट के लिए बुक पप्पी का एसी कोच में दिखा ठाठ, ट्रेन में कौतूहल का बना विषय

    एसी फर्स्ट में पालतू के लिए बुक होता है कूपा
    एसी फर्स्ट में यात्रा करने वाले यात्रियों को पालतू को साथ ले जाने के लिए कूपा आरक्षित कराना अनिवार्य होता है। एसी फर्स्ट के अलावा डाग बाक्स में पालतू को बुक कर सकते हैं। भारतीय रेलवे में पालतू साथ लेकर चलने व डाग बाक्स की व्यवस्था अंग्रेजों के के समय से चल रहा है। अब तो लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोचों के गार्ड यान में भी विशेष डाग बाक्स बनने लगे हैं। डाग बाक्स के लिए 40 किलोग्राम तथा एसी फर्स्ट के कूपे में 60 किलोग्राम सामान की दर से किराया लगता है।

    एसी सेकेंड, एसी थर्ड, स्लीपर व जनरल में अनुमति नहीं
    एसी सेकेंड, एसी थर्ड, स्लीपर व जनरल में पालतू को साथ लेकर चलने की अनुमति नहीं होती है। बास्केट के लिए बुक पालतू इन कोचों में यात्रियों के साथ चल सकते हैं, लेकिन उन्हें बास्केट से बाहर निकालने की अनुमति नहीं होती। वे बर्थ या सीट पर नहीं बैठ सकते हैं।

    भेड़, बकरी, घोड़े व बकरी की भी होती है बुकिंग
    रेलवे में पालतू ही नहीं अन्य पशु और पक्षियों को भी एक से दूसरे जगह भेजने की व्यवस्था है। भेड़, बकरी, सुअर, हाथी और घोड़े की भी बुकिंग होती है। सभी के लिए अलग अलग नियम हैं।