Gen-Z हिंसा में नेपाल की जेल से भागे 6516 कैदियों की सीमा पर तलाश, खुफिया एजेंसियों की कड़ी नजर
नेपाल में जेन-जेड हिंसा के बाद 6516 कैदी जेल से फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश सीमा पर जारी है। खुफिया एजेंसियां इस मामले पर कड़ी नजर रख रही हैं और सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां फरार कैदियों को पकड़ने के लिए लगातार अभियान चला रही हैं।

सतीश पांडेय, जागरण, गोरखपुर। नेपाल में आठ व नौ सितंबर को हुए जेन-जी उग्र आंदोलन ने पड़ोसी देशों की सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। हंगामे और आगजनी के बीच नेपाल की विभिन्न जेलों से 16316 कैदी फरार हो गए थे। इनमें से 9800 को नेपाल पुलिस और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया, लेकिन 6516 खतरनाक कैदी अब भी फरार हैं, इसमें चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान और रोहिंग्या पृष्ठभूमि के कई अपराधी शामिल हैं, जिनके तार मानव तस्करी, साइबर धोखाधड़ी, हथियार नेटवर्क और ड्रग रैकेट जैसे संगठित अपराधों से जुड़े हैं।
अभिसूचना इकाई की नेपाल शाखा ने पुलिस मुख्यालय को भेजी विस्तृत रिपोर्ट में कहा है कि यह फरारी महज जेल सुरक्षा की चूक नहीं, बल्कि नेपाल में फैली अस्थिरता का बड़ा संकेत है। रिपोर्ट के मुताबिक भागे हुए कैदियों में कई अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि वाले अपराधी भी शामिल हैं, जिन पर विशेष निगरानी की जरूरत है।जेल से भागे कैदियों में चीन के 34, बांग्लादेश के 16, पाकिस्तान के चार अपराधी और तीन रोहिंग्या मुसलमान शामिल हैं।
इन सभी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं,जिनमें मानव तस्करी, साइबर अपराध, फर्जी दस्तावेज़ रैकेट, हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगठित अपराध शामिल हैं।सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इनमें से कई अपराधी नेपाल-भारत सीमा की खुली प्रकृति का फायदा उठाकर भारतीय क्षेत्र में घुस सकते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बलरामपुर सीमा से सटे दांग जिले से 78 कैदी और कपिलवस्तु जेल से 141 कैदी अभी तक पकड़ में नहीं आए हैं। यह दोनों जिले भारतीय सीमा से मात्र कुछ किलोमीटर दूर हैं, इसलिए इन कैदियों के भारत में घुसपैठ की आशंका सबसे अधिक जताई गई है।
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खुफिया एजेंसियां मान रही हैं कि ये अपराधी खुली सीमा और कम निगरानी वाले ग्रामीण मार्गों का उपयोग कर भारतीय क्षेत्र में घुस सकते हैं। इसलिए नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, महराजगंज,बहराइच,श्रावस्ती,पीलीभीत में अतिरिक्त चौकसी बढ़ा दी गई है।
एसएसबी, आइबी, एटीएस और स्थानीय पुलिस मिलकर संयुक्त सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। बार्डर से लगने वाले 10 किलोमीटर दायरे में होटलों, ढाबों, बस स्टैंड और किराए के घरों की जांच तेज कर दी गई है।

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