नारायणी नदी पर 854 मीटर लंबे पुल को रेलवे की हरी झंडी, जोड़ेगा गोरखपुर-वाल्मीकिनगर डबल लाइन
रेलवे ने नारायणी नदी पर 854 मीटर लंबे पुल के निर्माण को हरी झंडी दिखा दी है। यह पुल गोरखपुर-वाल्मीकिनगर डबल लाइन परियोजना का हिस्सा है, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी और क्षेत्र का विकास होगा। इस परियोजना से पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पनियहवा-वाल्मीकिनगर के बीच नारायणी नदी (गंडक) पर रेलवे का 854 मीटर लंबा महत्वपूर्ण पुल बनेगा। रेलवे प्रशासन ने पुल के निर्माण की हरी झंडी दे दी है। निर्माण संगठन ने पुल निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही निर्माण कार्य आरंभ हो जाएगा। रेलवे का यह पुल गोरखपुर-वाल्मीकिनगर डबल लाइन को जोड़ेगा।
गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर रूट का दोहरीकरण आरंभ हो गया है। निर्माण कार्य पांच चरण में पूरा होगा। पहले चरण में कैंट-पिपराइच (16.09 किमी), द्वितीय चरण में पिपराइच-कप्तानगंज (19.72 किमी), तृतीय चरण में कप्तानगंज-सिसवा बाजार (26.16 किमी), चौथे चरण में सिसवा बाजार-पनियहवा (20.87 किमी) तथा पांचवें चरण में पनियहवा-वाल्मीकीनगर (13.10 किमी) का निर्माण कार्य पूरा होगा।
प्रथम चरण में निर्माण शुरू है। गोरखपुर से कप्तानगंज के बीच रेल लाइन बिछाने, पुल और स्टेशन भवन बनाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। गोरखपुर कैंट-वाल्मीकीनगर खण्ड (95.95 किमी) के दोहरीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने 1120.66 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। इस रेलमार्ग पर नौ क्रासिंग स्टेशन, तीन हाल्ट स्टेशन, 10 बड़े व 43 छोटे और एक महत्वपूर्ण पुल बनाए जाने हैं।
दरभंगा तक बिछेगी डबल लाइन, सुगम होगी नेपाल की राह
रेल मंत्रालय ने गोरखपुर- नरकटियागंज से आगे और करीब 256 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी है। इसमें बिहार के नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा एवं सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण शामिल है। इस रेल लाइन पर 4,553 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 87 लाख रोजगार का सृजन होगा।
डबल लाइन के निर्माण से न सिर्फ पूर्वोत्तर के राज्यों से उत्तर प्रदेश और बिहार का रेल नेटवर्क मजबूत होगा, बल्कि उत्तर राज्यों से भी मांग के अनुसार अधिक से अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। नेपाल और उत्तर-पूर्व भारत के बीच रेल संपर्क में भी वृद्धि होगी।
यह भी पढ़ें- गोरखपुर में बारिश से सुधरी शहर की हवा, दिवाली के अब मिली 'राहत की सांस'
दिसंबर तक भटनी-बनारस डबल लाइन पर चलने लगेंगी ट्रेनें
पूर्वोत्तर रेलवे के भटनी-बनारस-प्रयागराज रेलमार्ग के डबल लाइन पर दिसंबर 2025 तक ट्रेनों का संचालन आरंभ हो जाएगा। भटनी से औड़िहार तक चल रहे दोहरीकरण कार्य में भी तेजी आई है। जानकारों के अनुसार भटनी- औड़िहार खण्ड (117 किमी) दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत किड़िहरापुर-इन्दारा (12.98 किमी), सादात-औड़िहार (18.21 किमी), भटनी-पिवकोल (5.25 किमी), बेलथरा रोड-किड़िहरापुर (13.85 किमी) सहित अब तक कुल 50.29 किमी कार्य पूरा हो गया है।
तुर्तीपार में सरयू नदी पर पुल का निर्माण कार्य भी तेज गति से चल रहा है। दोहरीकरण परियोजना की कुल लागत 2529.46 करोड़ रुपये है। वर्ष 2024- 25 के बजट में इस परियोजना को पूरा करने के लिए 413.33 करोड़ का आवंटन किया गया।
नकहा-आनंदनगर-बढ़नी-गोंडा डबल लाइन के लिए सर्वे पूरा
गोरखपुर नकहा जंगल-बढ़नी-गोंडा लगभग 215 किमी रेलमार्ग पर डबल लाइन बिछाने के लिए सर्वे कार्य पूरा हो गया है। अगले वर्ष से इस रेलमार्ग पर भी डबल लाइन निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। डबल लाइन बन जाने से बिहार से लखनऊ-दिल्ली-मुंबई जाने वाली ट्रेनों को चलाने के लिए रेल प्रशासन को एक वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा।
गोरखपुर कैंट- वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत पुल संख्या 50 पर गंडक नदी के ऊपर रेल पुल के निर्माण हेतु निविदा जारी कर दी गई है। इस पुल की लंबाई 854 मीटर होगी। पुल का निर्माण हो जाने से लाइन क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी, जिसके फलस्वरूप इस रेल मार्ग पर अधिक ट्रेनों का संचलन संभव हो सकेगा।
- पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।