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    रात को गांवों के ऊपर उड़ते हैं ड्रोन, लोगों को सता रहा पशु तस्करी और चोरी का डर

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 12:09 PM (IST)

    गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में रहस्यमय ड्रोन उड़ने से दहशत का माहौल है। ग्रामीण रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं। पुलिस जांच में जुटी है ड्रोन का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं है। आशंका जताई जा रही है कि अपराधी ड्रोन से गांव की रेकी कर रहे हैं। पुलिस ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और ड्रोन दिखने पर सूचना देने की अपील की है।

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    रात में गांवों के ऊपर मंडरा रहा है खौफ। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर । ग्रामीण इलाकों में रात के अंधेरे में उड़ता रहस्यमयी ड्रोन अब पुलिस और प्रशासन के लिए नया सिरदर्द बन गया है। गांववालों का कहना है कि यह ड्रोन कभी खेतों के ऊपर मंडराता है तो कभी आबादी वाले हिस्से पर देर तक घूमता रहता है।

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    कोई इसे पशु तस्करों की रेकी बता रहा है, तो कोई चोरों द्वारा वारदात से पहले निगरानी करने का अंदेशा जता रहा है। ड्रोन की सूचना मिलने पर कई बार पुलिस मौके पर पहुंची। मगर, अब तक न तो आपरेटर का पता चला है और न ही मकसद साफ हो पाया है। बड़हलगंज, गोला, पीपीगंज, खोराबार, चौरीचौरा और सहजनवा क्षेत्र के गांवों में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोग रातभर जागकर पहरा दे रहे हैं।

    क्या बोले ग्रामीण?

    ग्रामीणों का कहना है कि अगर अपराधी कैमरे से गांव की गतिविधियां रिकार्ड कर रहे हैं तो यह सीधे-सीधे कानून-व्यवस्था पर हमला है। महिलाओं और बच्चों का कहना है कि अंधेरा होते ही घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है। एसएसपी राजकरन नय्यर ने थानों को अलर्ट करते हुए कहा है कि ड्रोन दिखने पर तुरंत टीम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को भरोसे में ले।

    डीआइजी डा. एस. चनप्पा ने का कहना है कि गांवों के ऊपर उड़ने वाले ड्रोन की घटनाओं की हर स्तर से जांच की जा रही है। अपराधियों की नई चाल? स्थानीय लोगों का मानना है कि ड्रोन के जरिए पशु तस्करी के रूट चिन्हित किए जा रहे हैं या फिर चोरी और डकैती की वारदातों से पहले गांव की रेकी हो रही है। यह भी आशंका है कि अपराधी पुलिस की गश्त और गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    ड्रोन की उड़ान क्षमता : छोटे ड्रोन: 20-30 मिनट तक उड़ने के साथ ही दो से तीन किमी तक दूरी तय कर सकते हैं। हाई-रेंज ड्रोन: 5 से 7 किमी तक, नाइट विजन कैमरे और जीपीएस से लैस होते हैं। कई ड्रोन बिना आवाज के भी उड़ सकते हैं, जिससे पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।

    बचाव कैसे करें?

    -ड्रोन दिखते ही तुरंत 112 या नजदीकी थाने पर सूचना दें।

    - घर और पशुशाला के पास सीसी कैमरे लगवाएं।

    - रात में घरों और रास्तों पर रोशनी बढ़ाएं।

    - अफवाह न फैलाएं, लेकिन संदिग्ध गतिविधियों को नजरअंदाज भी न करें।

    जिले में दो वर्ष पहले लागू हुई थी ड्रोन नियमावली

    बिना अनुमति के शहर में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस अधिकारियों ने दो वर्ष पहले ही ड्रोन पालिसी 2023 को लागू किया था। सुरक्षा के लिहाज से शहर को तीन जोन (रेड,येलो व ग्रीन) में बांटा गया है। रेड जोन में गोरखपुर एयरफोर्स स्टेशन,एयरपोर्ट और आवासी क्षेत्र को रखा गया है। जिसके आस-पास किसी को भी ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं मिलेगी।

    यहां से 12 किलोमीटर की परिधि को येलो जोन घोषित किया गया है जहां ड्रोन उड़ाने के लिए एसएसपी कार्यालय से अनुमति से लेनी पड़ेगी। कराना होता है रजिस्ट्रेशन ड्रोन रखने वालों को नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का प्राविधान है। इसके साथ ही ड्रोन की गतिविधियों पर थाना स्तर पर भी निगरानी करने की व्यवस्था बनाई गई है।