गोरखपुर MMUT ने NIRF 2025 में लहराया परचम, पांच श्रेणी में टॉप-100 में मिला स्थान
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एनआईआरएफ रैंकिंग में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पाँच श्रेणियों में शीर्ष 100 में स्थान पाया। ओवरऑल श्रेणी में 99वां स्थान मिला। गोरखपुर विश्वविद्यालय ने भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 151-200 बैंड के बीच जगह बनाई। एमएमएमयूटी की सफलता मानकों पर खरे उतरने का परिणाम है और गोवि की उपलब्धि शिक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी प्रतिष्ठित एनआइआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग मेंं मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का परचम लहराया है। विश्वविद्यालय ने एनआइआरएफ-2025 रैंकिंग में पांच श्रेणियों में देश के शीर्ष 100 संस्थानों में स्थान बनाया है।
ओवरआल श्रेणी में देश भर में 99वीं, इंजीनियरिंग श्रेणी में देश में 60वीं, विश्वविद्यालय श्रेणी देश में 68वीं, मैनेजमेंट श्रेणी में देश में 83वीं और राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में देश में 23वीं रैंक हासिल की है।
विश्वविद्यालय के आइक्यूएसी निदेशक प्रो. वीएल गोले ने बताया कि एनआइआरएफ विद्यार्थियों की संख्या, छात्र शिक्षक अनुपात, संसाधनों की उपलब्धता एवं सदुपयोग, शिक्षकों एवं शोध छात्रों के प्रकाशित किए जा रहे शोध की संख्या एवं गुणवत्ता, पेटेंट, छात्रों की प्लेसमेंट, परीक्षा का स्तर, महिलाओं और आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिनिधित्व जैसे मानकों पर उच्च शिक्षण संस्थानों को परखता है। इन सभी मानकों पर विश्वविद्यालय ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसी के परिणामस्वरूप उसे यह ऐतिहासिक सफलता प्राप्त हुई है।
प्रो. गोले ने बताया कि ओवरआल श्रेणी में प्रदेश के मात्र दो राज्य विश्वविद्यालय शीर्ष 100 में जगह बना पाए हैं। इनमें लखनऊ के केजीएमयू को 83वीं और एमएमयूटी को 99वीं रैंक मिली है। विश्वविद्यालय श्रेणी में केवल तीन राज्य विश्वविद्यालय शीर्ष 100 में जगह बना पाए हैं।
इनमें केजीएमयू को 50वीं, एमएमयूटी को 68वीं और लखनऊ विश्वविद्यालय को 98वीं रैंक मिली है। इंजीनियरिंग श्रेणी में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में मात्र एमएमयूटी ही 60वीं रैंक के साथ शीर्ष 100 में शामिल है। इसके अलावा कोई अन्य राज्य विश्वविद्यालय शीर्ष 100 में नहीं है। इतना ही नहीं इंजीनियरिंग श्रेणी में एमएमयूटी की रैंक देश के तीन आइआइटी पलक्कड, आइआइटी भिलाई और आइआइटी धारवाड़ से बेहतर है।
इसी तरह एमएमयूटी की रैंक 11 एनआईटी संस्थानों एमएनएन आइटी प्रयागराज, एसवीएनआइटी, सूरत, एनआइटी दिल्ली, एनआइटी श्रीनगर, एनआइटी भोपाल, एनआइटी जमशेदपुर, एनआइटी कुरुक्षेत्र, एनआइटी रायपुर, एनआइटी मेघालय, एनआइटी हमीरपुर और एनआइटी पांडिचेरी से बेहतर है।
मैनेजमेंट श्रेणी में प्रदेश के मात्र दो राज्य विश्वविद्यालय शीर्ष 100 में शामिल हैं, जिनमें एमएमयूटी को 83वीं और लखनऊ विश्वविद्यालय को 100वीं रैंक मिली है। सरकारी राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में प्रदेश के चार विश्वविद्यालय शीर्ष में शामिल हैं, जिनमें एमएमयूटी को 23वीं, लखनऊ विश्वविद्यालय को 27वीं, केजीएमयू को 29वीं और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ को 41वीं रैंक मिली है।
2024 की एनआइआरएफ रैंकिंग में विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग श्रेणी में देश भर में 84वां स्थान, विश्वविद्यालय श्रेणी में देश भर में 94वां स्थान, और सरकारी राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में देश भर में 40वां स्थान प्राप्त हुआ था। पिछले वर्ष विश्वविद्यालय को तीन श्रेणियों इंजीनियरिंग, विश्वविद्यालय, एवं सरकारी राज्य विश्वविद्यालय में ही 100 में जगह मिली थी। इस वर्ष दो अन्य श्रेणियों ओवरआल श्रेणी तथा मैनेजमेंट भी शीर्ष 100 में स्थान मिला है। वर्ष 2024 के मुकाबले इस वर्ष तीनों श्रेणियों में रैंकिंग के सुधार भी हुआ है।
आइक्यूएसी और रैंकिंग सेल के सभी पदाधिकारियों की मेहनत रंग लाई है। सभी की मेहनत से यह परिणाम आया है और आगे इस रैंकिंग को और ऊपर ले जाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर हम सभी को कार्य करना है। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग से यह उपलब्धि हासिल हुई है।
-प्रो. जेपी सैनी, कुलपति, एमएमयूटी
गोवि को देशभर के विश्वविद्यालय में 200 के अंदर मिला स्थान
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने भी एनआइआरएफ रैंकिंग में अपेक्षाकृत बेहतर सफलता हासिल की है। विश्वविद्यालय ने पहली बार इस प्रतिष्ठित रैंकिंग के दो प्रमुख वर्गों विश्वविद्यालय वर्ग और राज्य विश्वविद्यालय में स्थान हासिल किया है। विश्वविद्यालय को देश भर के विश्वविद्यालयों में 151 से 200 बैंड के बीच स्थान मिला है। जबकि राज्य विश्वविद्यालय वर्ग में 51 से 100 के बीच जगह मिली है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है गोवि प्रदेश के उन केवल नौ राज्य विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसने 51 से 100 रैंकिंग के बीच जगह बनाई है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की शिक्षण, अनुसंधान, अधोसंरचना, समावेशिता और सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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गोरखपुर विश्वविद्यालय ने इससे पहले एनआइआरएफ रैंकिंग के लिए इसने 2017 में आवेदन किया गया था। उस समय विश्वविद्यालय को टाप-200 में स्थान बनाने में तो सफलता मिली थी। छह वर्ष के अंतराल के बाद यूनिवर्सिटी ने 2024 में पूरे उत्साह के साथ आवेदन किया, लेकिन उसे कुछ तकनीकी कमियों की वजह से रैंकिंग में स्थान बनाने में सफलता नहीं मिल सकी थी।
यह उपलब्धि हमारे संकाय सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता का परिणाम है। यह हमारे नवाचार, शोध और उच्च शिक्षा में व्यावसायिकता के प्रति संकल्प को दर्शाती है। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व में शैक्षणिक कार्यक्रमों को और सुदृढ़ करेंगे और राष्ट्र के बौद्धिक, तकनीकी और सांस्कृतिक विकास में सार्थक योगदान देने का हर संभव प्रयास करेंगे।
-प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, गोवि
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