गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि पाठ्यक्रम के गरीब छात्रों को मिलेगी कृषक छात्रवृत्ति, प्रस्ताव स्वीकृत
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने गरीब किसानों के कृषि छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाने के लिए मंडी परिषद को प्रस्ताव भेजा जिसे स्वीकार कर लिया गया है। बीएससी एजी और एमएससी एजी के छात्रों को 3000 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति मिलेगी जिससे उनकी पढ़ाई में आसानी होगी। विश्वविद्यालय छात्रों को हॉस्टल की सुविधा भी देगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने गरीब किसानों के उन छात्रों की चिंता की है, जो कृषि की पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे छात्रों को शासन की योजना के तहत कृषक छात्रवृत्ति दिलाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई है।
इसके लिए विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश मंडी परिषद को प्रस्ताव भेजा है। परिषद ने प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिया है। अग्रेतर कार्यवाही के लिए परिषद ने प्रस्ताव को अपने प्रकरण संचालन मंडल के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। संचालन मंडल की संस्तुति मिलते ही कृषि के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
कृषि संस्थान के समन्वयक डा. रामवंत गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश मंडी परिषद गरीब कृषक परिवारों के कृषि छात्रोंं को मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना के तहत 3000 रुपये प्रति माह कृषक छात्रवृत्ति प्रदान करती है। इस छात्रवृत्ति का लाभ प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों के छात्रों को तो मिलता है लेकिन कृषि संस्थानों के छात्रों को यह छात्रवृत्ति मंडी परिषद के प्रकरण संचालन मंडल की स्वीकृति के बाद ही मिलती है।
इसी क्रम में गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक संस्थान ने बीएससी एजी के 600 और एमएससी एजी के 250 छात्रों को कृषक छात्रवृत्ति देने का प्रस्ताव मंडी परिषद को भेजा था, जिसे परिषद ने स्वीकृति के लिए अपने प्रकरण संचालन मंडल के समक्ष प्रस्तुत किया है।
मंडी परिषद की इस कार्यवाही से विश्वविद्यालय के कृषि संस्थान को यह उम्मीद जग गई है कि अगले सत्र से गरीब छात्रों को कृषक छात्रवृत्ति प्राप्त होने लगेगी। इस छात्रवृत्ति के जरिये वह अपने अध्ययन को आसानी से आगे बढ़ा सकेंगे। धन की अभाव में उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होने पाएगी।
हाॅस्टल के 250 कमरे होंगे कृषि छात्रों के नाम
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कृषि छात्रों के लिए हास्टल की सुविधा भी प्रस्तावित की है। इस क्रम में यह निर्णय लिया है कि हाॅस्टल के 250 कमरे जरूरतमंद बीएससी एजी और एमएससी एजी छात्रों को आवंटित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय की मंशा अपने कृषि छात्रों को बेहतर आवासीय व शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने की है, जिससे वह अध्ययन के दौरान ही व्यावसायिक क्षेत्र में कदम आगे बढ़ा सकें। रोजगार की राह तलाश सकें।
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कृषि के जो छात्र कृषि पृष्ठभूमि से आते हैं, उनमें कृषि शिक्षा के क्षेत्र में उच्च अध्ययन को लेकर विशेष संभावनाएं रहती हैं। आर्थिक दिक्कत उन संभावनाओं पर विराम न लगाने पाए, इसके लिए हमने कृषि छात्रों को उत्तर प्रदेश मंडी परिषद की कृषक छात्रवृत्ति दिलाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है। हमारे प्रस्ताव को मंडी परिषद ने प्रथम दृष्टया स्वीकार भी कर लिया है। अग्रेतर कार्यवाही के लिए अपने प्रकरण संचालन मंडल को दे दिया है। पूरी उम्मीद है कि इसी सत्र में छात्रों को यह छात्रवृत्ति दिलाने में सफलता मिल जाएगी।
-प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय
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